अखिलेश यादव का बाराबंकी में ABVP छात्रों पर हमले को लेकर हमला, सत्ताधारियों पर उठाए सवाल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बाराबंकी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों को पिटाई को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए इसे सत्ताधारियों के बीच आपसी वर्चस्व की लड़ाई बताया है। उन्होंने मांग की है कि भाजपा सरकार घायलों का समुचित इलाज करवाए और 1-1 लाख का मुआवजा भी दे। अखिलेश यादव ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक पर लिखा, “ ये भाजपावाले इसी तरह बहलाते हैं… पहले आपसी झगड़े में खुद ही बल भर पिटवाते हैं… फिर दिखावटी माफ़ी माँगने के लिए कान...

आधिकारिक छात्र पिटाई पर उठे सवाल, अखिलेश यादव का सख्त बयान
कम शब्दों में कहें तो, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बाराबंकी में ABVP छात्रों की पिटाई को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने इसे सत्ताधारियों के बीच आपसी वर्चस्व की लड़ाई बताया और घायलों के उचित इलाज तथा मुआवजे की मांग की।
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बाराबंकी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों पर हुए हमले को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह घटना सत्ताधारियों के बीच आपसी वर्चस्व की लड़ाई का नतीजा है। यादव ने सरकार से मांग की कि वह घायलों का सही इलाज करवाए और उन्हें 1-1 लाख रुपये का मुआवजा भी दे।
अखिलेश यादव ने बुधवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा, “ये भाजपावाले इसी तरह बहलाते हैं… पहले आपसी झगड़े में खुद ही बल भर पिटवाते हैं… फिर दिखावटी माफ़ी माँगने के लिए कान में फुसफुसाते हैं…” उनके इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और इसे सरकार की नाकामी मानते हैं।
छात्रों की सुरक्षा की चिताएं
अखिलेश यादव ने घटना के संदर्भ में कहे, “छात्र पूछ रहे हैं ‘मुख्य’ पिटवा रहे हैं, ‘उप’ पिटों का हाल पूछने आ रहे हैं… आख़िर ये मामला क्या है? छात्र करहाते हुए आपस में बुदबुदा रहे हैं कि ‘या तो दोनों मिले हैं या भिड़े हैं।’ यह एक गंभीर स्थिति है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने आगे कहा, “जानकार कह रहे हैं दरअसल ये सत्ताधारियों के बीच अपना वर्चस्व साबित करने की अंदरूनी लड़ाई है। ये ‘परिषद’ बनाम ‘वाहिनी’ के दो पाटों के बीच पिस रहे और पिट रहे लोगों का मामला है।” उनका यह बयान उन छात्रों के लिए एक चेतावनी है जो भविष्य में ऐसी घटनाओं का सामना कर सकते हैं।
पुलिस कार्रवाई और सरकार की जिम्मेदारी
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद, बाराबंकी के कुछ पुलिस अधिकारियों को हटा दिया गया है। यह कदम इस बात का प्रमाण है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में, श्री राम स्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय (एसआरएमयू) के बाहर एक विरोध प्रदर्शन के दौरान एबीवीपी नेताओं पर लाठीचार्ज किया गया था। इस घटना के बाद, विद्यार्थियों के बीच में भारी आक्रोश फैल गया है।
अखिलेश यादव ने कहा कि यह ऐतिहासिक पिटाई छात्रों के लिए एक जागरूकता की घड़ी है। अब उन्हें यह समझ आ गया है कि 'भाजपा किसी की सगी नहीं है'। ऐसे में, छात्रों को अपने हक के लिए खड़ा होना होगा और अपनी आवाज उठानी होगी। यादव का यह वक्तव्य न केवल एक राजनीतिक टिप्पणी है, बल्कि एक संवेदनशील विषय पर गंभीर चिंता व्यक्त करता है।
आखिरकार, इस पिटाई ने छात्रों को सोचने पर मजबूर कर दिया है और वे अब यह देख रहे हैं कि सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर यह सब कैसे हो रहा है।
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आ को लेकर उठे सवालों और इसके परिणामों के विषय में और अपडेट्स के लिए, Netaa Nagari पर शामिल होते रहें। इस प्रकार, अखिलेश यादव ने स्पष्ट किया है कि वह छात्रों के साथ खड़े हैं और उनका समर्थन करते हैं। यह जानकारी हमें टीम नेटा नगरी द्वारा प्राप्त हुई है।
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