मोदी बोले- 2040 तक भारतीय एस्ट्रोनॉट चांद पर जाएगा:चंद्रयान 2 कामयाब मिशन रहा, जल्द भारतीय अंतरिक्ष यात्री स्पेस में होगा

PM मोदी ने कहा- भारतीय एस्ट्रोनॉट 2040 तक चंद्रमा पर पहुंचेगा। आने वाले हफ्तों में एक भारतीय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में जाने वाला है। भारत के लिए यह गर्व की बात है। चंद्रमा के अलावा मंगल और शुक्र भी हमारे रडार पर हैं। PM बुधवार को स्पेस एक्सप्लोरेशन पर ग्लोबल कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए। PM ने कहा कि चंद्रयान- 1 ने चंद्रमा पर पानी की खोज में मदद की। चंद्रयान-2 मिशन कामयाब रहा। चंद्रयान-2 हाई रेजोल्यूशन तस्वीरें भेजी थीं। चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के साउथ पोल के बारे में हमारी समझ और बढ़ाई है। हमने रिकॉर्ड टाइम में क्रायोजनिक इंजन बनाया है। हमने एक ही लॉन्चिंग में 100 सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे। हम 34 देशों के 400 से ज्यादा सैटेलाइट्स भेज चुके हैं। मोदी बोले- स्पेस सेक्टर में भारत की यात्रा शानदार रही है PM मोदी ने कहा, अंतरिक्ष सिर्फ एक गंतव्य नहीं है। यह जिज्ञासा, साहस और सामूहिक प्रगति की घोषणा है। भारतीय अंतरिक्ष यात्रा इसी भावना को दर्शाती है। 1963 में एक छोटे रॉकेट को लॉन्च करने से लेकर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला देश बनने तक, हमारी यात्रा उल्लेखनीय रही है। अंतरिक्ष में भारत की जर्नी सराहनीय है। हमारे रॉकेट पेलोड से कहीं ज्यादा ले जाते हैं। भारत के पूर्व छात्र महत्वपूर्ण वैज्ञानिक मील के पत्थर हैं। PM बोले- स्पेस में सैटेलाइट्स की डॉकिंग काफी खास PM ने कहा- हमने स्पेस में दो सैटेलाइट्स की डॉकिंग की, यह अपने आप में बेहद खास है। भारत की अंतरिक्ष यात्रा का मकसद किसी अन्य देश के साथ रेस लगाना नहीं है, इसमें सबको साथ लेकर ऊंचाई तक जाना है। हमने दक्षिण एशियाई देशों के लिए सैटेलाइट्स लॉन्च किए। जी-20 सैटेलाइट मिशन की घोषणा हमारी अध्यक्षता में ही हुई थी। हम ग्लोबल साउथ की अवधारणा लेकर चल रहे हैं। 2040 तक भारतीय एस्ट्रोनॉट चंद्रमा पर उतरेगा हमारा पहला मानव अंतरिक्ष यान मिशन, गगनयान, हमारे देश की बढ़ती आकांक्षाओं को उजागर करता है। आने वाले हफ्तों में, एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए इसरो-नासा के संयुक्त मिशन के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष की यात्रा करेगा। 2035 तक, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन अनुसंधान और वैश्विक सहयोग में नए आयाम खोलेगा। 2040 तक, भारत का पदचिह्न चंद्रमा पर होगा। मंगल और शुक्र भी हमारे रडार पर हैं। इंसान को स्पेस में ले जाने वाला भारत का यान गगनयान हमारी आकांक्षाओं को बयां करता है। आने वाले हफ्तों में हमारे एस्ट्रोनॉट्स स्पेस में जाएंगे। यह ISRO और NASA का संयुक्त मिशन होगा। 2035 में भारतीय स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में अन्वेषण के नए आयाम खोलेगा। 2040 में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के कदम चांद पर पड़ेंगे। ये खबर भी पढ़ें... PM बोले- अब भारत के हक का पानी भारत में ही रहेगा, पहले बाहर जा रहा था पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारत मंडपम में ABP न्यूज की समिट में ​​​​​कहा, 'दशकों तक हमारी नदियों का पानी झगड़े का मुद्दा रहा। हमारी सरकार ने नदियों को जोड़ने का बड़ा फैसला किया है। आजकल मीडिया में पानी को लेकर बहुत बातें चल रही हैं।' पढ़ें पूरी खबर...

May 8, 2025 - 00:37
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मोदी बोले- 2040 तक भारतीय एस्ट्रोनॉट चांद पर जाएगा:चंद्रयान 2 कामयाब मिशन रहा, जल्द भारतीय अंतरिक्ष यात्री स्पेस में होगा
मोदी बोले- 2040 तक भारतीय एस्ट्रोनॉट चांद पर जाएगा:चंद्रयान 2 कामयाब मिशन रहा, जल्द भारतीय अंतरिक्ष यात्री स्पेस में होगा

मोदी बोले- 2040 तक भारतीय एस्ट्रोनॉट चांद पर जाएगा: चंद्रयान 2 कामयाब मिशन रहा, जल्द भारतीय अंतरिक्ष यात्री स्पेस में होगा

Netaa Nagari

लेखक: दीक्षा शर्मा, टीम नेटानगरी

भूमिका

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक उत्साहवर्धक बयान देते हुए कहा है कि 2040 तक एक भारतीय एस्ट्रोनॉट चांद पर जाएगा। यह घोषणा उन उपलब्धियों का एक हिस्सा है जो भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान में हासिल की हैं, विशेष रूप से चंद्रयान 2 मिशन की सफलताकी पर। मोदी जी का यह बयान भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इसके पीछे बहुत सारे वैज्ञानिक प्रयासों की कहानी है।

चंद्रयान 2: एक सफल मिशन

चंद्रयान 2 मिशन ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा की गई अद्भुत प्रगति को दर्शाया। इस मिशन का उद्देश्य चांद की सतह पर लैंडर भेजना और वहां की जानकारी इकट्ठा करना था। हालांकि लैंडर विक्रम का सुरक्षित लैंडिंग न कर पाना एक चुनौती थी, लेकिन ऑर्बिटर का काम सफल रहा और यह चांद की सतह से महत्वपूर्ण डेटा भेजता रहा।

भविष्य की योजनाएँ

प्रधानमंत्री मोदी के बयान से यह साफ हो गया है कि ISRO चंद्र पर मानव भेजने के लिए पूरी तैयारी कर रहा है। 2040 तक भारतीय एस्ट्रोनॉट की चाँद यात्रा केवल एक सपना नहीं, बल्कि एक संभावनाएं है। मोदी ने इस दिशा में आवश्यक संसाधनों और तकनीकी विकास पर भी जोर दिया। इस मिशन के अंतर्गत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण और फिर उन्हें अंतरिक्ष में भेजने की योजनाएँ बनाई जा रही हैं।

अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की बढ़ती भूमिका

भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम अब वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हाल ही में, देश ने कई सफल उपग्रह लॉन्च किए हैं और अंतरराष्ट्रीय मिशनों में भी भाग लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की इस प्रवृत्ति को और आगे बढ़ाने का प्रयास किया है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि चांद पर भारतीय एस्ट्रोनॉट की यात्रा हमारी तकनीकी क्षमताओं और विज्ञान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। चंद्रयान 2 के सफल मिशन ने हमें भविष्य के मिशनों के लिए एक मजबूत आधार प्रदान किया है। आने वाले वर्षों में, भारत अंतरिक्ष विज्ञान में नई ऊँचाइयों को छूने के लिए तैयार होगा।

इस प्रकार, 2040 तक एक भारतीय एस्ट्रोनॉट का चाँद पर जाना एक सपना नहीं रह जाएगा, बल्कि वास्तविकता बन जाएगा।

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