शिंदे गुट के नेता रामदास कदम का बड़ा बयान, 'अगर उद्धव-राज ठाकरे साथ में आए तो निश्चित तौर पर...'
Ramdas Kadam On Thackeray Brothers: महाराष्ट्र में ठाकरे ब्रदर्स के साथ आने की संभावना को लेकर सियासी चर्चा के बीच शिवसेना नेता रामदास कदम ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सोमवार (21 अप्रैल) को कहा कि अगर चचेरे भाई उद्धव और राज ठाकरे एक साथ आते हैं, तो यह पुनर्मिलन निश्चित रूप से मराठी मानुस के हित में होगा. रामदास कदम ने कहा, ''जब वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली अविभाजित शिवसेना में थे, तो उन्होंने और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता बाला नांदगांवकर ने दोनों चचेरे भाइयों के बीच सुलह कराने के लिए बहुत मेहनत की थी. हालांकि, उद्धव ठाकरे ने कभी सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी. अगर दो भाई एक होने जा रहे हैं तो यह निश्चित रूप से मराठी मानुस के हित में होगा.'' उद्धव कभी राज ठाकरे को आगे नहीं बढ़ने देंगे- रामदास कदम उन्होंने दावा करते हुए आगे कहा, ''राज ठाकरे बड़े दिल वाले व्यक्ति हैं, लेकिन उद्धव कभी राज ठाकरे को आगे नहीं बढ़ने देंगे.'' पूर्व मंत्री ने ये भी कहा कि अगर राज ठाकरे को 2003 में शिवसेना का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया होता, तो पार्टी में विभाजन नहीं होता. राज्य विधानसभा चुनावों में शिवसेना (यूबीटी) की करारी हार पर कदम ने कहा, ''चूंकि उद्धव ने सब कुछ खो दिया है, इसलिए वह राज की मदद से अपनी पार्टी के बचे-खुचे हिस्से को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.'' राज ठाकरे ने क्या कहा था? शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे के बयानों से दोनों के बीच संभावित मेल-मिलाप के बारे में अटकलों को हवा दी है. उनका मानना है कि वे तुच्छ मुद्दों को नजरअंदाज कर सकते हैं और लगभग दो दशक के कड़वे अलगाव के बाद हाथ मिला सकते हैं. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे ने कहा था कि मराठी मानुस के हित में एकजुट होना मुश्किल नहीं है. उद्धव ठाकरे ने क्या कहा? महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह छोटी-मोटी लड़ाइयां छोड़ने को तैयार हैं, बशर्ते कि महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को नजरअंदाज किया जाए.

शिंदे गुट के नेता रामदास कदम का बड़ा बयान, 'अगर उद्धव-राज ठाकरे साथ में आए तो निश्चित तौर पर...'
Netaa Nagari
लेखिका: साक्षी भंडारी, टीम नेता नागरी
परिचय
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। शिंदे गुट के प्रमुख नेता रामदास कदम ने हाल ही में एक बड़ा बयान देकर सबको चौंका दिया है। उनके इस बयान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की एकजुटता महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य पर क्या प्रभाव डाल सकती है।
रामदास कदम का बयान
रामदास कदम ने कहा, 'अगर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ आए, तो निश्चित तौर पर हमारे लिए राजनीतिक चुनौतियाँ बढ़ जाएँगी। लेकिन, शिंदे गुट हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार है।'
इस बयान ने राज्य में राजनीतिक टकराव की संभावनाओं को भी बढ़ा दिया है। कदम का मानना है कि ठाकरे परिवार की एकजुटता से उनकी पार्टी को नुकसान होगा, इसलिए सभी ने अपनी राजनीतिक रणनीतियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
शिंदे गुट और ठाकरे गुट पिछले कुछ सालों से Maharashtra की राजनीति में पूर्वाग्रहित चले आ रहे हैं। दोनों गुटों के बीच विवाद ने राज्य की राजनीति को विभाजित किया है। ऐसे में कदम का बयान एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
राज ठाकरे के समर्थक भी इस बात पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे साथ आते हैं, तो यह न केवल महाराष्ट्र में, बल्कि पूरे देश की राजनीति में एक नई लहर लाएगा।
आगे की रणनीतियाँ
कदम और उनकी पार्टी अब इस स्थिति का लाभ उठाने के लिए सक्रिय हो चुकी हैं। उनका कहना है कि वे अपने कार्यकर्ताओं को अधिक सक्रियता से प्रेरित करेंगे ताकि ऐसी किसी भी सूरत में उन्हें नुकसान न हो।
इसके साथ ही, शिंदे गुट यही प्रयास करेगा कि वे अपनी भागीदारी और मेहनत के आधार पर एक संतुलन बना सकें। इस संदर्भ में कदम ने कहा, 'हमारा ध्यान हमेशा जनता की सेवा पर रहेगा, चाहे जो भी परिस्थिति हो।'
निष्कर्ष
इसलिए, यह प्रश्न उठता है कि शिंदे गुट की रणनीतियों का क्या असर होगा, खासकर तब जब उद्धव और राज ठाकरे एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हों। समय के साथ यह देखना होगा कि महाराष्ट्र की राजनीति में कौन सी दिशा ले जाती है।
अंततः, राज्य के लोगों को ऐसी राजनीतिक उठापटक का लाभ या हानि उठाना पड़ेगा, और यही राजनीति की असली प्रकृति है।
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