Mahakumbh 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कल जाएंगी प्रयागराज, संगम में लगाएंगी आस्था की डुबकी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को प्रयागराज जाएंगीं। इस दौरान वह संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगी।

Mahakumbh 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कल जाएंगी प्रयागराज, संगम में लगाएंगी आस्था की डुबकी
Netaa Nagari
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का महाकुंभ 2025 में प्रयागराज जाने का कार्यक्रम देशभर में धार्मिक उत्साह को बढ़ा रहा है। यह महाकुंभ, जो कि हर 12 वर्षों में आयोजित होता है, इस बार विशेष रूप से चर्चा का विषय बन गया है। राष्ट्रपति मुर्मू 14 जनवरी को प्रयागराज पहुंचेंगी और संगम में डुबकी लगाने का महत्वपूर्ण कार्य करेंगी।
महाकुंभ का महत्व और राष्ट्रपति की यात्रा
महाकुंभ का आयोजन चार तीर्थ स्थलों—हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयागराज में होता है। यह समस्त धर्मों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर है। हर साल लाखों भक्त संगम पर इकट्ठा होते हैं और स्नान करके अपने जीवन के लिए पुण्य अर्जित करते हैं। राष्ट्रपति मुर्मू की यात्रा इस महाकुंभ को और भी विशेष बना देगी, क्योंकि यह प्रतीकात्मक रूप से भारतीय संस्कृति और परंपरा की महानता को दर्शाती है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का श्रद्धा भाव
राष्ट्रपति मुर्मू ने भारतीय संस्कृति, विशेषकर धार्मिक रस्मों को महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा, "संगम में डुबकी लगाना केवल एक Ritual नहीं है, बल्कि यह अपने पूर्वजों, संस्कृति और आस्था के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने का माध्यम है।" उनके इस बयान से यह साफ होता है कि वे इस धार्मिक अवसर को कितनी गंभीरता से ले रही हैं।
प्रयागराज का महाकुंभ और सुरक्षा व्यवस्था
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने पहले से ही कई योजनाएं बनाई हैं। स्थानीय पुलिस से लेकर केंद्रीय सुरक्षा बल तक, सभी उपस्थित रहेंगे ताकि यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। प्रशासन ने भी सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं, जिसमें सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन निगरानी और मेडिकल कैंप शामिल हैं।
नाथों और श्रद्धालुओं का आह्वान
राष्ट्रपति की यात्रा से पहले ही नाथ (आराधकों) ने संगम पर आने के लिए अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। हर कोई इस विशेष अवसर का हिस्सा बनना चाहता है और राष्ट्रपति द्वारा संगम में आस्था की डुबकी लगाने का विषय उनके मन में उत्साह भर रहा है।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यात्रा न केवल इसे एक अद्वितीय महत्व देगी, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और सामाजिक एकता को भी बढ़ावा देगी। राष्ट्रपति का संगम में आस्था की डुबकी लगाने का यह क्षण लाखों लोगों को प्रेरित करेगा। देशभर के भक्तों का संगम पर आना और अपनी आस्था को प्रकट करना इस महाकुंभ को एक ऐतिहासिक बना देगा।
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अंतिम रूप से, यह महाकुंभ हमें यह सिखाता है कि हमारी आस्था और संस्कृति का कोई मूल्य नहीं होता है; यह सदियों पुरानी परंपराओं को जीने का अवसर है।
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