Rajat Sharma's Blog | रैगिंग के नाम पर बर्बरता: दोषियों को जल्द कड़ी सज़ा मिले
आप कल्पना कर सकते हैं कि जब रैंगिग के नाम पर हुई हैवानियत की बात सुनने में इतनी दर्दनाक है, तो उसकी तस्वीरें कैसी होंगी। जिन बच्चों ने ये दारिंदगी झेली, उनकी दर्द भरी चीखें सुनकर उनके मां-बाप पर क्या गुजरी होगी?

रजत शर्मा का ब्लॉग | रैगिंग के नाम पर बर्बरता: दोषियों को जल्द कड़ी सज़ा मिले
नेताओं नगरी के लिए यह एक गंभीर मुद्दा है। रैगिंग, जो कि एक पारंपरिक परंपरा के रूप में शुरू हुई थी, अब बर्बरता और हिंसा में बदल चुकी है। देशभर में छात्रों के खिलाफ होने वाली इस क्रूरता ने अभिभावकों और समाज को चिंतित कर दिया है। यह लेख रैगिंग के प्रति जागरूकता फैलाने और दोषियों को कड़ी सज़ा दिलाने की मांग पर केंद्रित है।
रैगिंग की समस्या का वर्तमान परिदृश्य
रैगिंग का इतिहास काफी पुराना है, लेकिन वर्तमान समय में इसकी गंभीरता बढ़ती जा रही है। विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में रैगिंग के मामले चर्चा का विषय बन चुके हैं। हाल के कुछ घटनाक्रमों ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या इस पर प्रतिबंध लगाने का समय नहीं आ गया है। छात्रों को मानसिक और शारीरिक दोनों ही रूप से पीड़ा पहुंचाने वाले इस कृत्य के खिलाफ कड़ी कदम उठाने की ज़रूरत है।
दोषियों को सज़ा दिलाने की आवश्यकताएँ
रैगिंग के मामलों में दोषियों को उचित सज़ा नहीं दी जा रही है। इस कारण से नए छात्रों को डर का सामना करना पड़ता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि दोषी छात्रों को तत्काल सज़ा दी जाए। कानून को सख्त किया जाना चाहिए ताकि ऐसे अपराधों को अंजाम देने वाले लोग बच न सकें। केवल सख्त कानून ही इस बर्बरता को रोक सकते हैं।
समाजिक जागरूकता और शिक्षा
रैगिंग के खिलाफ जन जागरूकता एक महत्वपूर्ण पहल है। छात्रों को सही तरीके से समझाना और उन्हें यह सिखाना होगा कि रैगिंग केवल एक मज़ाक नहीं है, बल्कि यह एक गंभीर अपराध है। इसके लिए कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित करने की ज़रूरत है। अभिभावकों को भी इस मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
समापन
रैगिंग के खिलाफ हमें एकजुट होकर खड़ा होना होगा। हम सभी को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि इस बर्बरता के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। अहिंसा और एकता की भावना को अपनाते हुए, हम एक ऐसा माहौल बना सकते हैं जहां सभी छात्र सुरक्षित महसूस करें। दोषियों को जल्द और कड़ी सज़ा मिले, यही हमारी कामना है।
कम शब्दों में कहें तो रैगिंग की बर्बरता को समाप्त करने के लिए कड़ी सज़ा अपरिहार्य है।
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