CBSE का बड़ा फैसला, 2026 से साल में दो बार होगी 10वीं की बोर्ड परीक्षा
सीबीएसई ने एक बड़े फैसले को मंजूरी दी है। 2026 से कक्षा 10 बोर्ड की परीक्षा साल में दो बार होगी। वहीं, परीक्षा के दोनों चरणों के लिए अलग-अलग रिजल्ट घोषित किए जाएंगे।

CBSE का बड़ा फैसला, 2026 से साल में दो बार होगी 10वीं की बोर्ड परीक्षा
लेखिका: सुषमा कुमारी, नेटा नगरी टीम
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। 2026 से, CBSE 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा को साल में दो बार आयोजित करेगा। इस घोषणा ने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच उत्साह और सवालों का एक नया बवंडर पैदा कर दिया है। इस लेख में हम इस फैसले के विभिन्न पहलुओं और इसके संभावित प्रभावों पर चर्चा करेंगे।
CBSE का नया फैसला: क्यों है ये महत्वपूर्ण?
CBSE का यह फैसला न केवल छात्रों के लिए एक नई दिशा प्रदान करता है, बल्कि यह उनकी तैयारी को भी अधिक लचीला और सुविधाजनक बनाएगा। वर्ष में दो बार परीक्षा आयोजित करने से छात्र अपनी कमजोरियों पर तेजी से काम कर सकेंगे। यदि उन्हें पहली बार सफलता नहीं मिलती है, तो उनके पास दूसरी बार अपने प्रदर्शन को सुधारने का मौका रहेगा।
छात्रों पर प्रभाव
इस निर्णय का सबसे बड़ा लाभ उच्च शिक्षा के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को मिलेगा। साल में दो बार परीक्षा का मतलब है कि वे अपनी रैंकिंग में सुधार कर सकेंगे और अच्छे कॉलेजों में प्रविष्टि के अवसर बढ़ा सकेंगे। इसके अतिरिक्त, छात्रों को मानसिक तनाव कम करने और परीक्षा के लिए अधिक समय समर्पित करने का अवसर मिलेगा।
अभिभावकों और शिक्षकों की प्रतिक्रिया
अभिभावक और शिक्षक इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं। कई शिक्षकों ने कहा कि इससे छात्रों की तैयारी की गुणवत्ता में सुधार होगा। हालांकि, कुछ अभिभावक चिंतित हैं कि साल में दो बार परीक्षा होने से बच्चों पर अतिरिक्त दबाव भी बढ़ सकता है।
क्या है CBSE का उद्देश्य?
CBSE का यह निर्णय छात्रों की शैक्षणिक प्रगति को बढ़ाने के लिए है। बोर्ड ने विचार किया कि अगर छात्र अपनी तैयारी के लिए अधिक अवसरों का उपयोग कर सकें, तो यह उन्हें बेहतर तैयार करेगा। साथ ही, यह निर्णय शैक्षणिक प्रणाली में सुधार के प्रति CBSE की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, CBSE का यह फैसला छात्रों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। साल में दो बार परीक्षा आयोजित होने से बच्चों की तैयारी में सुधार होगा और उन्हें सफलता प्राप्त करने का बेहतर अवसर मिलेगा। हालांकि, यह भी आवश्यक है कि छात्रों और अभिभावकों को इस निर्णय के साथ सामंजस्य बैठाने में समय लगे। हमें उम्मीद है कि CBSE की यह नई पहल एक सकारात्मक दिशा में बढ़ेगी।
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