दिल्ली क्या हारे केजरीवाल, BJP ने कहा VIP महाराजा, कांग्रेस ने कह दिया शहंशाह, जानें वजह
अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद 10 दिनों के लिए विपश्यना के लिए गए हैं। भाजपा ने उन्हें वीआईपी महाराजा कह दिया है तो वहीं कांग्रेस ने उन्हें शहंशाह कह दिया है।

दिल्ली क्या हारे केजरीवाल, BJP ने कहा VIP महाराजा, कांग्रेस ने कह दिया शहंशाह, जानें वजह
Netaa Nagari
दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस ने एक बार फिर से मोर्चा खोल दिया है। क्या केजरीवाल अपनी लोकप्रियता खो रहे हैं? यह सवाल इन दिनों हर ओर उठ रहा है। इस लेख में हम इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि आखिर क्यों केजरीवाल को बीजेपी और कांग्रेस से इस प्रकार के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।
बीजेपी का तीर - VIP महाराजा का संबोधन
बीजेपी नेता अक्सर केजरीवाल पर आरोप लगाते रहते हैं कि वे दिल्ली की प्रशासनिक व्यवस्थाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं। हाल ही में, बीजेपी ने उन्हें 'VIP महाराजा' कहकर संबोधित किया है। बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल खुद को एक VIP की तरह पेश कर रहे हैं, जबकि आम लोगों की समस्याओं की अनदेखी कर रहे हैं। इस संबोधन के पीछे उनकी कथित कार्यशैली को जिम्मेदार ठहराया गया है, जो कई मामलों में उपयोगितावादी नहीं मानी जा रही है।
कांग्रेस का वह अलंकरण - शहंशाह
वहीं, कांग्रेस ने भी केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए उन्हें 'शहंशाह' की उपाधि दी है। कांग्रेस का कहना है कि केजरीवाल आम जनता के मुद्दों के बारे में बेपरवाह हो गए हैं और उनकी नीतियां केवल खुद को बढ़ावा देने के लिए हैं। दिल्ली की राजनीति में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने यह आरोप लगाया है कि केजरीवाल अब एक उत्तराधिकारी की तरह व्यवहार कर रहे हैं, जो सिर्फ अपने हितों की रक्षा कर रहे हैं।
वजह क्या है?
केजरीवाल के ऊपर लगे आरोपों के बहाने ये दोनों पार्टियां एक दूसरे पर निशाना साध रही हैं। दिल्ली में बिजली और पानी की कीमतों को लेकर ongoing विवाद भी इस बहस का एक प्रमुख कारण है। हाल ही में बढ़ी बिजली दरों को लेकर लोगों में गुस्सा है, जिसका फायदा बीजेपी और कांग्रेस दोनों उठाने की कोशिश कर रही हैं।
शहर के विकास को लेकर उनकी नीति और निर्णय भी सवालों के घेरे में हैं। विशेषकर, जब होर्डिंग्स और विज्ञापनों में उनकी उपस्थिति को लेकर चर्चा होती है, तब सवाल उठता है कि क्या वे वास्तव में आम जनता की आवाज सुन रहे हैं या सिर्फ एक राजनीतिक छवि बनाने में लगे हैं।
निष्कर्ष
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस समय काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी और कांग्रेस के इस तरह के हमलों का सामना करते हुए यह देखना होगा कि केजरीवाल अपनी राजनीतिक मजबूती बनाए रखने में सफल होते हैं या नहीं। आखिरकार, जनता का विश्वास किसके पक्ष में है, यह तो आगामी चुनाव में ही स्पष्ट होगा।
जानकारी के लिए नेट एनागरी पर बने रहिए।
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