कुत्तों का काटना बन चुका है 'महामारी', भारत में रेबीज से हर साल 5700 मौतें

भारत में हर साल 5700 से अधिक लोग रेबीज से मरते हैं, जिनमें से 75% मौतें कुत्तों के काटने से होते हैं। ICMR के सर्वेक्षण से यह जानकारी सामने आई है।

Jan 25, 2025 - 14:36
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कुत्तों का काटना बन चुका है 'महामारी', भारत में रेबीज से हर साल 5700 मौतें
कुत्तों का काटना बन चुका है 'महामारी', भारत में रेबीज से हर साल 5700 मौतें

कुत्तों का काटना बन चुका है 'महामारी', भारत में रेबीज से हर साल 5700 मौतें

परिचय

भारत में कुत्तों के काटने की घटनाएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं। इस खतरे का एक बड़ा कारण है रेबीज, जो एक खतरनाक बीमारी है और हर साल हजारों लोगों की जान ले लेती है। हालांकि यह समस्या गम्भीर होती जा रही है, लेकिन अभी भी इंसान की जागरूकता और इलाज की सुविधा में सुधार की आवश्यकता है।

रेबीज का खतरा

कुत्तों का काटना अब एक महामारी का रूप ले चुका है। प्रतिवर्ष भारत में लगभग 5700 लोग रेबीज के कारण अपनी जान गंवाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत दुनिया के देशों में सबसे अधिक प्रभावित है। रेबीज के संक्रमण से बचाव के लिए उचित टीकाकरण बेहद ज़रूरी है, लेकिन इस दिशा में जागरूकता की कमी है।

कैसे फैलता है रेबीज

रेबीज एक वायरल संक्रमण है जो आमतौर पर पालतू जानवरों से इंसानों में फैलता है। कुत्तों के काटने के साथ-साथ, संक्रमित जानवरों के लार के संपर्क में आने से भी यह बीमारी फैल सकती है। इसके लक्षणों में बुखार, सरदर्द, और मांसपेशियों में दर्द शामिल हो सकते हैं, जो यदि समय पर उपचार न किया गया तो गंभीर हो सकते हैं।

भारत में स्थिति

भारत में कुत्तों के काटने की घटनाएं हर साल लाखों की संख्या में दर्ज की जाती हैं। अकसर देखा गया है कि ग्रामीण इलाकों में इस समस्या के प्रति जागरूकता की कमी होती है। वहां के लोग सही समय पर इलाज नहीं करवा पाते, जिससे संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ जाती है। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में रेबीज के टीके सही मात्रा में उपलब्ध नहीं होते, जिससे लोगों को प्राइवेट क्लीनिकों का सहारा लेना पड़ता है।

सुरक्षा उपाय और उपाय

कुत्तों के काटने से बचाव के लिए उचित सावधानियां बरतनी चाहिए। हर साल जानवरों के लिए टीकाकरण कराना और कुत्तों को नियंत्रित करना आवश्यक है। इसके साथ ही, लोगों को सार्वजनिक शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि वे जान सकें कि कुत्तों के काटने की स्थिति में क्या करना चाहिए।

निष्कर्ष

कुत्तों का काटना एक गंभीर समस्या बन चुकी है जो महामारी का रूप ले चुकी है। भारत में हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं, और यह संभावित रूप से जानलेवा हो सकता है। इस दिशा में जागरूकता फैलाना और उचित चिकित्सा सेवाओं का प्रावधान अत्यंत आवश्यक है। हमें मिलकर इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए ताकि हम इस समस्या से निपट सकें और अपने समाज को सुरक्षित बना सकें।

लेखिका: सिमा शर्मा, टीम नेता Nagari

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