आदमखोर हो गए इस शहर के एक दर्जन कुत्ते, 10 साल के बच्चे को नोच खाया, हुई दर्दनाक मौत
हरियाणा के करनाल में करीब एक दर्जन कुत्तों ने मिलकर एक 10 साल के बच्चे को नोच खाया। इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया है कि कुत्ते अब आदमखोर हो गए हैं। इस घटना में बच्चे की मौत हो गई है।

आदमखोर हो गए इस शहर के एक दर्जन कुत्ते, 10 साल के बच्चे को नोच खाया, हुई दर्दनाक मौत
लेखिका: स्नेहा शर्मा, टीम नेता नागरी
हाल ही में राजधानी के एक मोहल्ले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसमें एक 10 साल के बच्चे को एक दर्जन आदमखोर कुत्तों ने नोच खाया। यह घटना न केवल स्थानीय निवासियों के लिए चौंकाने वाली है, बल्कि समाज और नगरपालिका के लिए भी चिंता का विषय बनी हुई है।
घटना का विवरण
घटना बुधवार शाम की है, जब बच्चा अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था। अचानक, एक दर्जन कुत्ते उस पर झपट पड़े और उसे नोचने लगे। बच्चों की चीखपुकार सुनकर आसपास के लोग भागकर आए। जब तक लोग मदद के लिए पहुँचे, तब तक कुत्तों ने बच्चे को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। बच्चे को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी हालत नाजुक थी। चिकित्सकों की तमाम कोशिशों के बावजूद, बच्चे ने दम तोड़ दिया।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस घटना ने मोहल्ले में भय का माहौल बना दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से इलाके में कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ी है और वे आक्रामक हो गए हैं। कई लोगों ने नगर निगम से अपील की है कि इसे लेकर ठोस कदम उठाए जाएं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमारे बच्चों की सुरक्षा सबसे अहम है, अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो यह स्थिति और भी बिगड़ सकती है।”
प्रशासन की भूमिका
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, नगर निगम ने एक आपात बैठक बुलाई है। अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले की गंभीरता को समझते हैं और जल्द ही कुत्तों के प्रबंधन के लिए योजना बनाएंगे। इस बीच, स्थानीय प्रशासन ने निवासियों को सलाह दी है कि वे अपने बच्चों को खेलने के लिए बाहर छोड़ने से पहले सतर्क रहें।
क्या हैं संभावित समाधान?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या का समाधान केवल कुत्तों को पकड़ने और उनके समाधान तक सीमित नहीं होना चाहिए। इसके अलावा, यह भी जरूरी है कि लोग अपने आस-पास के वातावरण को साफ-सुथरा रखें ताकि कुत्ते खाने-पीने के लिए कहीं और न जाएं। वैक्सीनेशन और стерिलाइजेशन प्रोग्राम भी इस समस्या से निपटने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
निष्कर्ष
दुर्भाग्यवश, इस घटना ने स्थानीय समुदाय को एक बार फिर सतर्क कर दिया है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जानवरों का प्रबंधन और उनकी सुरक्षा भी हमारी जिम्मेदारी है। इस तरह की घटनाओं के बार-बार होने से बचने के लिए सभी को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, सभी को अपने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
इस घटना ने हमें यह याद दिलाया कि हमारी सुरक्षा और हमारे बच्चों की भलाई हमारे हाथ में है। सभी से निवेदन है कि वे सतर्क रहें और इस समस्या के समाधान में अपना योगदान दें।
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