उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी ने लागू किया नया सोसाइटी पंजीकरण कानून
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1 सितम्बर, 2025 को अपने सरकारी आवास पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1880 के स्थान पर प्रदेश में नया कानून लागू करने की आवश्यकता है। उनका कहना है कि सोसाइटी के रूप में पंजीकृत संस्थाओं के पंजीकरण, नवीनीकरण और संपत्तियों के … The post लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी ने उत्तर प्रदेश में नया सोसाइटी पंजीकरण कानून लागू करने का निर्देश दिया appeared first on Bharat Samachar | Hindi News Channel.

उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी ने लागू किया नया सोसाइटी पंजीकरण कानून
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Netaa Nagari
कम शब्दों में कहें तो, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में नया सोसाइटी पंजीकरण कानून लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह निर्णय 1 सितंबर, 2025 को उनके सरकारी आवास पर हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान लिया गया।
पुराने कानून की अनिवार्यता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1880 का स्थान पर एक नया कानून लागू करना आवश्यक है। इसका उद्देश्य पंजीकृत संस्थाओं के पंजीकरण, नवीनीकरण और संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता को बढ़ाना है। उनकी राय में, युगानुकूल और व्यावहारिक प्रावधान होने चाहिए जो संस्थानों को सही तरीके से संचालित करने में सहायता करें।
संस्थाओं की संपत्तियों की रक्षा
मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि कुत्सित मानसिकता के कारण संस्थाओं की संपत्तियों की मनमानी बिक्री को रोकने के लिए आवश्यक ठोस व्यवस्था की जानी चाहिए। इस संदर्भ में, उन्होंने सरकार और स्थानीय प्रशासन के न्यूनतम हस्तक्षेप की आवश्यकता पर भी बल दिया। इससे संस्थाओं को स्वतंत्र रूप से कार्य करने का मौक़ा मिलेगा।
प्रमुख संस्थाओं का आंकड़ा
वर्तमान में राज्य में लगभग 8 लाख से अधिक संस्थाएं पंजीकृत हैं, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, खेल और सामाजिक समरसता के क्षेत्रों में कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री ने नए कानून के अंतर्गत इन संस्थाओं के संचालन, सदस्यता, चुनाव और वित्तीय अनुशासन को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
नए कानून के विशेष प्रावधान
नए कानून में कई नवाचार शामिल किए गए हैं, जैसे कि ऑनलाइन पंजीकरण, KYC आधारित प्रक्रिया, वित्तीय जवाबदेही और समयबद्ध ऑडिट। ये सब प्रावधान मिलकर प्रदेश की पंजीकृत संस्थाओं को समाजोपयोगी कार्यों को और अधिक प्रभावी ढंग से संचालित करने में सहायता प्रदान करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस निर्णय से न केवल संस्थाओं का संचालन सुव्यवस्थित होगा, बल्कि यह सामाजिक कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी स्पष्ट करता है। अब देखना यह है कि कैसे यह कानून लागू होता है और इसका अनुसरण संस्थाओं द्वारा किस प्रकार किया जाता है।
इस परिवर्तनात्मक पहल के बारे में और जानने के लिए, कृपया यहां क्लिक करें।
सादर,
टीम नेटaa नगरी
शिल्पा शर्मा
What's Your Reaction?






