उत्तराखंड में मूसलधार बारिश ने मचाई तबाही, भू-धंसाव से दो महिलाओं की जान गई, पांच नेपाली मजदूर लापता

पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने उत्तराखंड के पौड़ी जिले में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। पाबौ, थलीसैंण और पौड़ी मुख्यालय सहित कई क्षेत्रों में भारी नुकसान की खबर है। पाबौ विकासखंड के बुरांसी गांव में भू-धंसाव से एक मकान ढह गया, जिसमें दो महिलाओं आशा देवी (55) और … The post उत्तराखंड में आपदा का कहर, भू-धंसाव से दो महिलाओं की मौत, पांच नेपाली मजदूर लापता, कई गांवों से संपर्क कटा appeared first on Bharat Samachar | Hindi News Channel.

Aug 7, 2025 - 00:37
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उत्तराखंड में मूसलधार बारिश ने मचाई तबाही, भू-धंसाव से दो महिलाओं की जान गई, पांच नेपाली मजदूर लापता
उत्तराखंड में आपदा का कहर, भू-धंसाव से दो महिलाओं की मौत, पांच नेपाली मजदूर लापता, कई गांवों से संपर्क कटा

उत्तराखंड में मूसलधार बारिश ने मचाई तबाही, भू-धंसाव से दो महिलाओं की जान गई, पांच नेपाली मजदूर लापता

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कम शब्दों में कहें तो, पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने उत्तराखंड के पौड़ी जिले में जनजीवन को गंभीरता से प्रभावित किया है। पाबौ, थलीसैंण और पौड़ी मुख्यालय सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारी नुकसान की खबरें आ रही हैं। बुरांसी गांव में भू-धंसाव के कारण एक मकान ढह गया, जिसमें दो महिलाओं, आशा देवी (55) और विमला देवी (58) की tragically मौत हो गई। इसके अलावा, कई मवेशी भी मलबे में दब गए हैं, जिससे स्थानीय समुदाय पर और भी बड़ा दुख छा गया है।

प्रशासन की प्राथमिक सहायता

थलीसैंण ब्लॉक के बाकुड़ा गांव में अचानक गदेरे का जलस्तर बढ़ जाने से पांच नेपाली मजदूर तेज बहाव में बह गए हैं। इसी घटना में तीन अन्य घायल भी हुए हैं। दुर्भाग्यवश, सड़क संपर्क टूट जाने के कारण रेस्क्यू टीम मौके तक नहीं पहुँच पाई है। हालांकि, प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है ताकि जरूरतमंद लोगों की मदद की जा सके। यह स्थिति काफी संकटपूर्ण है और स्थानीय अधिकारियों ने हर संभव प्रयास तेज कर दिए हैं। उत्तराखंड में आपदा का कहर

सड़क संपर्क और आपातकालीन सेवाएं प्रभावित

मूसलाधार बारिश के कारण कलगड़ी पुल के गिरने से थलीसैंण और पाबौ के कई गांव पौड़ी मुख्यालय से कट गए हैं। इसके अलावा, कई क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति भी बाधित हो गई है, जिससे स्थानीय निवासियों को पीने के पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। बिजली और मोबाइल सेवाएं भी पूरी तरह से ठप हैं, जिस कारण लोगों को एक-दूसरे से संपर्क करने में कठिनाई हो रही है। कुछ गांवों के निवासियों को सुरक्षा के मद्देनजर प्राथमिक विद्यालयों में अस्थायी रूप से शिफ्ट किया गया है।

सरकारी प्रयास और स्थानीय सुरक्षा

जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने रैदुल क्षेत्र में भूस्खलन के बाद मौके पर जाकर स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित परिवारों के लिए भोजन, दवाएं, इमरजेंसी लाइट्स, और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी प्रशासन के साथ फोन पर बात की और राहत कार्यों में हर संभव मदद का भरोसा दिया। प्रशासन ने लोगों से असुरक्षित सड़कों पर सतर्कता बरतने की अपील की है और सभी संबंधित विभागों को अलर्ट मोड में रखा गया है।

भविष्य की तैयारी और संभावित नुकसान

स्थानीय विश्लेषकों का मानना है कि मुद्रित मौसमी बारिश की अधिकता के कारण यह स्थिति अत्यंत विकराल हो गई है, जो आने वाले समय में और भी खतरनाक हो सकती है। यह आवश्यक है कि राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन भविष्य में इस तरह की आपदाओं के लिए पूर्व तैयारी करें और जल निकासी प्रणाली को बेहतर बनाएं। वर्तमान समय में प्राथमिकता है कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुँचाई जाए।

आपदा की इस घड़ी में, हमें एकजुट होकर एक-दूसरे की सहायता करने की आवश्यकता है। यह भी आवश्यक है कि स्थानीय लोगों को आपदाओं के संभावित खतरों के प्रति जागरूक किया जाए ताकि वे सुरक्षित और सतर्क रहें।

निष्कर्षतः, उत्तराखंड में इस विनाशकारी आपदा ने जनजीवन को गंभीरता से बाधित कर दिया है और प्रशासन इसे नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। हमारे विचार और संवेदनाएँ प्रभावित परिवारों के साथ हैं।

इन घटनाओं पर और अपडेट के लिए, कृपया हमारे वेबसाइट netaanagari.com पर विजिट करें।

लेखिका: सुषमा तिवारी टीम Netaa Nagari

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