DeepSeek के जरिए चीन कर रहा है जासूसी, रिसर्चर्स ने खोल दी पोल-पट्टी, कई देशों में लगा बैन

DeepSeek AI को लेकर नया खुलासा हुआ है। इस एआई टूल के चाइना टेलीकॉम से लिंक होने की जानकारी सामने आई है। सिक्योरिटी रिसर्चर्स का दावा है कि यूजर की लॉग-इन जानकारी चीन भेजी जा रही है।

Feb 6, 2025 - 22:37
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DeepSeek के जरिए चीन कर रहा है जासूसी, रिसर्चर्स ने खोल दी पोल-पट्टी, कई देशों में लगा बैन
DeepSeek के जरिए चीन कर रहा है जासूसी, रिसर्चर्स ने खोल दी पोल-पट्टी, कई देशों में लगा बैन

DeepSeek के जरिए चीन कर रहा है जासूसी, रिसर्चर्स ने खोल दी पोल-पट्टी, कई देशों में लगा बैन

Netaa Nagari - हाल ही में आई एक रिपोर्ट में चीन द्वारा विकसित DeepSeek तकनीक के माध्यम से जासूसी किए जाने का खुलासा हुआ है। रिसर्चर्स ने दावा किया है कि यह तकनीक कई देशों की सुरक्षा और गोपनीयता के लिए खतरा बन रही है। ऐसे में कई देशों ने इसे बैन कर दिया है। इस लेख में हम इस जासूसी तकनीक की बारीकियों और इसके वैश्विक प्रभावों पर चर्चा करेंगे।

DeepSeek तकनीक की जानकारी

DeepSeek एक अत्याधुनिक इनफार्मेशन गहन खोज तकनीक है, जिसे चीन ने विकसित किया है। इस तकनीक का उपयोग डेटा संग्रहित करने और संचार इंटरसेप्ट करने के लिए किया जा रहा है। रिसर्चर्स के मुताबिक, यह तकनीक खासकर डिजिटल प्लेटफार्मों पर गुप्त जानकारी को संकलित करने में सक्षम है।

रिसर्चर्स का खुलासा

पिछले हफ्ते, अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में बताया कि DeepSeek के जरिए चीनी सरकार ने विभिन्न देशों के नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी को संदिग्ध तरीके से खंगाला है। इस तकनीक की मदद से, चीन ने कई देशों की सुरक्षा समझौतों और राजनैतिक गतिविधियों की जानकारी जुटाई है। रिसर्चर्स ने चेतावनी दी है कि अगर इसे नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह तकनीक वैश्विक सुरक्षा को गंभीर खतरे में डाल सकती है।

क्यों लगा बैन?

इन खुलासों के बाद कई देशों ने DeepSeek पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिका, ब्रिटेन और भारत जैसे देशों ने अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस तकनीक के उपयोग को निषिद्ध कर दिया है। इन देशों के अधिकारियों का मानना है कि इस तकनीक का विस्तार होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा पूर्वाग्रहित हो सकती है।

वैश्विक प्रतिक्रिया

DeepSeek के खिलाफ वैश्विक प्रतिक्रिया तेज होती जा रही है। कई मानवाधिकार संगठनों ने इस तकनीक के खिलाफ आवाज उठाई है, जबकि सुरक्षा विशेषज्ञों ने भी इस तरह की तकनीकों की निगरानी की आवश्यकता को स्वीकार किया है। ये संगठनों का मानना है कि ऐसी तकनीकों का दुरुपयोग किए जाने की संभावना को देखते हुए सख्त नियम बनाए जाने चाहिए।

भविष्य में संभावनाएँ

जैसे-जैसे तकनीक का विकास हो रहा है, चीन की जासूसी तकनीकों पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। ऐसे में देशों को एकजुट होकर एक ठोस नीति बनानी होगी ताकि वे अपने नागरिकों की गोपनीयता की रक्षा कर सकें और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक सुरक्षित वातावरण बना सकें।

निष्कर्ष

DeepSeek के जरिए होने वाली जासूसी ने वैश्विक स्तर पर सुरक्षा चिंताओं को जन्म दिया है। रिसर्चर्स द्वारा किए गए खुलासे ने इस तकनीक का रहस्योद्घाटन किया है, जिससे देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है। जरूरी है कि सभी राष्ट्र मिलकर इस तकनीक के खतरे का सामना करें और अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

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