कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री? प्रत्याशी चयन में हो रही देरी पर कांग्रेस ने BJP को घेरा
Delhi Politics: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आए हुए एक सप्ताह से ज्यादा का समय हो चुका है. जनादेश मिलने के बाद बीजेपी अभी तक मुख्यमंत्री उम्मीदवार का चयन नहीं कर पाई है. मुख्यमंत्री उम्मीदवार के चयन में देरी पर विपक्ष हमलावर है. विपक्ष का कहना है कि बीजेपी आंतरिक कलह की वजह से मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं घोषित कर पा रही है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि एक सप्ताह बाद भी मुख्यमंत्री का चयन नहीं कर पाना बीजेपी की आपसी फूट को उजागर करता है. उन्होंने कहा कि विचारहीन बीजेपी के नेता कभी एकमत नहीं रहे हैं. यादव ने तंज कसते हुए कहा, "8 फरवरी के बाद से बीजेपी का हर तीसरा विधायक मुख्यमंत्री पद का दावा कर रहा है. बीजेपी सरकार के 1993 का दौर याद आता है. एक ही कार्यकाल में तीन मुख्यमंत्री बदले गए थे." उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने शीला दीक्षित के नेतृत्व में 15 वर्षों तक स्थिर सरकार चलाई थी. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पूर्ण बहुमत के बाद क्या बीजेपी वर्तमान चुनौतियों का सामना कर पाएगी? दिल्ली को कब मिलने का नया मुख्यमंत्री? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने लोगों से किए वादे पूरे नहीं किए. बीजेपी ने काला धन वापस लाने, 15 लाख खाते में आने, 2 करोड़ नौकरियां प्रतिवर्ष देने और महंगाई पर नियंत्रण पाने का देश की जनता को भरोसा दिलया था. देवेंद्र यादव ने आम आदमी पार्टी को भी घेरा. उन्होंने कहा कि आप नगर निगम में सत्तासीन होने के बावजूद स्थायी समिति का अध्यक्ष नहीं बना पाई. कांग्रेस ने बीजेपी पर बोला जोरदार हमला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी और आप एक सिक्कू के दो पहलू साबित हुए हैं. दोनों ने जन विरोधी नीतियों में एक दूसरे का साथ निभाया है. देवेंद्र यादव ने कहा, "मुख्यमंत्री का नाम फाइनल करने और सरकार गठन के बाद बीजेपी जनता की परेशानियों को खत्म करने में सफल हो पाएगी? क्या बीजेपी वायु और जल प्रदूषण, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में सुधार, सड़कों की बदहाल स्थिति, पीने के पानी, सीवर सिस्टम, यमुना की सफाई, कूड़े के पहाड़ों से निजात दिलाने जैसी समस्याओं का समाधान कर पाएगी?''. ये भी पढ़ें- दिल्ली के सीएम को लेकर बीजेपी में क्या चल रहा है? नए मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल पर क्या है ताजा अपडेट?

कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री? प्रत्याशी चयन में हो रही देरी पर कांग्रेस ने BJP को घेरा
Netaa Nagari - दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी चयन में हो रही देरी पर कांग्रेस पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जमकर निशाना साधा है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी जनता को भ्रमित कर रही है और अपने अंदरूनी विवादों का खेल खेल रही है।
प्रत्याशी चयन में देरी
दिल्ली में चुनावों की तारीखें नजदीक हैं, लेकिन जबकि सभी पार्टियां अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर रही हैं, बीजेपी अभी तक दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए अपने प्रत्याशी का नामक निर्धारण करने में असफल रही है। इस मुद्दे पर कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा है कि बीजेपी ने पिछले चुनावों से कुछ भी नहीं सीखा है और अब भी अपने राजनीतिक खेल में उलझी हुई है।
कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा, "बीजेपी जनता की समस्याओं को ध्यान में नहीं रख रही है और अब चुनावी रणनीति के बजाय अपने अंदरूनी विवादों पर ध्यान दे रही है। यह साफ है कि बीजेपी दिल्ली में मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी चयन नहीं कर पा रही है, जो उनके अंदर की अस्थिरता को दर्शाता है।"
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली की जनता बदलाव की उम्मीद कर रही है और स्थिति को देखते हुए कांग्रेस ही इस चुनाव में आम आदमी के मुद्दों को उठाएगी।
बीजेपी की प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि पार्टी एक उचित और सर्वसम्मति से निर्णय लेने के लिए समय ले रही है। उन्होंने कहा कि चुनावी रणनीति के तहत यह निर्णय लिया जाएगा ताकि जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतर सकें।
जनता की राय
दिल्ली के नागरिकों के बीच इस मुद्दे पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि बीजेपी को समय से अपने प्रत्याशी की घोषणा करनी चाहिए, जबकि कुछ ने बताया कि वे कांग्रेस की विचारधारा से सहमत नहीं हैं। जनता अब स्पष्ट और मजबूत नेतृत्व की मांग कर रही है।
निष्कर्ष
दिल्ली विधानसभा चुनावों में प्रत्याशी चयन पर हो रही इस देरी ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। कांग्रेस द्वारा बीजेपी पर उठाए गए सवाल यह दर्शाते हैं कि राजनीतिक प्रतिस्पर्धा कितनी तीव्र हो चुकी है। अब देखना यह है कि बीजेपी अपने प्रत्याशी का नाम कब घोषित करती है और क्या यह सटीक समय पर होगा या नहीं।
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कुल मिलाकर, चुनावी समय में पार्टी अपनों के बीच संवाद और उम्मीदवार का चयन महत्वपूर्ण होता है। राजनीतिक वादों और दावों के बीच यह देखना दिलचस्प रहेगा कि कौन बनेगा दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री।
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