Pune News: महाराष्ट्र के पुणे में GBS के 3 नए मरीज आए सामने, कुल मरीजों की संख्या हुई
GBS Case in Pune: महाराष्ट्र के पुणे में गिलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) के 3 मरीज मंगलवार को सामने आए. इसके साथ ही कुल जीबीएस मरीजों की संख्या बढ़कर 166 हो गई है. अभी तक 130 मरीजों में जीबीएस रोग की पुष्टि हुई है. जबकि बाकी मरीजों में बीमारी के लक्षण हैं. 52 मरीज ठीक हो चुके हैं और उन्हें विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है. 61 अन्य आईसीयम में हैं, जबकि 21 वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं. अभी तक जीबीएस के पांच संदिग्ध मरीजों की मौत की सूचना है. जबकि 166 संदिग्ध मरीजों में से अधिकारियों ने 130 को जीबीएस के पुष्ट मामले के रूप में पहचाना है. स्वास्थ विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पुणे शहर और ग्रामीण में 139 मरीज, पिम्परि चिंचवड़ मनपा और ग्रामीण में 19 और 8 रोगी मिले है. अब तक 5 जीबीएस मरीजों की मौत हुई है. जीबीएस सक्रमण में कमी के संकेत इंडियन एक्सप्रेस ने पुणे सर्कल के स्वास्थ्य उप निदेशक डॉ. राधाकिशन पवार के हवाले से कहा, 'जीबीएस मामलों में गिरावट का रुझान सामने आया है. पवार पुणे सर्कल के लिए 15 सदस्यीय रैपिड रिस्पांस टीम के अध्यक्ष हैं, जिसमें पुणे नगर निगम, पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम और पुणे ग्रामीण के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र शामिल हैं.' उन्होंने कहा, 'अधिकांश मामले नांदेड़गांव और उसके आसपास के पांच किलोमीटर के दायरे में सिंहगढ़ रोड, वडगांव बुद्रुक, माणिक बाग, नांदेड़फाटा, नांदेड़ शहर, कोल्हेवाड़ी, खड़कवासला, किरकटवाड़ी, डीएसके विश्व और धायरी तथा बजरंगी माला विहिर जैसे इलाकों से हैं. डॉ. पवार के अनुसार जांच टीम ने 62 मरीजों के घरों और पीने के पानी की आपूर्ति करने वाले इलाकों का भी दौरा किया है.' क्या है जीबीएस रोग? जीबीएस (गिलियन बैरे सिंड्रोम) एक रेयर ऑटोइम्यून रोग है, जिससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता लगातार कम होती जाती है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से तंत्रिकाओं पर हमला करने लगती हैं. इससे तंत्रिकाओं के कोशिकाओं को नुकसान पहुंचना शुरू हो जाता है.

Pune News: महाराष्ट्र के पुणे में GBS के 3 नए मरीज आए सामने, कुल मरीजों की संख्या हुई
Netaa Nagari - पुणे, महाराष्ट्र: पुणे में गाइडोस बर्नीअर सिंड्रोम (GBS) के तीन नए मरीज सामने आए हैं, जिससे इस रोग के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है। शहर में हुई इस वृद्धि ने स्वास्थ्य अधिकारियों को चिंता में डाल दिया है।
GBS क्या है?
गाइडोस बर्नीअर सिंड्रोम एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जो असामान्यता के कारण होती है। यह स्थिति सामान्यतः किसी बैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन के बाद होती है, जिससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिका तंत्र पर हमला करती है। इस स्थिति के चलते कमजोरी, बेहोशी, और इसें होने की संभावना होती है।
हाल के मामले और लक्षण
पुणे में तीन नए मरीजों में से दो मरीज एक अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि तीसरे को घर पर निगरानी में रखा गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि GBS के लक्षणों की पहचान समय पर करना अत्यंत आवश्यक है। लक्षणों में मांसपेशियों में कमजोरी, चलने में कठिनाई और हाथ-पैरों में झुनझुनाहट शामिल हैं। अगर किसी को इन लक्षणों का अनुभव होता है, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
पुणे नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने इन मामलों के प्रति तत्परता दिखाई है। विभाग ने लोगों को जागरूक करने के लिए कई अभियान शुरू किए हैं। डॉ. विद्या बिलास ने कहा, "हमें सावधानी बरतने की ज़रूरत है और लोगों को इस विषय में जानकारी देना बहुत महत्वपूर्ण है।" शहर में जांच प्रक्रियाएं भी तेज की गई हैं ताकि नए मामलों का समय पर पता चल सके।
समुदाय की जिम्मेदारी
समाज में लोगों को अपने स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक होना चाहिए। पारिवारिक स्वास्थ्य के लिए नियमित जांचें और सही जानकारी का होना अनिवार्य है। यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय संगठनों के माध्यम से जागरूकता बढ़ेगी। ऐसे मामलों को सीमित करने के लिए हम सभी को एकजुट होकर प्रयास करना होगा।
निष्कर्ष
पुणे में GBS के नए मरीजों की संख्या में वृद्धि चिंता का विषय है। हालांकि, उचित सतर्कता और सही जानकारी से इस स्थिति पर काबू पाया जा सकता है। यह तब तक आवश्यक है जब तक सभी को इस रोग के बारे में ठीक तरह से जानकारी न हो। स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों और सामाजिक जागरूकता के साथ, इस समस्या का समाधान संभव है।
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