Prayagraj News: महाकुंभ के भंडारे का बचा हुआ भोजन अपने साथ ले जाएंगे सफाई कर्मचारी, इस काम के लिए करेंगे प्रयोग
Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में संत महात्माओं और संस्थाओं द्वारा जगह-जगह भंडारे का आयोजन किया जा रहा है. भंडारे के जरिए श्रद्धालुओं को भरपेट भोजन मुहैया कराया जाता है. इन भंडारों में जो भोजन बच जाता है, उन्हें मेला क्षेत्र में सफाई व्यवस्था में लगे कर्मचारियों और उनके परिवार वालों में वितरित कर दिया जाता है. सफाई कर्मचारी भंडारे के इन भोजन से न सिर्फ अपने परिवार का पेट भरते हैं, बल्कि बचे हुए खाने को सुखाकर उसे अपने साथ भी ले जाते हैं. महाकुंभ क्षेत्र में ड्यूटी कर रहा तकरीबन हर सफाई कर्मचारी का परिवार यहां से कई बोरा सूखा हुआ भोजन अपने साथ ले जाएगा. जो भोजन साथ ले जाया जाएगा उनमें से रोटी - पूड़ी और मिठाई की तादाद ज्यादा है. घर वापस पहुंच कर इन्हें पानी में भिगो दिया जाएगा और चारे के साथ मवेशियों यानी जानवरों को दिया जाएगा. सफाई कर्मचारियों के मुताबिक साथ ले जाने वाला यह भोजन दो से तीन महीने तक उनके काम आएगा. महाकुंभ क्षेत्र में सफाई कर्मचारियों की तमाम बस्तियों में रोटियों - पूड़ियों - मिठाइयों व दूसरे खाद्य सामग्रियों को धूप में सुखाते हुए देखा जा सकता है. बचे हुए भोजन को पाकर कर्मचारियों का परिवार खुशसफाई कर्मियों के परिवार भंडारे के इस बचे हुए भोजन को लेकर काफी खुश नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि संतो के भंडारे में वह खुद भोजन करते हैं. बचे हुए भोजन को दूसरे वक्त के लिए साथ ले आते हैं. इसमें से भी जो बच जाता है उसमें से ऐसे भोजन को सुखाकर उसे वापस अपने साथ ले जाएंगे, जो सूखने के बाद खराब नहीं होगा. कुछ कर्मचारियों का तो यह भी कहना है कि भंडारे का प्रसाद वह खुद तो ग्रहण कर ही रहे हैं, साथ ही अपने जानवरों को भी यह प्रसाद देंगे. गौरतलब कि रोजाना लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं की भीड़ प्रयागराज महाकुंभ संगम स्नान के लिए पहुंच रही है. ये भी पढ़ें: महाकुंभ और अयोध्या में श्रद्धालुओं के ज्वार पर सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- भीड़ का अपना अलग आनंद

Prayagraj News: महाकुंभ के भंडारे का बचा हुआ भोजन अपने साथ ले जाएंगे सफाई कर्मचारी, इस काम के लिए करेंगे प्रयोग
लेखिका: सुषमा कुमार, टीम नेता नगरी
महाकुंभ के माहौल में सभी श्रद्धालुओं का उत्साह सबसे ऊँचा होता है। इस साल महाकुंभ में न केवल लाखों भक्त आए, बल्कि उनकी श्रद्धा और आस्था भी देखने योग्य थी। अब इसी महाकुंभ खास खबर आई है कि भंडारे के बचे हुए भोजन को सफाई कर्मचारी अपने साथ ले जाएंगे, और इसका उपयोग एक विशेष प्रयोग के लिए करेंगे।
भंडारे का महत्व और उसका संतुलन
महाकुंभ में भंडारे का आयोजन सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक भी है। यह सेवा भाव का प्रतीक है। श्रद्धालु जन जन की सेवा में अपने हाथों से पकाए गए व्यंजन बांटते हैं। लेकिन महाकुंभ में हर साल बहुत सारा भोजन बचता है। इस बचे हुए भोजन को सही तरीके से प्रबंधित करना एक चुनौती बन जाता है।
सफाई कर्मचारियों का नया प्रयोग
इस बार, सफाई कर्मचारी बचे हुए भोजन का उपयोग फूड बैंकों के लिए करने का परीक्षण करेंगे। यह कदम न केवल खाद्य बर्बादी को रोकने की दिशा में बढ़ता है, बल्कि जरूरतमंद लोगों की मदद करने में भी सक्षम होगा। सफाई कर्मचारियों ने आश्वासन दिया है कि वे इस प्रथा को अपनाने के लिए पूरी तैयारी में हैं, जिससे भंडारे का बचा हुआ खाना वास्तव में जरूरतमंदों तक पहुंचे।
समुदाय का समर्थन
स्थानीय प्रशासन और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इसे लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। लोगों का मानना है कि यह मुहिम न केवल खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देगी, बल्कि समाज के कमजोर वर्ग को भी एक नई उम्मीद देगी। एक समाज के रूप में, हम सबकी जिम्मेदारी है कि इस तरह के प्रयोगों का समर्थन करें।
निष्कर्ष
इस प्रयोग के द्वारा, हम न केवल खाद्य बर्बादी को कम कर सकते हैं, बल्कि ऐसा सामाजिक संदेश भी दे सकते हैं जो सबके लिए प्रेरणाश्रोत बने। इसलिए, विशेष रूप से महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में, हमें इस पहल का समर्थन करना चाहिए। यदि आप इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट पर जाएं - netaanagari.com.
Keywords
Prayagraj News, Mahakumbh, bhandaare, food management, cleanliness staff, social responsibility, food banks, community support, Indian festival, religious gatheringWhat's Your Reaction?






