'इतिहास में ना जाएं तो अच्छा..', सपा सांसद बर्क के बयान पर बोले अखिलेश यादव

Akhilesh Yadav News: उत्तर प्रदेश में नेजा मेले को लेकर छिड़े विवादे के बीच सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने सैयद सलार मसूद गाजी को सूफी संत बताया है. उनके इस बयान पर अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आई हैं. उन्होंने कहा कि सरकार जैसा चाह रही है वैसा हो रहा है. प्रदेश में आपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही है. ध्रुवीकरण के मुद्दे असली मुद्दों पर पर्दा डालने के लिए उठाए जा रहे हैं.  अखिलेश यादव ने संभल में नेजा मेले पर रोक और सपा सांसद के बयान पर  जवाब देते हुए कहा कि "हम इतिहास में ना जाएं तो अच्छा है. सरकार जैसा चाह रही है वैसा हो रहा है. बरेली में डीएसपी का घर जला दिया गया, शाहजहांपुर में भगदड़ के बाद पुलिस को पीटा गया लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई. सीतापुर में पत्रकार की हत्या हुई. जब से बीजेपी सरकार बनी है तब से महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं बढ़ गई हैं. लेकिन कोई बात नहीं हो रही है. ध्रुवीकरण के मुद्दे असली मुद्दों पर पर्दा डालने के लिए उठाए जा रहे हैं." दरअसल यूपी के संभल में एएसपी श्रीश चंद्र ने हर साल लगने वाले नेजा मेला पर रोक लगा दी है. एएसपी ने कहा कि गाजी आक्रांता था और उसकी याद में हर साल लगने वाले इस मेले को इजाजत नहीं दी जा सकती है. प्रशासन ने इस मेले पर रोक लगा दी है.  [yt]https://www.youtube.com/watch?v=FuosuDxDNVc[/yt] सपा सांसद ने बताया महान सूफीनेजा मेले पर रोक लगने पर सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने बयान दिया है. उन्होंने सैयद सलार मसूद गाजी को महान सूफी बताया और कहा कि उन्हें सोमनाथ मंदिर पर हमले से जोड़कर देखा जा रहा है वो ग़लत है. जब मंदिर पर हमला हुआ तो गाजी की उम्र सिर्फ 11 साल थी, इतिहासकार बताते हैं कि मंदिर पर हमले में उनका जिक्र भी नहीं था. एक अधिकारी ने बिना तथ्यों को जाने जिस तरह के शब्द एक सूफी के लिए इस्तेमाल किए वो नफ़रत की हवा को बढ़ाने का काम कर रहा है.  सपा सांसद ने कहा कि मसूद गाजी 12वीं शताब्दी के महान सूफी संत थे. बहराइच में उनकी कब्र है उनकी मज़ार पर हर साल जेठ के महीने में मेला लगता है. जिसमें सभी धर्मों के लोग आते हैं. ऐसे अधिकारी को फौरन पदमुक्त करना चाहिए.   महोबा: लकड़ी कीमत विवाद को लेकर दंबग ने युवक पर फायरिंग, बाल-बाल बचा युवक

Mar 20, 2025 - 14:37
 153  21.7k
'इतिहास में ना जाएं तो अच्छा..', सपा सांसद बर्क के बयान पर बोले अखिलेश यादव
'इतिहास में ना जाएं तो अच्छा..', सपा सांसद बर्क के बयान पर बोले अखिलेश यादव

‘इतिहास में ना जाएं तो अच्छा..’, सपा सांसद बर्क के बयान पर बोले अखिलेश यादव

Netaa Nagari - समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में सपा सांसद बर्क द्वारा दिए गए एक विभाजनकारी बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि 'इतिहास में ना जाएं तो अच्छा' जैसे बयान समाज में और भी खाई पैदा कर सकते हैं। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी जानकारी को।

बर्क का विवादास्पद बयान

सपा सांसद बर्क ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि कुछ राजनीतिक नेता अक्सर इतिहास का उपयोग अपने फायदे के लिए करते हैं, जिससे समाज में विवाद पैदा होता है। उनका यह बयान कई राजनीतिक एवं समाजिक संगठनों के बीच चर्चा का विषय बन गया। बर्क ने अपील की कि हमें वर्तमान में ध्यान केंद्रित करना चाहिए और इतिहास को पीछे छोड़ देना चाहिए।

अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया

बर्क के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने कहा, "इतिहास को मिटाने का प्रयास करना किसी भी समाज के लिए ठीक नहीं है। हमे अपने अतीत से सीख लेकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है।" उन्होंने कहा कि राजनीति में कुछ बातें ऐतिहासिक दृष्टिकोण से ही समझनी चाहिए और हमें हमारे देश के गौरवमयी अतीत को ना भूलने की सलाह दी।

सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव

यह बयान न केवल समाजवादी पार्टी के भीतर, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा सकता है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ऐसे बयानों से समाज में मतभेद बढ़ सकते हैं। महज बयानबाजी से ज्यादा गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। एक तरफ, जहाँ कई नेता अतीत की कहानियों को महत्व देते हैं, वहीं बर्क का बयान नई दिशा की ओर इशारा करता है।

क्यों है यह आवश्यक?

इतिहास को समझना ना केवल हमें अपने पूर्वजों के संघर्षों के बारे में जानकारी देता है, बल्कि यह हमें सामाजिक एकता की दिशा में भी आगे बढ़ने में मदद कर सकता है। अखिलेश यादव के मुताबिक, समाज को एकता की आवश्यकता है और इस तरह के बयान सिर्फ बंटवारे का काम करते हैं।

निष्कर्ष

अखिलेश यादव का यह बयान निश्चित ही एक महत्वपूर्ण संदेश है कि हमें हमारे इतिहास को जानना और समझना चाहिए। बर्क का विवादास्पद बयान इस बात की याद दिलाता है कि राजनीति में संवेदनशीलता कितनी महत्वपूर्ण होती है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम अपने अतीत से सीखें और एक संगठित समाज की दिशा में आगे बढ़ें।

अंत में, इस तरह के संवाद से हमें यह सिखने को मिलता है कि राजनीति का असली मकसद समाज की भलाई होना चाहिए, ना कि विभाजनकारी विचारों को फैलाना।

For more updates, visit netaanagari.com.

Keywords

history, Samajwadi Party, Akhilesh Yadav, Bork statement, social unity, political discourse, Uttar Pradesh politics

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow