Maha Kumbh 2025: भीड़ कम होने पर स्नान करेंगे अखाड़े, रवींद्र पुरी ने कहा- सनातन विरोध कर रहे परेशान, फैलाई अफवाह
Maha Kumbh Stampede: महाकुंभ में भगदड़ के बाद अब हालात सामान्य होने लगे हैं, जिसके बाद जल्द ही सभी अखाड़े अमृत स्नान शुरू करेंगे. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि एक बार भीड़ कम हो जाएगी तो हम सब पवित्र स्नान करने आएंगे. मेला क्षेत्र में हुई घटना को लेकर दुष्प्रचार फैलाया गया. ये घटना इतनी बड़ी नहीं थी. उन्होंने कहा कि मेला प्रशासन से बात हो रही है. भीड़ कम होने के बाद अखाड़े स्नान करने जाएंगे. हम लोगों ने घटना के बाद जनहित में स्नान नहीं करने का फैसला लिया था. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने मेले में भगदड़ की घटना पर कहा कि 'सुबह मेला क्षेत्र में बहुत बड़ा दुष्प्रचार फैलाया गया, छोटी सी घटना को बहुत बड़ा करके दिखाया गया. जिसके लिए हम सब दुखी हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए था. जब हमें ज्ञात हुआ कि इतनी बड़ी घटना नहीं घटी है जो होनी थी वो हो चुकी है अब उसके लिए क्या किया जाए? अब मैं यहीं कहना चाहूंगा. कि हमारे जितने भी साधु महात्मा हैं. हमें अभी समय मिलेगा और हम दिव्य भव्य रूप से हम अपने नागाओं के साथ, महामंडलेश्वरों और भक्तों के साथ स्नान करेंगे. #WATCH | #MahaKumbh2025 | Prayagraj | President of Akhil Bharatiya Akhara Parishad, Ravindra Puri says, "...Once the crowd reduces, we will proceed to take a holy bath..." pic.twitter.com/BqWqBVkf8J — ANI (@ANI) January 29, 2025 भीड़ कम होने पर अखाड़े करेंगे स्नानरवींद्र पुरी ने कहा कि हमारी मेला प्रशासन से वार्ता हो रही है. एक बार भीड़ से कम हो जाए और भीड़ कम होते ही हम सभी लोग स्नान करेंगे. मौनी अमावस्या का अमृत स्नान हैं. इस समय माना जाता है कि जो पितृ दोष होता है. पितृ दोष के लिए आज हम तर्पण करते हैं दान करते हैं. पुण्य करते हैं और जो आज स्नान करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. यश की पूर्ति होती है. हम जो इच्छा करते हैं वो हमें मिलता है. उन्होंने कहा कि जहां गंगा, यमुना सरस्वती का मिलन है, यहां चारों दिशाओं के सनातनी है. पूरी दुनिया से सनातनी यहां आए हैं. 12-15 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज में है. इतना बड़ा आयोजन करना इतना आसान नहीं. इसलिए मैं समझता हूं कि दुर्भाग्य से जो घटना घटित हुई अब हमें आगे कार्य करना है. अब हमें स्नान करना है और ऐसा संदेश देना है कि न कभी ऐसा महाकुंभ हुआ और न कभी ऐसा महाकुंभ होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस संबंध में मुख्य आचार्यों से बात की है. उन्होंने कहा कि थोड़ी देर में अमृत स्नान होगा. महाकुंभ में हालात सामान्य हुए हैं और लोग स्नान कर रेह हैं. सीएम योगी ने कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें. सुबह से तीन करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं. लोगों को सुरक्षित उनके घरों को वापस भेजा जा रहा है. सीएम ने कहा कि जहां आपको गंगा तट मिले वहीं पर डुबकी लगा लें. महाकुंभ में भगदड़ पर नगीना सांसद चंद्रशेखर ने मांगा इस्तीफा! कहा- सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं

Maha Kumbh 2025: भीड़ कम होने पर स्नान करेंगे अखाड़े, रवींद्र पुरी ने कहा- सनातन विरोध कर रहे परेशान, फैलाई अफवाह
लेखक: सुमिता गुप्ता, टीम नेता नगरी
कुम्भ मेला, जो भारत की सांस्कृतिक धरोहर का एक अभिन्न हिस्सा है, हमेशा से भक्तों और तीर्थयात्रियों के लिए एक अद्वितीय अनुभव रहा है। पर 2025 में होने वाले महा कुम्भ में कुछ मामलों ने विशेष ध्यान आकर्षित किया है। हाल ही में, रवींद्र पुरी ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस बारे में कई महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं।
कुम्भ के आयोजन पर रवींद्र पुरी की टिप्पणी
रवींद्र पुरी, जो एक प्रमुख धर्मगुरु हैं, ने बताया कि महा कुम्भ 2025 के आयोजन में भाग लेने वाले अखाड़ों को कम भीड़ होने पर स्नान करने की सलाह दी गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि वर्तमान में कुछ समूह सनातन धर्म के प्रति नकारात्मक विचार फैला रहे हैं, जिससे उनके अनुयाई परेशान हो रहे हैं।
सनातन धर्म का विरोध और अफवाहें
रवींद्र पुरी का कहना है कि कई लोग जानबूझकर अफवाहें फैला रहे हैं जो सनातन धर्म को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें कहा गया है कि, "सनातन धर्म को लेकर गलत धारणाएं बनाई जा रही हैं और भक्तों को भ्रमित किया जा रहा है।" उन्होंने जनता से अपील की है कि वे इन अफवाहों पर ध्यान न दें और अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करें।
महाकुंभ की तैयारियां
कुम्भ मेला हमेशा से ही भारतीय संस्कृति और धार्मिकता का प्रतीक रहा है। आने वाले महा कुम्भ की तैयारियों में सरकार और धार्मिक संस्थाएं जुटी हुई हैं। यहां भक्तों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उचित प्रबंध किए हैं, ताकि तीर्थयात्री आसानी से स्नान कर सकें।
भक्तों का योगदान
भक्तों और श्रद्धालुओं का योगदान इस महा कुम्भ को सफल बनाने में महत्वपूर्ण होगा। रवींद्र पुरी ने भी भक्तों का आह्वान किया है कि वे अपनी आस्था बनाए रखें और सत्य की रोशनी में चलें। कुम्भ के दौरान एकजुटता और प्रेम का संदेश देने में सभी की भूमिका अहम होगी।
निष्कर्ष
महाकुम्भ 2025 में एक बार फिर से भारत की गंगा-यमुना संस्कृति का प्रदर्शनी बनेगा। रवींद्र पुरी का संदेश स्पष्ट है: हमें एकजुट होकर अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा करनी होगी और अफवाहों से दूर रहना होगा। इस महा कुम्भ का आधिकतम लाभ उठाने के लिए हमें कम भीड़ के समय स्नान करना चाहिए, जिससे हमारी आस्था और प्रकृति कोई हानि न हो।
इस प्रकार, महा कुम्भ 2025 की तैयारियों की सार्थकता और धार्मिकता का संदेश पूरी दुनिया में फैलेगा।
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