'रोहिंग्या को दिल्ली से भगाने का वादा कर लिया वोट, अब उन्हीं को बसा रही', BJP पर भड़के संजीव झा
Sanjeev Jha News: आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने बीजेपी पर रोहिंग्याओं को बसाने का आरोप लगाया है. संजीव झा ने कहा कि दिल्ली चुनाव के दौरान बीजेपी ने रोहिंग्या को मुद्दा बनाया था और उनको दिल्ली से भगाने का वादा किया था. बीजेपी ने दिल्ली के लोगों को गुमराह करके उनका वोट ले लिया और सरकार बना ली, लेकिन जब कार्रवाई की बारी आई तो वह उनको दिल्ली में बसाने का काम रही है. कपिल मिश्रा को घेरा आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा के करावल नगर विधानसभा क्षेत्र के खजूरी खास में स्थित दो सरकारी स्कूलों में रोहिंग्याओं के 19 बच्चों को दाखिला दिये जाने की बात कही है. संजीव झा के मुताबिक बीजेपी ने मान लिया है कि ये रोहिंग्या दिल्ली के निवासी हैं. बीजेपी रोहिंग्याओं को दिल्ली समेत पूरे देश में इसलिए बसा रही हैं ताकि चुनावों में रोहिंग्या को मुद्दा बनाकर जीत सकें. बीजेपी पर निशाना संजीव झा ने कहा कि अगर ये लोग सुप्रीम कोर्ट का हवाला ही दे रहे हैं तो सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास दिल्ली की पावर होनी चाहिए. अगर ये लोग सुप्रीम कोर्ट को इतना ही मानते होते तो दिल्ली सरकार से पावर छिनने के लिए संसद में एक अवैध कानून नहीं बनाते. सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा था कि चुनाव आयोग की नियुक्ति में विपक्ष, प्रधानमंत्री और सीजेआई होने चाहिए, लेकिन उस आदेश को कानून बनाकर पलट दिया. लेकिन जब बात रोंहिग्या की आई तो बीजेपी की सरकार सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर रोहिंग्याओं को दिल्ली का निवासी बना रही हैं. इससे यह साबित होता है कि ये लोग रोहिंग्याओं को दिल्ली समेत पूरे देश में इसलिए बसा रहे हैं ताकि यह हर चुनाव में इनका चुनावी एजेंडा बने और हर चुनाव में जीत सुनिश्चित कर सकें. फिर एक बार उठा रोहिंग्या का मुद्दा संजीव झा ने कहा कि कई बार चर्चा हो चुकी है कि आखिर ये रोहिंग्या भारत का बॉर्डर पार कर दिल्ली में कैसे आते हैं? इनको बॉर्डर पर क्यों नहीं रोका जाता है. बॉर्डर पार करने से लेकर दिल्ली में बसाने तक का खेल सिर्फ इसलिए होता है ताकि चुनाव में रोहिंग्या को एजेंडा बना सके और चुनाव लड़ सकें. बीजेपी ने रोंहिग्या के नाम पर दिल्ली की जनता को गुमराह करके वोट ले लिया. लेकिन जब कार्रवाई की बारी आई तो रोहिंग्याओं को संरक्षण देकर दिल्ली का वैध नागरिक बना रही है. इससे दिल्ली और देश की जनता के सामने बीजेपी का दोहरा चरित्र एक्सपोज हो गया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने बीजेपी को उसके वादों के कारण वोट दिया, लेकिन बीजेपी की सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर रही है. जब दिल्ली में फिर चुनाव आएगा तो फिर बीजेपी इन्हीं रोहिंग्याओं को मुद्दा बनाएगी. बीजेपी जो वादा करती है, उसे पूरा नहीं करती है और जो वादा नहीं करती है, वह पूरा करती है. इसे भी पढ़ें: 'बड़े अस्पतालों में दवाएं तक नहीं, डबल इंजन सरकार पूरी तरह फेल', देवेंद्र यादव का BJP पर हमला

रोहिंग्या को दिल्ली से भगाने का वादा कर लिया वोट, अब उन्हीं को बसा रही, BJP पर भड़के संजीव झा
Netaa Nagari – भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर संजीव झा का आरोप हुआ है कि उन्होंने रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली से भगाने का वादा किया था, लेकिन अब उनकी सरकार उन्हीं शरणार्थियों को बसाने में लगी हुई है। इस बात से संजीव झा बेहद नाराज हैं और उन्होंने भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।
रोहिंग्या का मुद्दा: दिल्ली की सियासत में तुले पेंच
दिल्ली में रोहिंग्या शरणार्थियों का मुद्दा वर्षों से राजनीतिक बहस का केंद्र रहा है। संजीव झा ने कहा कि भाजपा ने चुनाव के दौरान वोट बटोरने के लिए इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया, लेकिन अब सरकार के रोहिंग्याओं को बसाने के फैसले ने उनकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बजट और योजनाएँ प्रभावित
झा के अनुसार, दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को बसाने के लिए जो परिवर्तन किए हैं, उससे स्थानीय निवासियों की जीवनशैली और सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा, "ये सुविधाएँ हमारे नागरिकों के लिए नहीं हैं, ये केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए की जा रही हैं।"
भाजपा का जवाब: विकास और मानवाधिकार
भाजपा के नेताओं ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि वे मानवाधिकारों के पक्ष में हैं और सरकार का यह कदम विकास और सामुदायिक एकता को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है। लेकिन यह दावा कितनी सचाई रखता है, यह देखना बाकी है।
निष्कर्ष: जनता की आवाज
संजीव झा के आरोप और भाजपा की प्रतिक्रिया ने दिल्ली की राजनीतिक स्थिति को और जटिल बना दिया है। रोहिंग्या मुद्दा एक ऐसा विषय है जिसे आगे भी बहसों में लाया जाएगा। जनता को समझना होगा कि उनके वोट का सही इस्तेमाल कैसे किया जाए।
कुल मिलाकर, यह मुद्दा केवल राजनैतिक लेन-देन का मामला नहीं है, बल्कि यह मानवाधिकारों, विकास और स्थायी समाधान की दिशा में एक गंभीर दृष्टिकोण है।
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