'मेरा बेटा मरा है, उसका भी मारेंगे', सुपौल में युवक की मौत के बाद भारी हंगामा, एंबुलेंस रोकी, सड़क जाम
Supaul News: सुपौल जिले के जदिया थाना क्षेत्र के जदिया के पिलवाहा वार्ड नंबर 2 में शुक्रवार को दो बाइक्स की आमने-सामने की जोरदार टक्कर हो गई. इस हादसे में एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. घटना विद्यानगर की ओर जाने वाली ग्रामीण सड़क पर महादलित बस्ती के पास हुई. आमने-सामने की टक्कर में युवक की मौत मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत सूचना गश्त कर रही त्रिवेणीगंज पुलिस को दी. पुलिस ने सभी घायलों को अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने एक युवक को मृत घोषित कर दिया. अन्य दो को प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया. मृतक की पहचान मधेपुरा जिले के शंकरपुर थाना क्षेत्र के रामपुर लाही वार्ड नंबर 3 निवासी प्रमोद साह के पुत्र 18 वर्षीय सतीश कुमार के रूप में हुई है. वहीं घायलों की पहचान त्रिवेणीगंज के बेलापट्टी निवासी 20 वर्षीय लोटन कुमार और 22 वर्षीय दीपक कुमार के रूप में हुई है. दूसरे बाइक पर नशे की हालत में थे युवक परिजनों ने बताया कि सतीश जदिया थाना क्षेत्र के रजगांव वार्ड नंबर 3 में अपनी बहन के घर रहकर पढ़ाई कर रहा था. शुक्रवार को वह विद्यानगर स्थित एक सीएसपी से दस हजार रुपये निकालकर लौट रहा था, तभी तेज रफ्तार में सामने से आ रही अपाचे बाइक ने उसे टक्कर मार दी. चश्मदीदों के अनुसार अपाचे सवार युवक नशे की हालत में थे और बाइक को लहराते हुए चला रहे थे. घटना की सूचना मिलते ही मृतक के परिजन बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंचे और वहां जमकर हंगामा किया. घायल लोटन कुमार को जब रेफर कर बाहर ले जाया जा रहा था, तभी मृतक के परिजनों ने एंबुलेंस को रोक दिया और एंबुलेंस के आगे लेट गए. एक घंटे तक अस्पताल परिसर से एंबुलेंस नहीं निकल पाई. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया, जिससे एंबुलेंस को बाहर निकाला जा सका. इस दौरान मृतक के परिजनों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की और तीखी नोकझोंक भी हुई. आक्रोशित परिजन लगातार कह रहे थे- "मेरा बेटा मरा है, उसका भी मारेंगे." इसके बाद परिजनों ने मृतक के शव को अस्पताल गेट के सामने एनएच-327ई पर रखकर सड़क जाम कर दिया, जिससे पिपरा-त्रिवेणीगंज मार्ग पर यातायात बाधित हो गया. हालांकि, सर्किल इंस्पेक्टर सुनील कुमार पासवान, थानाध्यक्ष रामसेवक रावत, अपर थानाध्यक्ष राहुल कुमार और पीटीसी सन्नी कुमार के समझाने के बाद करीब दस मिनट में जाम हटा लिया गया. कुछ देर बाद जदिया थानाध्यक्ष राजीव कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए सुपौल भेज दिया. ये भी पढ़ें: मोतिहारी में 2 मदरसा युवक रेलवे ट्रैक पर पैंडल खोलते पकड़ाए, साजिश का पता लगाने में जुटी पुलिस

मेरा बेटा मरा है, उसका भी मारेंगे: सुपौल में युवक की मौत के बाद भारी हंगामा
Netaa Nagari
सुपौल जिले में एक युवक की मौत के बाद उत्पन्न हंगामे ने स्थिति को काफी तनावपूर्ण बना दिया है। स्थानीय निवासियों ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए एंबुलेंस को रोक दिया और सड़क को जाम कर दिया। यह प्रकरण न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है, बल्कि इसने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने इसे हत्या का मामला मानते हुए हंगामा शुरू कर दिया। मृतक के परिजनों का आरोप है कि उनकी जान को खतरा है और अगर न्याय नहीं मिला तो वे और भी लोगों की जान लेंगे। यह बयान स्थानीय प्रशासन और पुलिस की चिंता को बढ़ा रहा है।
हंगामे की वजह
स्थानीय लोगों ने कहा कि इस मामले में पुलिस की लापरवाही है, जिससे इंसाफ नहीं मिल पा रहा। एंबुलेंस को रोकने के कारण कई मरीजों को चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाने से गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो चुकी हैं। स्थानीय नेताओं और प्रशासन के अधिकारियों को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासन ने आम जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है और मृतक के परिवार को आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। हालांकि, मृतक के परिवार ने जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक आंदोलन जारी रखने की बात की है।
सड़क जाम और प्रभावित यातायात
घटनास्थल पर लोगों की भरी भीड़ जमा हो गई थी, जिससे सड़क पूरी तरह से जाम हो गई। यातायात में बाधा आने से लोग काफी परेशान हो रहे हैं। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने बैरिकेड लगाए हैं, लेकिन लोगों का आक्रोश कम होने का नाम नहीं ले रहा।
समुदाय की प्रतिक्रियाएँ
स्थानीय नेताओं और लोगों ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है और समाधान के लिए विचार-विमर्श करने की आवश्यकता बताई है। कई लोगों ने इस पर संवाद करते हुए कहा कि यदि सरकार और प्रशासन समय रहते उचित कदम नहीं उठाते, तो यह स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
निष्कर्ष
सुपौल में इस तरह की घटनाएं स्थानीय सुरक्षा और न्यायपालिका की व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं। समाज के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले और स्थानीय लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाए। हम प्रार्थना करते हैं कि मृतक के परिवार को न्याय मिले और ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।
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