'अरविंद केजरीवाल के चुनाव प्रचार पर लगे बैन', बीजेपी ने ECI से कर दी मांग
Delhi Assembly Elections 2025: आम आदमी पार्टी ने आरोप लगया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत हरियाणा सरकार जानबूझकर यमुना नदी में खतरनाक स्तर तक अमोनिया छोड़ रही है, जिससे दिल्ली की जलापूर्ति खतरे में पड़ रही है. दिल्ली में पांच फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अमोनिया विवाद अहम मुद्दा बन गया है. इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, भूपेंद्र यादव, दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के एक भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार द्वारा हरियाणा सरकार पर लगाए गए 'यमुना में जहर' के आरोप को लेकर आज (28 जनवरी) चुनाव आयोग से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने केजरीवाल के चुनाव अभियान पर बैन लगाने की मांग की. भूपेंद्र यादव ने साधा निशाना चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव ने कहा, "बीजेपी की लगातार चुनावी सफलता से निराश होकर दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल अराजकतावादी मानसिकता के साथ दिल्ली की राजनीति में जहर घोलने पर उतर आए हैं. जिस बयान से उन्होंने दिल्ली के लोगों में डर पैदा करने की कोशिश की है, वह सीधे तौर पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. उनका ये बयान झूठ की राजनीति को भी दर्शाता है. बीजेपी ने चुनाव आयोग से अरविंद केजरीवाल खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का भी आग्रह किया. अरविंद केजरीवाल पर लगे प्रतिबंध वहीं, बीजेपी ने मांग कि अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार करने से रोका जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन किया है. यह भारत के फेडरल स्ट्रक्चर और चुनावी प्रक्रिया के लिए खतरा है. बीजेपी ने चुनाव आयोग से की ये 6 मांगे सार्वजनिक रूप से उनके बयानों का खंडन करने और मतदाताओं को सटीक जानकारी प्रस्तुत करने के लिए चुनाव आयोग इसका फैक्ट चेक करे अरविंद केजरीवाल को अपने झूठे बयानों को सार्वजनिक रूप से वापस लेने का निर्देश दें और अनावश्यक सार्वजनिक दहशत पैदा करने के लिए माफी मांगें. मीडिया प्रमाणन और निगरानी समितियों (एमसीएमसी) को प्रसारित किए जा रहे इन झूठे दावों के सभी उदाहरणों की पहचान करने और उन्हें हटाने का निर्देश दें. भारतीय न्याय संहिता और आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत उचित कानूनी कार्रवाई शुरू करें और एफआईआर दर्ज करें. चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक चुनाव प्रचार में अरविंद केजरीवाल की भागीदारी पर तत्काल प्रतिबंध लगाएं क्योंकि उनकी निरंतर भागीदारी से और अधिक उल्लंघन और संभावित सार्वजनिक अशांति हो सकती है. मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से ऐसी झूठी सूचनाओं के प्रसार को रोकने के लिए उचित उपाय करें. CM आतिशी ने भी की थी चुनाव आयोग से मुलाकात इससे पहले मुख्यमंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत हरियाणा सरकार जानबूझकर यमुना नदी में खतरनाक स्तर तक अमोनिया छोड़ रही है, जिससे दिल्ली की जलापूर्ति खतरे में पड़ रही है. मुलाकात के बाद आतिशी ने कहा, "हमने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों के समक्ष अपनी चिंताएं रखीं. यमुना में अमोनिया का स्तर सात पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) तक बढ़ गया है, जो दिल्ली के जल उपचार संयंत्रों की शोधन क्षमता से अधिक है. निर्वाचन आयोग ने हमें बताया है कि वह कोई निर्णय लेने से पहले हरियाणा का पक्ष सुनेगा. हमें स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग पर भरोसा है."

अरविंद केजरीवाल के चुनाव प्रचार पर लगे बैन, बीजेपी ने ECI से कर दी मांग
नीता नागरी, टीम नेतानगरी
दिल्ली में चुनावी माहौल गरमाता जा रहा है, जहां एक ओर सभी पार्टियों के नेता अपने-अपने चुनाव प्रचार के लिए तैयार हैं, वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के चुनाव प्रचार पर बैन लगाने की मांग उठने लगी है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चुनाव आयोग (ECI) से इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।
क्यों उठी यह मांग?
बीजेपी ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल चुनाव प्रचार में अनुचित तरीके अपनाकर मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। पार्टी का कहना है कि केजरीवाल के कुछ हालिया बयान संज्ञान में लेने योग्य हैं और वे चुनावी प्रक्रियाओं के खिलाफ हैं। इसके चलते बीजेपी ने ECI से अनुरोध किया है कि केजरीवाल के प्रचार पर तुरंत बैन लगाया जाए।
केजरीवाल का जवाब
इस मामले में अरविंद केजरीवाल ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि बीजेपी उनके ऊपर लगाकर अपनी राजनीतिक हार का भय महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि ये सभी मांगें सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए की जा रही हैं और उनकी पार्टी चुनाव सुधारों के प्रति प्रतिबद्ध है।
राजनीतिक परिस्थितियां
दिल्ली में आगामी चुनावों को लेकर राजनीतिक दलों के बीच खींचतान तेज हो गई है। पिछले कुछ महीनों में हुए कई विवादास्पद मुद्दों ने सियासी तापमान को और बढ़ा दिया है। बीजेपी का दावा है कि केजरीवाल की सरकार ने विकास के मोर्चे पर कई विफलताएं झेली हैं, जिससे पार्टी के लिए चुनावी रणनीति बनाने में सहायता मिल रही है।
चुनाव आयोग की भूमिका
चुनाव आयोग इस मुद्दे पर विचार कर रहा है और वह सभी पार्टियों के बयानों को ध्यान में रख रहा है। यदि कोई सिद्धांत सामने आता है तो आयोग इसे गंभीरता से लेगा। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को अपनी चुनावी गतिविधियों में पारदर्शिता रखने की सलाह दी है ताकि चुनाव निष्पक्ष और स्वच्छ हो सके।
निष्कर्ष
यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग इस मांग पर क्या निर्णय लेता है। राजनीतिक मामलों में सत्ता की चालें कभी-कभी अपरिहार्य होती हैं, लेकिन लोकतंत्र में यह आवश्यक है कि सभी पक्षों को समान अवसर मिले। चुनावी माहौल में उथल-पुथल का यह क्रम शायद आगे भी जारी रहने वाला है।
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