केजरीवाल की पंजाब के AAP विधायकों से मीटिंग:MLA की पावर बढ़ा सकती है पार्टी; कांग्रेस का दावा- अरविंद CM बनना चाहते हैं
आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज, मंगलवार को दिल्ली में पंजाब के सभी विधायकों और मंत्रियों की मीटिंग बुलाई है। विधायक मीटिंग के लिए पहुंचने लगे हैं। कपूरथला भवन के गेट पर विधायकों की लिस्ट भेजी गई है। चेकिंग के बाद ही अंदर विधायकों को एंट्री दी जा रही है। AAP सूत्रों के मुताबिक पार्टी विधायकों की पावर बढ़ा सकती है। विधायक नाराज थे कि उन्हें पूरी शक्तियां नहीं दी गई हैं। साथ ही विधायकों को दूसरे राजनीतिक दलों से संपर्क में होने की आंशका के चलते हाईकमान विधायकों को एकजुट रहने का संदेश दे सकता है। उधर, कांग्रेस ने दावा किया कि केजरीवाल जल्द पंजाब के मुख्यमंत्री बन सकते हैं। इसका संकेत पंजाब AAP के प्रधान अमन अरोड़ा के किसी हिंदू के भी पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के बयान से मिलता है। इस वजह से उनके 30 विधायक हमारे संपर्क में हैं। हालांकि पंजाब के आप नेताओं ने इसे संगठन की रूटीन मीटिंग करार दिया है। आप प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि पार्टी की मर्जी है कि मीटिंग चंडीगढ़ में करें या फिर दिल्ली। सबसे पहले पंजाब AAP के प्रधान का वह बयान, जिससे विरोधियों को मौका मिला AAP के पंजाब प्रधान अमन अरोड़ा ने एक इंटरव्यू में कहा- पंजाब मोस्ट सेक्युलर स्टेट है। 1984 में आतंकवाद के इतने साल बाद भी हिंदू, सिख और मुस्लिम में नाखून जितना फर्क नहीं। हमारी पार्टी भी मोस्ट सेक्युलर पार्टी है। CM पोस्ट को हिंदू-सिख के क्राइटेरिया से देखना गलत है। इसके लिए सिर्फ मैरिट होनी चाहिए। जो आदमी डिजर्व करता है, उसे जिम्मेदारी मिलनी चाहिए। सिर्फ 2% सिख, फिर भी डॉ. मनमोहन सिंह CM बने, तो किसी ने एतराज नहीं किया। पंजाब में तो 38% हिंदू पॉपुलेशन है, फिर ऐसी बात क्यों?। केजरीवाल की मीटिंग को लेकर पंजाब कांग्रेस की 4 अहम बातें.. 1. केजरीवाल CM बनेंगे, लुधियाना से उपचुनाव लड़ेंगे कांग्रेस विधायक दल नेता प्रताप बाजवा ने कहा- अरविंद केजरीवाल पंजाब के CM बनेंगे। हाल ही में लुधियाना वेस्ट से AAP के MLA गुरप्रीत गोगी का निधन हुआ है। यह सीट खाली हो चुकी है। केजरीवाल वहां से उपचुनाव लड़ेंगे। 2. दिल्ली हार के बाद पंजाब AAP में इंटरनल फाइट होगी कांग्रेस ने कहा- दिल्ली में हार के बाद AAP का पूरा बोझ पंजाब पर पड़ेगा। ऐसे में CM भगवंत मान और दिल्ली के नेताओं के बीच इंटरनल फाइट होगी। ऐसे में कई विधायक AAP से बगावत कर सकते हैं। इनमें से 30 कांग्रेस के संपर्क में हैं। 3. AAP के 35 विधायक दूसरी पार्टी जॉइन करने को तैयार गुरदासपुर से कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा- पंजाब में AAP के 35 MLA दूसरी पार्टी जॉइन करने के लिए तैयार बैठे हैं। दिल्ली के नतीजों के बाद पंजाब में भी शराब पॉलिसी का घोटाला निकलेगा। ये वही पॉलिसी है, जिसमें केजरीवाल और मनीष सिसोदिया फंसे थे। इसी साल इन्होंने धान खरीद में MSP घोटाला किया। पंजाब में मिडटर्म इलेक्शन यानी समय से पहले चुनाव हो सकते हैं। 4. विधायक दिल्ली के नेताओं से नाराज, राज्यसभा में बाहर के लोग भेजे पटियाला से कांग्रेस सांसद डॉ. धर्मवीर गांधी ने कहा- AAP की दिल्ली वाली केंद्रीय लीडरशिप से पंजाब के विधायकों के अंदर आक्रोश है। यह लोग पंजाब संसाधनों व स्रोतों पर कब्जा कर रहे हैं। राज्यसभा में इन्होंने पंजाब से बाहर के लोगों को भेजा। इनके विधायक बीजेपी और कांग्रेस में कहीं भी जा सकते हैं। पंजाब AAP के नेताओं ने मीटिंग पर क्या कहा 1. प्रवक्ता बोले- दिल्ली चुनाव का फीडबैक लेना है AAP के प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा- ये रूटीन मीटिंग है। पंजाब के विधायकों व मंत्रियों ने दिल्ली चुनाव में प्रचार किया था। ऐसे में पार्टी नेताओं से फीडबैक लेगी। 2. सांसद केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक, यह नियमित बैठक AAP सांसद मालविंदर कंग ने कहा-कांग्रेस के तो अपने विधायक उनसे दूर हैं, तो हमारे 30 कैसे संपर्क में होंगे। दिल्ली में संगठनात्मक मीटिंग है। केजरीवाल हमारी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं। इस तरह की बैठकें किसी भी पार्टी की नियमित प्रक्रिया का हिस्सा होती हैं। पंजाब पर AAP का फोकस क्यों, इसकी 3 वजहें... 1. दिल्ली के बाद यहीं सत्ता मिली पंजाब ही ऐसा राज्य है, जहां दिल्ली के बाद AAP ने सरकार बनाई है। हरियाणा में उनका सूपड़ा साफ हो गया था। गुजरात में वह दूसरे नंबर पर रही थी। हालांकि अब दिल्ली हाथ से छिन गई और पंजाब में 2027 में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में अगर पंजाब हाथ से निकला तो AAP के अस्तित्व को लेकर ही संकट खड़ा हो जाएगा। 2. पंजाब के जरिए पॉलिटिक्स साधेंगे केजरीवाल दिल्ली से AAP की सत्ता जाने के बाद अब अरविंद केजरीवाल पंजाब के जरिए अपनी पॉलिटिक्स चलाएंगे। यहां किए जाने वाले कामों की बदौलत वह दूसरे राज्यों में प्रचार करेंगे। पंजाब में 2 साल बाद चुनाव हैं, ऐसे में इस समय में बड़े काम कर पार्टी को दिल्ली में हुए नुकसान की भरपाई की कोशिश की जाएगी। पंजाब में अधूरे वादों ने बढ़ाई टेंशन 10 मार्च 2022 को पंजाब में AAP की सरकार बनी थी। जिसे करीब 3 साल हो चुके हैं। इसमें उनका सबसे बड़ा वादा 18 साल से बड़ी हर उम्र की महिला को प्रति महीने एक हजार रुपए देने का था। हालांकि अभी तक यह पूरा नहीं हुआ। इसके अलावा माइनिंग से 20 हजार करोड़ की कमाई, नशे को पूरे पंजाब से खत्म करने, श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के आरोपियों को सजा देने जैसे बड़े वादे भी पूरे नहीं हो सके।

केजरीवाल की पंजाब के AAP विधायकों से मीटिंग: MLA की पावर बढ़ा सकती है पार्टी; कांग्रेस का दावा- अरविंद CM बनना चाहते हैं
Netaa Nagari
लेखिका: राधिका शर्मा, टीम Netaa Nagari
परिचय
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में पंजाब के आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों के साथ बैठक की, जिसमें विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की गई। इस मीटिंग से यह संभावना प्रकट होती है कि पार्टी विधायक की पावर को और बढ़ाने की दिशा में कदम उठा रही है। वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस का आरोप है कि केजरीवाल मुख्यमंत्री बनने की चाहत रखते हैं।
बैठक का मुख्य उद्देश्य
मीटिंग के दौरान केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी को अपनी स्थिति को मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने विधायकों को सलाह दी कि वे अपनी अपने-अपने क्षेत्र में लोगों के साथ सीधे संपर्क में रहें। इससे पार्टी की लोकप्रियता बढ़ेगी और चुनावों में बेहतर प्रदर्शन होगा।
कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस पार्टी ने AAP पर निशाना साधते हुए कहा है कि केजरीवाल पंजाब में अपनी राजनीतिक जड़ों को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी के पीछे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि AAP विधायकों की मीटिंग मुख्यमंत्री बनने की उनकी ख्वाहिश का एक संकेत है। उन्होंने कहा, "केजरीवाल अपने आप को एक शक्तिशाली नेता के रूप में स्थापित करना चाहते हैं।"
विधायकों की भूमिका
पंजाब की राजनीति में विधायकों की पावर में वृद्धि AAP के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। यदि पार्टी विधायक अपने वोटबैंक को मजबूत करने में सफल होते हैं, तो यह AAP के राजनीतिक भविष्य के लिए लाभकारी हो सकता है। इस मीटिंग में विभिन्न कार्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिससे समझाया गया कि कैसे विधायकों को और भी अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।
निष्कर्ष
अरविंद केजरीवाल की पंजाब के विधायकों के साथ बैठक ने राजनीतिक गलियारों में कई चर्चाएँ शुरू कर दी हैं। उन्होंने विधायक की पावर बढ़ाने की दिशा में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं, जबकि कांग्रेस ने उन पर सीधा हमला करते हुए कहा कि उनकी नजर CM की कुर्सी पर है। आगे क्या होता है, यह देखना रोचक होगा।
आने वाले समय में पंजाब में AAP की गतिविधियां निश्चित रूप से राजनीतिक संतुलन को प्रभावित करेंगी। ऐसे में विधायकों की भूमिका और पार्टी की रणनीतियाँ चुनाव नतीजों को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण होंगी।
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