नगर विकास विभाग की तबादला नीति: काग़ज़ों पर योजना, वास्तविकता में ठप!
Lucknow: उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग में तबादला नीति सिर्फ कागज़ों तक सीमित रह गई है। विभाग में ऐसे कई अधिकारी हैं जो पिछले 7 से 8 साल से एक ही जगह तैनात हैं। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से कई अफसरों पर भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें और जांचें भी चल रही हैं, … The post योजना ज़ोरों पर, अमल ज़ीरो! नगर विकास विभाग की तबादला नीति एक्सपोज़ appeared first on Bharat Samachar | Hindi News Channel.

नगर विकास विभाग की तबादला नीति: काग़ज़ों पर योजना, वास्तविकता में ठप!
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लेखिका: साक्षी शर्मा, विद्या वर्मा, भावना तिवारी
टीम नेटआनागरी
तबादला नीति: सिर्फ दिखावे की बात!
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग में लागू की गई तबादला नीति अब केवल कागज़ों तक सीमित रह गई है। विभाग में कई ऐसे अधिकारी हैं, जो पिछले 7 से 8 साल से एक ही जगह तैनात हैं, जबकि तबादला नीति का उद्देश्य सही प्रशासनिक कार्यप्रणाली को लागू करना था। इनमें से कई अधिकारियों पर गंभीर भ्रष्टाचार के मामले हैं, फिर भी उन्हें एक ही विभाग में बनाए रखा गया है।
पारदर्शिता की कमी
सरकारी तबादला नीति का मूल उद्देश्य अधिकारियों की तैनाती में पारदर्शिता बढ़ाना और किसी भी अधिकारी को अधिकतम 3 से 5 साल से अधिक एक ही स्थान पर न रखना है। लेकिन नगर विकास विभाग में यह नीति पूरी तरह से उपेक्षित हो रही है, जिससे विभाग की आचरण प्रणाली पर प्रश्नचिह्न लग रहे हैं। अधिकारियों का समय-समय पर स्थान परिवर्तन होना आवश्यक है, ताकि वे नए चैलेंजों का सामना कर सकें और प्रशासनिक सुधारों में भागीदारी कर सकें।
भ्रष्टाचार की अनदेखी
दिलचस्प यह है कि वर्तमान में कार्यरत कई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। इसके बावजूद, उन्हें उसी अनुभाग में रखने का निर्णय विभाग की कार्यप्रणाली को संदेह के दायरे में लाता है। जब तक इनके खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक विभाग में पारदर्शिता और ईमानदारी को सुनिश्चित करना कठिन होगा।
प्रमोशन पर भी स्थिति जस की तस
हालांकि कई अधिकारियों को प्रमोशन दिया गया है, लेकिन उन्हें उनके पूर्व स्थान पर ही स्थायी रखा गया है। यह स्थिति स्पष्ट करती है कि विभाग में तबादला नीति को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। अधिकारियों को नई जिम्मेदारियों के लिए तैयार नहीं किया जा रहा है, जो विभाग के लिए चिंता का विषय है।
समाप्ति की ओर एक संदेश
नगर विकास विभाग की तबादला नीति को सिर्फ कागज़ों तक सीमित रखना और जनहित की जिम्मेदारी से मुंह मोड़ना गलत है। यह आवश्यक है कि अधिकारियों को समय पर स्थानांतरित किया जाए और भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए। इस दिशा में उठाए गए कदम विभाग की प्रतिष्ठा को बनाए रखेंगे और भविष्य में विकास कार्यों को सफल बनाएंगे।
कम शब्दों में कहें तो, तबादला नीति के अनियमित पालन से विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लग रहा है। भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई न करना भी चिंताजनक विषय है।
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