Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ अभियान शुरू, लोगों का किया जाएगा जागरूक
Jammu Kashmir Latest News: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ एक व्यापक यूटी-वाइड (Union Territory Wide) अभियान शुरू करने की घोषणा की है. इस अभियान का उद्देश्य लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना और प्रभावित युवाओं को पुनर्वास की दिशा में मार्गदर्शन देना है. मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने इस अभियान की तैयारियों की समीक्षा के लिए बुधवार (5 मार्च) को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिला स्तर पर सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाए ताकि वे पंचायत और ब्लॉक स्तर तक जागरूकता फैलाने में सक्षम हों. जागरूकता और पुनर्वास पर विशेष ध्यानमुख्य सचिव ने प्रत्येक ब्लॉक में स्थानीय अधिकारियों को परामर्शदाता के रूप में कार्य करने के निर्देश दिए, ताकि प्रभावित युवाओं को सही मार्गदर्शन मिल सके. उन्होंने कहा कि अभियान की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए प्रत्येक पंचायत और उच्च शिक्षण संस्थानों में जागरूकता गतिविधियों का उचित दस्तावेजीकरण किया जाए. उन्होंने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे प्रमुख स्थानों की पहचान कर लोगों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करें. इसके अलावा, IEC (सूचना, शिक्षा और संचार) सामग्री को स्थानीय भाषाओं में अनुवादित कर रेडियो और दूरदर्शन के माध्यम से दूर-दराज के इलाकों तक पहुंचाने की आवश्यकता पर भी बल दिया. साप्ताहिक समाचार पत्र और कानूनी कार्रवाई की जानकारीमुख्य सचिव ने अभियान की गति बनाए रखने के लिए एक मासिक समाचार पत्र प्रकाशित करने के निर्देश दिए, जिसमें नशामुक्ति की सफलता की कहानियां, निवारक उपाय और ड्रग डीलरों के खिलाफ की गई कानूनी कार्रवाइयों की जानकारी होगी. उन्होंने जिलावार गतिविधियों का कैलेंडर तैयार करने और इसे पहले से व्यापक रूप से प्रचारित करने को कहा, ताकि लोग समय पर जानकारी प्राप्त कर सकें. समुदाय और धार्मिक नेताओं की भागीदारीआयुक्त सचिव सूचना विभाग, एम. राजू ने अभियान के नियोजित कार्यान्वयन पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी. उन्होंने बताया कि पंचायत स्तर पर एक बहुभाषी लघु फिल्म दिखाई जाएगी, जिसका समन्वय नोडल अधिकारी करेंगे. इस अभियान में स्वास्थ्य, पुलिस, आबकारी, समाज कल्याण और युवा सेवा एवं खेल विभागों के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे इसके अतिरिक्त, धार्मिक नेताओं और सामुदायिक हस्तियों को अभियान में शामिल किया जाएगा, ताकि लोगों तक जागरूकता प्रभावी रूप से पहुंच सके. साथ ही, नशे की लत से उबर चुके लोगों और उनके परिवारों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित कर उन्हें दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बनाया जाएगा. वेब पोर्टल और लोगो का अनावरणबैठक के दौरान, नशामुक्त जम्मू-कश्मीर अभियान के लिए एक नया वेब पोर्टल और लोगो का अनावरण किया गया. इसके अलावा, नशीली दवाओं के दुष्प्रभावों पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गई, जिसे सभी जागरूकता कार्यक्रमों में प्रदर्शित किया जाएगा. मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने बैठक के अंत में सभी हितधारकों से इस अभियान को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया. उन्होंने नशे की समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए पुनर्वास और सहायता उपायों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया. ये भी पढ़ें - जम्मू-कश्मीर पर विदेश मंत्री के बयान का तरुण चुघ ने किया समर्थन, 'औरंगजेब' को बताया खलनायक

Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ अभियान शुरू, लोगों का किया जाएगा जागरूक
Netaa Nagari - जम्मू-कश्मीर में हाल ही में नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ एक महत्वपूर्ण अभियान शुरू किया गया है। यह कदम क्षेत्र में युवाओं की बढ़ती नशीली दवाओं की लत और इससे जुड़े सामाजिक समस्याओं को रोकने के लिए उठाया गया है। इस अभियान का लक्ष्य लोगों में जागरूकता बढ़ाना और नशीली दवाओं के दुष्प्रभावों से बचने के लिए उन्हें सही जानकारी प्रदान करना है।
अभियान की शुरुआत
इस अभियान की शुरुआत जम्मू-कश्मीर की विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा मिलकर की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, नशीली दवाओं के सेवन की समस्या काफी बढ़ गई है, और इससे युवाओं का जीवन प्रभावित हो रहा है। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए, विभिन्न कार्यक्रमों और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, ताकि समाज में इस विषय पर चर्चा और जागरूकता बढ़ाई जा सके।
क्या हैं नशीली दवाओं के दुष्प्रभाव?
नशीली दवाओं के सेवन के दुष्प्रभाव बेहद खतरनाक हो सकते हैं। शारीरिक स्वास्थ्य से लेकर मानसिक स्वास्थ्य तक, इसका असर समग्र जीवन पर पड़ता है। इसके सेवन से व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता कम हो जाती है और इससे परिवार और सामाजिक जीवन में भी समस्या उत्पन्न होती है। इस अभियान के तहत लोगों को इन दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया जाएगा।
जागरूकता बढ़ाने के उपाय
अभियान के तहत विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जैसे कार्यशालाएं, सेमिनार, और बुथ कैम्प्स। इन सभी गतिविधियों में स्थानीय युवाओं को शामिल किया जाएगा ताकि वे स्वयं अपने साथियों में इस विषय पर चर्चा कर सकें। जिससे समाज में नशीली दवाओं के खिलाफ एक सकारात्मक वातावरण बनेगा।
स्थानीय समुदाय की भूमिका
स्थानीय समुदाय और परिवारों को भी इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाने की आवश्यकता है। परिवार के सदस्यों को एक-दूसरे की देखभाल करनी होगी और समय-समय पर एक-दूसरे से बातचीत कर इस विषय पर सचेत रहना होगा। इसके अलावा, शिक्षकों और स्थानीय समाजसेवियों की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
जम्मू-कश्मीर में नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ इस अभियान की आवश्यकता को समझते हुए, इसे एक सामूहिक प्रयास के रूप में देखने की जरूरत है। सभी को मिलकर इस मुद्दे पर काम करना होगा ताकि युवा पीढ़ी सुरक्षित रह सके। अंततः, यह अभियान न केवल नशीली दवाओं के सेवन को रोकने में मदद करेगा, बल्कि समाज के विकास में भी योगदान देगा। Netaa Nagari की टीम में शामिल सभी सदस्य इस मुहिम में अपने सहयोग का आश्वासन देते हैं।
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