दिल्ली में 27 साल बाद खिला कमल, विरोधियों की उड़ जाएंगी नींद भाजपा की कुंडली से मिल रहे ऐसे संकेत

भाजपा ने विधानसभा चुनाव में दिल्ली का किला आखिरकार 27 साल बाद फतेह कर ही लिया. दिल्ली पर भाजपा की नजर थी. प्रचंड लहर में भी भाजपा दिल्ली में कमल नहीं खिला पाई थी. लेकिन लगातर संघर्ष की प्रवृत्ति ने भाजपा को अंतत सफलता दिला ही दी. लेकिन क्या भाजपा के लिए आगे की राह आसान होगी, दिल्ली दिलवालों की है, ऐसे में दिल्ली की जनता की उम्मीदों पर क्या भाजपा खरी उतर पाएगी? ग्रहों की चाल से समझते हैं- भाजपा की जन्म दिल्ली में हुआभारतीय जनता पार्टी का गठन दिल्ली में हुआ था. भाजपा की कुंडली 6 अप्रैल 1980 प्रात: 11 बजकर 45 मिनट की है. भाजपा की कुंडली मिथुन लग्न की है. जिसका स्वामी बुध ग्रह है. वर्तमान समय में बुध ग्रह की स्थिति में सबसे अधिक परिवर्तन देखने को मिले हैं. चुनाव आयोग ने 7 जनवरी 2025 मंगलवार के दिन दिल्ली में विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की थी. जिसके अंतर्गत 5 फरवरी 2025 को वोटिंग और 8 फरवरी 2025 को मतों की गिनती का दिन तय किया था. पंचांग के अनुसार दिल्ली में चुनाव की तारीख का जिस दिन ऐलान किया गया, उसके ठीक 3 दिन पहले बुध ग्रह का बृहस्पति की राशि धनु में गोचर होता है. बुध जो कि बुद्धि के कारक हैं. गुरु को एक सात्विक और ज्ञान का कारक ग्रह माना जाता है. इस दिन इन दोनों का परस्पर संबंध बनता है जो मिथुन लग्न की भाजपा के लिए लाभ की स्थिति पैदा कर रही है. वहीं जिस दिन दिल्ली विधानसभा चुनाव का प्रचार थमता है उस दिन मिथुन राशि में देव गुरु बृहस्पति मार्गी होते हैं. यानि संपूर्ण दिल्ली के चुनाव के दौरान गुरु और बुध की स्थिति प्रभावशाली रही है, जो भाजपा के लिए कहीं न कहीं लाभकारी साबित हुई है. 11 फरवरी 2025 को शनि की राशि कुंभ में बुध का गोचर होने जा रहा है, अनुमान है कि भाजपा इसी दिन या इसके आगे-पीछे किसी दिवस को सीएम पद की शपथ के लिए चुन सकती है. 23 फरवरी 2025 को दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल पूर्ण हो रहा है. 24 फरवरी 2025 को मंगल ग्रह मिथुन राशि में मार्गी हो रहा है. यानि इससे पहले पहले शपथ ग्रहण करने की प्रबल स्थिति बन रही है. कह सकते हैं इस पूरे चुनाव में भाजपा के लिए बुध ग्रह की भूमिका प्रभावी रही है. दिल्ली में भाजपा का शासन, कैसा रहेगा?भारतीय जनता पार्टी का शासनकाल कैसा रहेगा, इसको लेकर चर्चा शुरु हो गई है. ग्रहों की चाल से भाजपा के लिए जो संकेत मिल रहे हैं वो चौंकाने वाले हैं. 8 फरवरी को जिस दिन भाजपा को दिल्ली में सफलता मिली उस दिन पंचांग अनुसार एकादशी की तिथि है. माघ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहा जाता है. वहीं इस दिन मृगशिरा नक्षत्र था.यह नक्षत्र वृषभ और मिथुन राशि को जोड़ता है. इसका स्वामी मंगल है. भाजपा की राशि भी मंगल है. विशेष बात ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली का लग्न और राशि स्वामी मंगल है. ग्रहों की स्थिति से अभी तक जो संकेत मिल रहे हैं वो भाजपा के लिए अत्यंत शुभ हैं. ये दिल्ली में भाजपा का शासन लंबे समय तक रहने का भी संकेत दे रहा है. दिल्ली की सरकार पर पीएम मोदी का विशेष प्रभाव रहेगा. ग्रहों की गणना से ये भी संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा विस्तृत कार्ययोजना बनाकर चरणवद्ध ढंग से दिल्ली के विकास को गति दे सकती है. दिल्ली में रहने वाले कमजोर वर्ग के लिए कई बड़ी योजनाएं तत्काल प्रभाव से आरंभ की जा सकती है. जिनमें आवास संबंधी योजना शुरु हो सकती है. मध्यम वर्ग को विशेष ध्यान में रखकर कुछ ऐसी योजनाएं भी बनाई जा सकती है जो देश में उदाहरण पेश कर सकती है. दिल्ली में प्रशासनिक सुधार के लिए 14 मई 2025 के आसपास बड़े फैसले और परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं. पेयजल व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार को अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है. वहीं ट्रैफिक व्यवस्था को ठीक रखना भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती रहेगी. हेल्थ और शिक्षा के लिए किए गए प्रयासों में सफलता मिल सकती है, महिला सुरक्षा आदि को लेकर भी कुछ नई व्यवस्था और नियम बनाए जा सकते हैं. भाजपा के लिए अतिउत्साह नुकसानदेह!फिर भी भाजपा के लिए राह आसान नहीं है. दिल्ली के लोगों के दिलों में उतरने के लिए उसे लगातार कोशिश करनी होगी. बुध ग्रह भाजपा के लिए शुभ है तो कुछ मामलों में हानि का भी कारक बन रहा है. ज्योतिष में बुध को ग्रहों का राजकुमार माना गया है. बुध के कारण भाजपा को अतिउत्साह और हल्के बयानों से बचना होगा. बुध वाणी का भी कारण है. किशोरों के लिए शिक्षा व रोजगारपरक कार्यक्रम पर अधिक ध्यान देना होगा. वहीं कानून व्यवस्था को लेकर भी कार्य करने होंगे नहीं तो सरकार को आलोचना का शिकार होना पड़ सकता है. पर्यावरण व साफ-सफाई को लेकर धरातल पर परिणाम देने होंगे. वहीं पार्टी को अपने नेताओं के आचरण पर भी ध्यान देना होगा. नेताओं द्वारा अनुशासनहीनता के कारण हानि के संकेत मिल रहे हैं. यह भी पढ़ें- दिल्ली का CM कौन बनेगा? आ गई बड़ी भविष्यवाणी

Feb 8, 2025 - 20:37
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दिल्ली में 27 साल बाद खिला कमल, विरोधियों की उड़ जाएंगी नींद भाजपा की कुंडली से मिल रहे ऐसे संकेत
दिल्ली में 27 साल बाद खिला कमल, विरोधियों की उड़ जाएंगी नींद भाजपा की कुंडली से मिल रहे ऐसे संकेत

दिल्ली में 27 साल बाद खिला कमल, विरोधियों की उड़ जाएंगी नींद भाजपा की कुंडली से मिल रहे ऐसे संकेत

Netaa Nagari

टीम नेतानगर की रिपोर्ट

दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा को मिली ऐतिहासिक जीत ने न केवल राजनीतिक समीकरणों को उलट दिया है बल्कि विरोधियों के लिए खतरे की घंटी भी बजा दी है। राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा ने एक बार फिर से अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। इस जीत के पीछे की कहानी में कई आकर्षक संकेत और राजनीतिक तंत्र छिपे हैं, जो भाजपा के लिए नई संभावनाओं का दरवाजा खोल सकते हैं।

भाजपा की वापसी: एक ऐतिहासिक क्षण

दिल्ली में 27 साल के अंतराल के बाद कमल खिलना किसी ऐतिहासिक पल से कम नहीं है। यह जीत केवल एक चुनावी सफलता नहीं है, बल्कि भाजपा के प्रति जनता के बदलते रुख का भी प्रतीक है। भाजपा ने दिल्ली में सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन का एक स्पष्ट विजन पेश किया है, जिसने उन्हें मतदाताओं का समर्थन हासिल करने में मदद की।

स्विफ्ट रणनीति और प्रभावी नेतृत्व

भाजपा की इस जीत के पीछे उनकी स्विफ्ट रणनीति और प्रभावी नेतृत्व का मुख्य योगदान रहा है। पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी अभियान में सक्रिय और परिणाम-उन्मुख बनाया। स्थानीय मुद्दों पर जोर देते हुए भाजपा ने जनता के मुद्दों का समाधान करने का प्रयास किया। इससे भाजपा को मतदाताओं के बीच एक मजबूत समर्थन मिला।

विरोधियों की नींद उड़ने की संभावना

इस सफलता के परिणामस्वरूप विरोधी दलों की नींद उड़ना स्वाभाविक है। सूत्रों के अनुसार, विपक्ष के लिए यह समय गंभीर विचार करने का है कि उन्हें क्या गलत हुआ। दिल्ली में भाजपा की मजबूत स्थिति उनके लिए एक नई चुनौती पेश कर रही है। इसके अलावा, यदि भाजपा इस Momentum को बनाए रखती है, तो आगामी चुनावों में उसका बढ़ता प्रभाव और भी अधिक हो सकता है।

भाजपा की कुंडली में सकारात्मक संकेत

भाजपा की कुंडली से मिल रहे संकेत भी सकारात्मक हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नागरिकों के मामलों में भाजपा की सक्रियता और विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने से पार्टी को एक स्थायी आधार मिलेगा। सरकार के कार्यक्रमों और नीतियों का व्यापक समर्थन भी इस बात का संकेत है कि जनता भाजपा की योजनाओं में विश्वास कर रही है।

निष्कर्ष

इस ऐतिहासिक जीत ने न केवल भाजपा की भविष्य की संभावना की नई राह खोली है, बल्कि यह दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में भी एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है। सभी राजनीतिक दलों को अब स्थिति का पुनर्मूल्यांकन करना होगा, क्योंकि भाजपा ने अपने प्रति लोगों के विश्वास को पुनः स्थापित किया है। आगे का समय यह प्रदर्शित करेगा कि भाजपा कितनी अच्छी तरह से इस बार नई चुनौतियों का सामना कर पाती है।

इस प्रकार, भाजपा की दिल्ली में वापसी उनके कुशल नेतृत्व और ठोस योजनाओं का परिणाम है। आने वाले समय में, क्या भाजपा इस सफलता को दोहराएगी, यह सब राजनीतिक विश्लेषकों की नजर में है।

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