क्या है हलाला और इद्दत? उत्तराखंड में UCC लागू हो जाने के बाद बंद हो जाएंगी ये प्रथाएं

उत्तराखंड में UCC लागू हो जाने के बाद हलाला और इद्दत प्रथा बंद हो जाएंगी। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर ये कौन सी प्रथाएं हैं।

Jan 27, 2025 - 12:37
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क्या है हलाला और इद्दत? उत्तराखंड में UCC लागू हो जाने के बाद बंद हो जाएंगी ये प्रथाएं
उत्तराखंड में UCC लागू हो जाने के बाद हलाला और इद्दत प्रथा बंद हो जाएंगी। ऐसे में ये जानना जरूरी है क

क्या है हलाला और इद्दत? उत्तराखंड में UCC लागू हो जाने के बाद बंद हो जाएंगी ये प्रथाएं

नेता नगरी की टीम द्वारा लिखित, इस लेख में हम हलाला और इद्दत प्रथाओं के बारे में चर्चा करेंगे। साथ ही, उत्तराखंड में UCC (समान नागरिक संहिता) के लागू होने के बाद इन प्रथाओं पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह भी जानेंगे।

हलाला क्या है?

हलाला एक इस्लामिक प्रथा है जिसमें एक महिला अपने पूर्व पति से तलाक लेने के बाद किसी दूसरे पुरुष से शादी करती है। इस प्रथा का मुख्य उद्देश्य यह है कि जब वो महिला अपने पहले पति के पास वापस आना चाहती है, तो उसे पहले उस दूसरी शादी को खत्म करना पड़ता है, यानी उसे उस पुरुष के साथ तलाक लेना होता है। यह प्रथा कई महिलाओं के लिए एक बड़ा सामाजिक चुनौती बन चुकी है।

इद्दत क्या है?

इद्दत एक ऐसा वेधी समय है, जो मुस्लिम महिलाओं को तलाक या पति की मौत के बाद बिताना होता है। यह समय सामान्यतः तीन माह का होता है, जिसमें महिला को किसी अन्य पुरुष से शादी करने की अनुमति नहीं होती। यह प्रथा धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है।

UCC का प्रभाव और नई सामाजिक व्यवस्था

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) के लागू होने के साथ इन प्रथाओं को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। UCC विधि सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और कर्तव्यों की बात करती है, भले ही उनकी धार्मिक पहचान कुछ भी हो। अगर UCC लागू होता है, तो इससे हलाला और इद्दत जैसी प्रथाओं पर रोक लगेगी, जिसे अनेक सामाजिक संगठनों ने पहले से संबोधित किया है।

समाज में बदलाव की आवश्यकता

हलाला और इद्दत की प्रथाएं समाज में विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करती हैं। इससे महिलाओं की स्थिति कमजोर होती है और सामाजिक असमानता बढ़ती है। UCC के लागू होने से समाज में एक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा रही है। यह महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित करेगा और उन्हें अपने जीवन के निर्णय खुद लेने की स्वतंत्रता प्रदान करेगा।

निष्कर्ष

उत्तराखंड में UCC का लागू होना एक नई दिशा की ओर इशारा करता है। यह न केवल हलाला और इद्दत जैसी प्रथाओं को समाप्त कर सकता है, बल्कि महिलाओं को उनके अधिकार और स्वतंत्रता वापस दिला सकता है। समाज को अब बदलाव की दिशा में सोचने की आवश्यकता है और इस नई विधि के प्रभाव को समझना चाहिए। नेता नगरी की टीम सभी नागरिकों से अपील करती है कि वे इन प्रथाओं के खिलाफ आवाज उठाएं और समान नागरिकता के पक्ष में खड़े हों।

Keywords

UCC, हलाला, इद्दत, उत्तराखंड, समान नागरिक संहिता, मुस्लिम महिलाएं, सामाजिक प्रथाएं, महिला अधिकार, सामाजिक असमानता

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