अमरोहा: नक्शा पास कराने के लिए रिश्वत लेते जेई को एंटी करप्शन टीम ने किया गिरफ्तार
Amroha News: उत्तर प्रदेश के अमरोहा में एंटी करप्शन की टीम ने सदर तहसील में तैनात विनियमित क्षेत्र के जेई भानु प्रताप सिंह और 60 हजार रुपये लेने वाले फोटो स्टेट दुकान के मालिक बिचौलिया शादाब को गिरफ्तार किया है. जेई भानु प्रताप सिंह ने नक्शा स्वीकृत करने की एवज में रिश्वत मांगी थी, जिसको फोटो स्टेट दुकान के मालिक को देने के लिए कहा गया था. टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर नगर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है. नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला बाजार जट में स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के पास इमरान पाशा का प्लॉट है. इमरान पाशा के मुताबिक उन्होंने दुकान का निर्माण कराने के लिए करीब छह महीने पहले दुकान का नक्शा स्वीकृत कराने के लिए विनिमय क्षेत्र कार्यालय में आवेदन किया था. इमरान पाशा ने एंटी करप्शन मुरादाबाद कार्यालय में शिकायत की आरोप है कि विनियमित क्षेत्र के जेई भानु प्रताप सिंह नक्शा स्वीकृत नहीं कर रहे थे. बल्कि बार बार उन्हें रिश्वत देने के लिए कहा जा रहा था. आखिर में नक्शा स्वीकृत कराने के लिए 60 हजार रुपये की मांग की गई थी. जेई भानु प्रताप सिंह के उत्पीड़न से परेशान कारोबारी इमरान पाशा ने एंटी करप्शन मुरादाबाद कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई. जिस पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन मुरादाबाद के टीम प्रभारी सुखबीर सिंह भदौरिया के नेतृत्व में टीम गठित की गई. मंगलवार को एंटी करप्शन की दो टीमें अमरोहा पहुंचीं. एक टीम विनिमय क्षेत्र के जेई भानु प्रताप के कार्यालय के पास पहुंची. जेई अपने तहसील स्थित कार्यालय में बैठे हुए थे. इमरान पाशा के मुताबिक जेई ने कारोबारी इमरान पाशा को 60 हजार रुपये एक बैंक्वेट हॉल के पास फोटो स्टेट की दुकान चलाने वाले शादाब को देने के लिए बोला था. एंटी करप्शन टीम ने जेई भानु प्रताप को किया गिराफ्तारवहीं दूसरी टीम फोटो स्टेट की दुकान पर पहुंच गई. जैसे ही इमरान पाशा ने दुकान मालिक शादाब को 60 हजार रुपये दे दिए, तभी शादाब ने जेई भानु प्रताप सिंह को फोन कॉल करके रुपये मिलने और इमरान पाशा का काम करने की बात कही, फोन कटते ही एंटी करप्शन की टीम ने शादाब को उसकी दुकान से पकड़ लिया, जबकि दूसरी टीम ने तुरंत ही जेई भानु प्रताप सिंह को उनके कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान जेई भानु प्रताप एंटी करप्शन की टीम के सामने गिड़गिड़ाने लगे और आरोप को झूठा बताया. टीम दोनों को पकड़कर नगर कोतवाली ले आई, एंटी करप्शन टीम के इंस्पेक्टर नवल सिंह ने बताया कि नगर कोतवाली में जेई भानु प्रताप व निजी व्यक्ति सिटी फोटो स्टेट दुकान के स्वामी शादाब पर एफआईआर दर्ज कराई गई. जेई भानु प्रताप गाजियाबाद का निवासीजेई भानु प्रताप सिंह मूलरूप से गाजियाबाद में कविनगर क्षेत्र के रहने वाले हैं जबकि बिचौलिया शादाब अमरोहा नगर के जलीलाबाद का रहने वाला है. मामले की विवेचना निरीक्षक दीपा त्यागी द्वारा की जाएगी. एंटी करप्शन की कार्रवाई के बाद जिले के अधिकारी कर्मचारियों में हड़कंप मचा है. यह भी पढ़ें- राज्यसभा में सपा सांसद जया बच्चन ने खोया आपा, बीजेपी सांसद की इस बात पर बुरी तरह भड़कीं

अमरोहा: नक्शा पास कराने के लिए रिश्वत लेते जेई को एंटी करप्शन टीम ने किया गिरफ्तार
Netaa Nagari - अमरोहा में एंटी करप्शन टीम ने एक जूनियर इंजीनियर (जेई) को नक्शा पास कराने के नाम पर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। इस घटना के बाद से स्थानीय लोगों और प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
किस तरह की मिली थी जानकारी?
हफ्तों से चल रही शिकायतों के बाद, एंटी करप्शन टीम को सूचना मिली थी कि जेई एक व्यक्ति से नक्शा पास कराने के लिए 50,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा है। आरोपों के मुताबिक, जेई नक्शे की अनुमति मिलने के बदले में लगातार पैसे की मांग कर रहा था, जिससे आम जनता में शासन-प्रशासन के प्रति आक्रोश बढ़ गया था।
गिरफ्तारी की प्रक्रिया
मामले की जांच करने के लिए एंटी करप्शन टीम ने योजना बनाई। उनकी टीम ने उस व्यक्ति के साथ मिलकर जेई से मिलने का तय किया। जब जेई ने रिश्वत की रकम ली, तभी एंटी करप्शन टीम ने उन्हें पकड़ लिया। यह गिरफ्तारी अमरोहा के एक प्रसिद्ध निर्माण क्षेत्र में हुई, जहां जेई रिश्वत ले रहे थे।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
गिरफ्तारी के बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "यह हमारे लिए बहुत अच्छी खबर है। अब हमें उम्मीद है कि अधिकारी हमारे काम में मदद करेंगे और रिश्वतखोरी का मामला समाप्त होगा।" धीरे-धीरे लोग इस घटनाक्रम को सकारात्मक बदलाव की ओर देख रहे हैं।
क्या कहता है प्रशासन?
इस गिरफ्तारी पर अमरोहा के जिला अधिकारी ने कहा, "हम किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार को सहन नहीं करेंगे। यह सुनिश्चित करना हमारी ज़िम्मेदारी है कि जनता को उनके अधिकार समय पर और बिना किसी रुकावट के मिले।" प्रशासनिक अधिकारियों ने इस घटना को प्राथमिकता देकर अनुशासनात्मक कार्रवाइयों का आश्वासन भी दिया है।
भविष्य की योजनाएँ
एंटी करप्शन टीम की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि प्रशासन अब भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है। आने वाले समय में इस तरह की और भी कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है ताकि लोगों का विश्वास फिर से प्रशासन में बहाल किया जा सके।
निष्कर्ष
अमरोहा में जेई की गिरफ्तारी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। लोगों की सुरक्षा और उनके हक की रक्षा करने के लिए प्रशासन की सक्रियता आवश्यक है। इस प्रकार के कदम यह दिखाते हैं कि जब जन समुदाय और प्रशासन मिलकर कार्य करें, तो भ्रष्टाचार पर काबू पाना संभव है।
कम शब्दों में कहें तो, अमरोहा की यह घटना भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
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