'उमर अब्दुल्ला बहुत दुख में हैं लेकिन...', पहलगाम आतंकी हमले पर शरद पवार गुट की सुप्रिया सुले का बड़ा बयान 

Supriya Sule on Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए बड़े आतंकी हमले से पूरे देश में आक्रोश है. 26 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले आतंकियों की तलाश में इंडियन आर्मी और सुरक्षा एजेंसियां जुटी हुई हैं. इस बीच महाराष्ट्र के पुणे में शरद पवार गुट के नेताओं ने जान गंवाने वाले देशवासियों को श्रद्धांजलि दी. इसके लिए एक मिनट का मौन रखा गया. अब बारामती से एनसीपी-एसपी सांसद सुप्रिया सुले की भी आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया आई है.  शरद पवार की बेटी और बारामती सांसद सुप्रिया सुले ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, "इतना बड़ा दुख का पहाड़ जो सबपर गिरा है, अब उनको तो वापस नहीं ला सकते लेकिन श्रद्धांजलि अर्पण करने के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं. हम सबकी केंद्र सरकार से विनती है, आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति से काम किया जाना चाहिए. हर भारतीय की सुरक्षा सरकार की और सबकी जिम्मेदारी है." सुप्रिया सुले की प्रधानमंत्री से विनतीयह पूछे जाने पर कि अभी तक आतंकी पकड़े नहीं गए हैं, इसपर विपक्ष क्या कहना चाहेगा? सुप्रिया सुले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका रिव्यू खुद ले रहे हैं. हमारी विनती है कि रिव्यू होने के बाद 3-4 दिन भले ही लग जाएं, लेकिन एक ऑल पार्टी मीटिंग बुलाएं और सबको ब्रीफ करें. इसपर सबसे चर्चा हो, क्योंकि यह हमला भारत पर हुआ है. हम सब भारतीय हैं और साथ में रहेंगे. अगर भारत के खिलाफ कोई ऐसी हरकत करने की हिम्मत करेगा तो हम देश के लिए, इसकी सुरक्षा के लिए लड़ेंगे. #WATCH | Pune, Maharashtra | NCP (SCP) MP Supriya Sule says, "...We request that the central government show zero tolerance against terrorism... We all Indians are together, and if anyone dares to do this against India, then we will fight together for the security of… https://t.co/ExAlsa12K5 pic.twitter.com/0WpQVEsUvr — ANI (@ANI) April 23, 2025 'उमर अब्दुल्ला बहुत दुख में हैं'सुप्रिया सुले ने आगे जानकारी दी उनकी उमर अब्दुल्ला से बात हुई थी. शरद पवार गुट की सांसद ने कहा, "वह बड़े दुख में हैं. उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन वहां की पुलिस और आर्मी उपराज्यपाल को और दिल्ली को रिपोर्ट करती है. इसलिए सीएम को अब तक सुरक्षा मामले में कोई अधिकार नहीं है. फिलहाल, स्टेटहुड की मांग हो रही है. देखिए आगे क्या होता है."

Apr 24, 2025 - 07:37
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'उमर अब्दुल्ला बहुत दुख में हैं लेकिन...', पहलगाम आतंकी हमले पर शरद पवार गुट की सुप्रिया सुले का बड़ा बयान 
'उमर अब्दुल्ला बहुत दुख में हैं लेकिन...', पहलगाम आतंकी हमले पर शरद पवार गुट की सुप्रिया सुले का बड़ा बयान 

उमर अब्दुल्ला बहुत दुख में हैं लेकिन..., पहलगाम आतंकी हमले पर शरद पवार गुट की सुप्रिया सुले का बड़ा बयान

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लेखक: शालू वर्मा, टीम नेटा नगरी

परिचय

जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। यह हमला केवल सुरक्षा बलों पर नहीं, बल्कि हमारे देश की एकता और अखंडता पर भी सवाल उठाता है। इस पर खास बात करते हुए शरद पवार गुट की सुप्रिया सुले ने उमर अब्दुल्ला के दुख का जिक्र किया है। इस लेख में हम इस घटना और इसके राजनीतिक प्रभावों पर चर्चा करेंगे।

आतंकी हमले की जानकारी

पिछले हफ्ते पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई निर्दोष लोग प्रभावित हुए हैं। यह घटना एक बार फिर सच्चाई को उजागर करती है कि जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा को लेकर गंभीर चुनौतियाँ अभी भी मौजूद हैं। स्थानीय लोगों में डर और चिंता का माहौल है, जबकि सरकार और राजनीतिक दल इस पर प्रतिक्रिया देने में जुटे हैं।

सुप्रिया सुले का बयान

सुप्रिया सुले ने इस हमले के संदर्भ में कहा, "उमर अब्दुल्ला बहुत दुख में हैं लेकिन इस संकट की घड़ी में हमें एकजुट रहना चाहिए।" उनका कहना था कि आतंकवाद केवल एक सांप्रदायिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह हमारी सच्ची एकता पर भी असर डालता है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे इस समय में जिम्मेदारी और एकजुटता का प्रदर्शन करें।

राजनीतिक प्रमुखता और दायित्व

इस तरह के हमले केवल सुरक्षा बलों पर नहीं, बल्कि हमारे सभी राजनीतिक नेताओं पर भी सवाल उठाते हैं। सुप्रिया सुले की बातों से स्पष्ट होता है कि राजनीतिक जिम्मेदारी केवल सत्ता में रहने वालों की नहीं, बल्कि विपक्ष की भी होती है। हमें एकजुट होकर इस बुराई का सामना करना होगा।

स्थानीय प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों का मानना है कि ऐसी घटनाएं भीड़ में आतंक का माहौल बनाने का काम करती हैं। इससे पहले भी जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमले हो चुके हैं, लेकिन हर बार गोतावों ने एकजुटता और साहस का परिचय दिया है।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने जहां एक बार फिर से हमारी सुरक्षा व्यवस्थाओं को चुनौती दी है, वहीं सुप्रिया सुले के बयान से विविध राजनीतिक दलों में एकजुटता की आवश्यकता सामने आई है। सभी को मिलकर इस समस्या का हल निकालना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। इस समय हमें एकजुट होना होगा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत बनाना होगा।

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