VIDEO: मेरठ में 150 साल पुरानी चुंगी मस्जिद पर चला बुलडोजर, पहली बार नहीं पढ़ी गई नमाज, जानें वजह

मेरठ दिल्ली रास्ते में पड़ने वाली 150 साल पुरानी चुंगी मस्जिद पर रातोंरात बुलडोजर कार्रवाई की गई और मस्जिद को ध्वस्त कर समतल कर दिया गया। । मस्जिद हटने के बाद कैसा नजारा था, देखें वीडियो...

Feb 22, 2025 - 13:37
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VIDEO: मेरठ में 150 साल पुरानी चुंगी मस्जिद पर चला बुलडोजर, पहली बार नहीं पढ़ी गई नमाज, जानें वजह
VIDEO: मेरठ में 150 साल पुरानी चुंगी मस्जिद पर चला बुलडोजर, पहली बार नहीं पढ़ी गई नमाज, जानें वजह

VIDEO: मेरठ में 150 साल पुरानी चुंगी मस्जिद पर चला बुलडोजर, पहली बार नहीं पढ़ी गई नमाज, जानें वजह

Netaa Nagari की इस खास रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि कैसे मेरठ में एक ऐतिहासिक मस्जिद पर बुलडोजर चला। इस घटना ने ना केवल स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि इसने धार्मिक भावना को भी प्रभावित किया है। यह मस्जिद करीब 150 साल पुरानी है और यहां आज तक नमाज अदा की जाती रही है। लेकिन इस बार, मस्जिद में नमाज पढ़ने का मौका नहीं मिला।

घटना का विवरण

मेरठ शहर के गांधी नगर क्षेत्र में स्थित चुंगी मस्जिद पर सरकारी अधिकारियों द्वारा बुलडोजर चलाया गया। मस्जिद की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया। इस मस्जिद के साथ स्थित संपत्तियों को नगर निगम के विकास कार्यों के लिए हटाया जा रहा है। यह कार्रवाई कई स्थानीय लोगों की भावनाओं को आहत करती है, जो इस मस्जिद को एक धार्मिक स्थल के रूप में मानते हैं।

मस्जिद का ऐतिहासिक महत्व

चुंगी मस्जिद ने मेरठ के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह मस्जिद केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि यहाँ की सामाजिक जीवंतता का प्रतीक भी रही है। कई पीढ़ियों से स्थानीय लोग यहां आकर नमाज अदा करते रहे हैं। इसके साथ ही, यह मस्जिद समाज के लिए एक बैठक का स्थान भी रही है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

स्थानीय मुस्लिम समाज के लोग इस कार्रवाई को बेहद नकारात्मक रूप से देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह जगह उनके लिए सिर्फ एक इबादत स्थल नहीं, बल्कि उनके गौरव और संस्कृति का भी प्रतिनिधित्व करती है। भाजपा के कुछ स्थानीय नेताओं ने भी इस मुद्दे को उठाया है और कहा है कि धार्मिक स्थलों के संरक्षण का ध्यान रखना चाहिए।

वजह जो बनी नमाज न अदा होने का कारण

इस बार नमाज का न पढ़ा जाना केवल मस्जिद के ढेर होने के कारण नहीं है, बल्कि यह स्थानीय प्रशासन की एक रणनीति भी है। सरकारी अधिकारियों का मानना है कि इसे एक नया विकास कार्य करने के लिए अवशेष की आवश्यकता है। यद्यपि उन्हें यह समझने की जरूरत है कि धार्मिक स्थलों के प्रति सम्मान होना चाहिए।

निष्कर्ष

मेरठ की चुंगी मस्जिद पर बुलडोजर का चलना एक संवेदनशील मुद्दा है और इसे उचित नजरिए से समझने की आवश्यकता है। यह न केवल धार्मिक स्थलों की महत्ता को प्रतिध्वनित करता है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतिनिधित्व करता है। हमें उम्मीद है कि सरकार और स्थानीय प्रशासन इस मस्जिद के महत्व को समझेंगे और इसके संरक्षण के लिए प्रयास करेंगे।

इस विषय पर अधिक अपडेट के लिए, कृपया netaanagari.com पर जाएं।

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