उत्तराखंड के बाद अब इस राज्य में भी लागू होगा UCC, सीएम ने तैयार किया पूरा प्लान, बनाई गई खास समिति
उत्तराखंड में कॉमन सिविल कोड (UCC) को लागू कर दिया गया है। उत्तराखंड के बाद अब एक और राज्य में इसे लागू करने के लिए प्लान तैयार किया गया है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के 5 रिटायर्ड जजों की एक खास समिति भी बनाई गई है।

उत्तराखंड के बाद अब इस राज्य में भी लागू होगा UCC, सीएम ने तैयार किया पूरा प्लान, बनाई गई खास समिति
Netaa Nagari, लेखिका: प्रिया शर्मा, साक्षी यादव, टीम नेतानगरी
परिचय
उत्तराखंड के बाद अब भारत के एक और राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने की घोषणा की गई है। यह कदम समान नागरिक कानून के माध्यम से समाज में समानता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। राज्य के मुख्यमंत्री ने इस प्लान के लिए एक विशेष समिति भी बनाई है।
UCC का महत्व
UCC का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनाना है, जो विवाह, तलाक, संपत्ति के अधिकार आदि से जुड़े मामलों में लागू होगा। वर्तमान में भारत में विविध धर्मों के आधार पर अलग-अलग कानून हैं, जिसके चलते सामाजिक असमानताएँ बढ़ती जा रही हैं। यह कोड विभिन्न धार्मिक समुदायों के लिए समान उपचार सुनिश्चित करेगा, जिससे सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री का बयान
राज्य के मुख्यमंत्री ने इस महत्वपूर्ण पहल के बारे में जानकारी देते हुए कहा, "हमारा मुख्य उद्देश्य समाज में समानता को बढ़ावा देना और सभी के लिए समान कानून लागू करना है। इसके लिए हमने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है जो इस कार्य को गति देगी।" मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि UCC का ड्राफ्ट संविधानिक और सामाजिक दृष्टिकोण से मजबूत होगा।
विशेष समिति का गठन
खास समिति में कानून विशेषज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता, और धार्मिक नेता शामिल होंगे। यह समिति UCC के ड्राफ्ट को तैयार करेगी और सभी समुदायों से फीडबैक लेगी ताकि किसी भी धर्म या जाति के अधिकारों का उल्लंघन न हो। समिति की पहली बैठक अगले हफ्ते आयोजित की जाएगी, जहाँ इस विषय पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
राज्य सरकार की तैयारी
राज्य सरकार ने UCC को लागू करने के लिए सभी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। इस योजना के तहत, नागरिकों के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा ताकि उन्हें इस कानून के लाभ और महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानकारी मिल सके।
सामाजिक प्रतिक्रिया
UCC को लेकर विभिन्न तबकों से प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कुछ लोग इसे एक सकारात्मक कदम मानते हैं, जबकि कुछ इसका विरोध भी कर रहे हैं। समाज में चर्चा चल रही है कि क्या यह कानून सभी समुदायों के लिए न्यायसंगत होगा।
निष्कर्ष
UCC का प्रस्तावित कानून भारतीय मंनोरमा में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनता जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से यह स्पष्ट है कि समानता की दिशा में एक ठोस कदम उठाया गया है। ऐसी योजनाएँ, यदि सही से लागू की जाएं, तो समाज में एकता और पहचान को बढ़ावा दे सकती हैं। आने वाले समय में इस विषय पर और भी चर्चा होगी।
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