MP Liquor Ban: मध्य प्रदेश में 19 जगहों पर शराबबंदी लेकिन पी सकेंगे शराब, पढ़ें पूरी खबर
Madhya Pradesh Liquor Ban: मध्य प्रदेश में एक अप्रैल से 19 जगहों पर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लागू होने के बावजूद कोई भी व्यक्ति बाहर से शराब लाकर पी सकेगा. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस प्रतिबंध से सरकार को लगभग 450 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा. 17 'धार्मिक नगरों' सहित 19 स्थानों पर 47 संयुक्त शराब की दुकानें (जहां भारत में निर्मित विदेशी शराब और देशी शराब दोनों बेची जाती हैं) एक अप्रैल से बंद कर दी जाएंगी. आबकारी विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इन स्थानों पर शराब पीना अपराध नहीं होगा और इसके लिए कोई दंड नहीं दिया जाएगा. राज्य मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को इस फैसले की घोषणा की. अधिकारियों ने बताया कि इन स्थानों पर शराब ले जाने और पीने पर रोक लगाने के लिए बिहार मद्य निषेध अधिनियम, 2016 जैसा कानून आवश्यक है. शराब रख सकते हैं या नहीं?मध्य प्रदेश में ऐसा कोई कानून नहीं है. हालांकि भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती इसके लिए अभियान चला रही हैं. एक अधिकारी ने कहा कि विशुद्ध कानूनी दृष्टि से यह प्रतिबंध शराब की बिक्री बार में बैठकर शराब पीने आदि पर रोक लगाता है. हालांकि, व्यक्तियों पर कोई प्रतिबंध नहीं है. लोग व्यक्तिगत रूप से शराब रख सकते हैं और उसका सेवन कर सकते हैं, लेकिन समूह में नहीं. पूरे मध्य प्रदेश में 3,600 शराब दुकानें हैं, जिनसे हर साल लगभग 15,200 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व प्राप्त होता है. मध्य प्रदेश के आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल ने पुष्टि की कि 47 दुकानें बंद करने से राज्य को 450 करोड़ रुपये का नुकसान होगा. जिन स्थानों पर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, उनमें एक नगर निगम, छह नगर पालिका, छह नगर परिषद और छह ग्राम पंचायतें शामिल हैं. इन क्षेत्रों में उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, चित्रकूट और अमरकंटक जैसे धार्मिक केंद्र शामिल हैं. ये भी पढ़ें: इंदौर में 7 साल तक मां ने बेटे को लोहे की जंजीरों से बांधे रखा, NGO ने रेस्क्यू कर पहुंचाया अस्पताल

MP Liquor Ban: मध्य प्रदेश में 19 जगहों पर शराबबंदी लेकिन पी सकेंगे शराब, पढ़ें पूरी खबर
Netaa Nagari
लेखिका: साक्षी शर्मा, टीम नेतानागरी
परिचय
हाल ही में मध्य प्रदेश की सरकार ने 19 स्थानों पर शराबबंदी की घोषणा की है। हालांकि, इसमें कुछ विशेष प्रावधान रखे गए हैं जो शराब प्रेमियों को निराश नहीं करेंगे। जानिए इस नई नीति के पीछे की वजह और इसके संभावित प्रभाव के बारे में।
शराबबंदी का कारण
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार ने शराबबंदी का ये निर्णय सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा के दृष्टिगत लिया है। खासकर उन स्थानों पर जहां स्कूल, कॉलेज, और धार्मिक स्थलों की निकटता है। इस निर्णय का उद्देश्य शराब के सेवन को नियंत्रित करना और युवाओं को सुरक्षित रखना है।
शराब पीने की अनुमति
हालांकि, शराबबंदी के बावजूद, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि स्थानीय निवासी अपने घरों में शराब पीने का अधिकार बनाए रखेंगे। यानी, यदि आपके पास शराब है, तो आप उसे पी सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक स्थलों पर इसका सेवन नहीं कर सकेंगे।
स्थानीय व्यवसाय पर असर
इस संभावित शराबबंदी का सबसे बड़ा प्रभाव स्थानीय व्यवसायों पर पड़ेगा। होटल, बार, और अन्य आनंद स्थलों को नुकसान हो सकता है। लेकिन, यह भी सच है कि सरकार ने कुछ स्थानों पर लाइसेंस जारी करने के नए उपायों की घोषणा की है, जिससे व्यवसायों को भी सहारा मिलेगा।
समुदाय की प्रतिक्रिया
मध्य प्रदेश की जनता इस निर्णय को लेकर विभाजित है। कुछ लोग इसे एक सही दिशा मानते हैं, जबकि कुछ इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन बताते हैं। स्थानीय संगठनों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है, जबकि कुछ शराब विक्रेता इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश की नई शराब नीति निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इसके प्रभाव और निष्पादन पर ध्यान देना पड़ेगा। अगले कुछ महीनों में यह देखना रोचक होगा कि यह नीति जनता के बीच कितनी प्रभावी सिद्ध होती है। हम आपसे निवेदन करते हैं कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी राय साझा करें।
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