इंद्रेश कुमार का बड़ा बयान, पूछा- मुर्शिदाबाद में जो हुआ क्या वह शरीयत में आता है? अगर नहीं तो...

UP News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने वक्फ संशोधन कानून को लेकर  देशभर में फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए अलग-अलग शहरों में 100 से ज्यादा प्रेस कॉन्फ्रेंस और 500 सेमिनार आयोजित करेगा. इससे पहले मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार आज लखनऊ के प्रेस क्लब में सोमवार कार्यकर्ता सम्मेलन करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर बड़ा सवाल पूछा. उन्होंने कहा-मुर्शिदाबाद में जिन लोगों को उजाड़ा गया और जिनका कत्ल किया गया क्या यह शरीयत में आता है? अगर नहीं आता है तो क्या ऐसे इंसानों का विरोध करेंगे कि नहीं करेंगे! उन्होंने पूछा कि संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और मौलाना कल्बे जव्वाद को मुर्शिदाबाद क्यों नहीं जाना चाहिए? उन्होंने कहा कि अगर आप हिफाजत नहीं कर सकते हैं तो आप मुसलमान या हमवतनी के हकदार बनेंगे? अगर ऐसा रहा तो, वो दिन दूर नहीं है जब ये नेता कहेंगे कि हम कलाम को नहीं  कसाब को मानेंगे.   वक्फ कानून को लेकर इंद्रेश कुमार ने कहा कि जिस दिन ये बिल पास हुए उस दिन ये पवित्र बोर्ड माफियाओं से मुक्त हुआ था.  विपक्षी नेताओं के संदर्भ में इंद्रेश कुमार ने कहा कि जब ये क्लेम करते हैं ये भारतीय हैं, तो क्या दर्द भी मजहब और पार्टियों में बंटेगा? UP DGP के बयान के बाद अखिलेश यादव ने यूपी पुलिस पर कर दिया एक और बड़ा दावा, जानें- क्या कहा?

Apr 21, 2025 - 17:37
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इंद्रेश कुमार का बड़ा बयान, पूछा- मुर्शिदाबाद में जो हुआ क्या वह शरीयत में आता है? अगर नहीं तो...
इंद्रेश कुमार का बड़ा बयान, पूछा- मुर्शिदाबाद में जो हुआ क्या वह शरीयत में आता है? अगर नहीं तो...

इंद्रेश कुमार का बड़ा बयान, पूछा- मुर्शिदाबाद में जो हुआ क्या वह शरीयत में आता है? अगर नहीं तो...

नेटाअ नागरी - हाल ही में एक विवादास्पद घटना के बाद इंद्रेश कुमार ने एक बड़ा बयान दिया है। मुर्शिदाबाद में घटित एक घटना पर उन्होंने सवाल उठाया है, जो कि देश में धार्मिक और सामाजिक चिंता का विषय बन गया है। यह बयान खासतौर पर तब आया जब समाज में असहमति और बंटवारे की भावना ने जोर पकड़ा।

पृष्ठभूमि

मुर्शिदाबाद में हुई घटना का संबंध एक धार्मिक विवाद से है, जहाँ कुछ लोगों ने एक साथ मिलकर हिंसा में भाग लिया। इस घटना ने क्षेत्र के लोगों को गहरे सदमे में डाल दिया है और इसके राजनीतिक परिणाम भी देखे जा रहे हैं। इंद्रेश कुमार ने अपने बयान में इस घटना की न्यायिक और धार्मिक दृष्टिकोण से जांच करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इंद्रेश का बयान

इंद्रेश कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा, "क्या यह घटना शरीयत के अंतर्गत आती है? यदि नहीं, तो इसके पीछे का कारण क्या है?" उन्होंने शब्दों में यह बात कही कि ऐसी घटनाएँ समाज की एकता को कमजोर करती हैं और हमें इससे दूर रहना चाहिए। उन्होंने साम्प्रदायिक सद्भावना और भाईचारे की आवश्यकता पर जोर दिया।

धार्मिक विचार

इंद्रेश के इस बयान ने एक बार फिर प्रश्न उठाया है कि हमले की स्थिति में धार्मिक स्रोत कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने धार्मिक विचारों को हमेशा मानवता की भलाई के लिए उपयोग करना चाहिए। यदि कोई घटना शरीयत के खिलाफ है तो उसे गलत ठहराना चाहिए, ऐसा उनका मानना है।

समाज की प्रतिक्रिया

इंद्रेश कुमार के बयान पर समाज के विभिन्न वर्गों से लहरें उठी हैं। कुछ लोग उनके विचारों का समर्थन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कुछ ने इस पर असहमति भी जताई है। इस प्रकार की बयानबाजी से राजनीतिक बहस तेज हो गई है।

निष्कर्ष

इंद्रेश कुमार का बयान एक महत्वपूर्ण सामाजिक समस्या की ओर इशारा करता है। धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर खुली चर्चा करने की जरूरत है, ताकि समाज में एकता और शांति बनी रहे। मुर्शिदाबाद की घटना जैसे मामलों से सीख लेकर हमें आगे बढ़ना चाहिए। यह समझना जरूरी है कि हम सभी एक ही इंसानियत के दायरे में आते हैं।

कम शब्दों में कहें तो, इस घटना ने समाज में एक नई बहस छेड़ दी है, जिसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

अधिक जानकारी के लिए, कृपया नेटाअ नागरी पर जाएं।

Keywords

Indresh Kumar, Murshidabad incident, Sharia, communal harmony, religious issues, social unity, communal violence

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