Jammu Kashmir: पहलगाम आतंकी घटना के खिलाफ में रोजा शरीफ में रोष मार्च, फूंके गए पुतले, खलीफा की केंद्र से बड़ी मांग 

Protest Against Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के सरहिंद के रोजा शरीफ में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शुक्रवार को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में आतंकवाद का पुतला फूंका और हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगाए गए. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रोजा शरीफ के खलीफा सैयद मुहम्मद सादिक रजा मुज्जाजदी के नेतृत्व में आतंकी घटना के विरोध रोष मार्च भी निकाला. साथ ही केंद्र सरकार से लोगों ने मांग की कि वो आतंकवाद की सच्चाई सामने लाए.  सरहिंद रोजा शरीफ के खलीफा सैयद मुहम्मद सादिक रजा मुज्जाजदी ने कहा, "वह आतंकवाद के सख्त खिलाफ हैं.' पहलगाम में पर्यटकों पर गोली चलाने वाले आतंकियों की आत्मिक शांति के लिए दुआ भी गई है."  केंद्र करे सबक सिखाने वाली कार्रवाई- सैयद मोहम्मद सादिक रजा मुज्जाजदी  उन्होंने केंद्र सरकार से कहा, "आतंकवादी घटना के लिए जिम्मेदार ताकतों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. ताकि भविष्य में ऐसी कोई दर्दनाक घटना न हो. देश में शांति भंग करने की कोई हिमाकत न करे.आने वाले दिनों में इस देश में अमन चैन कायम रहे."  खलीफा सैयद मोहम्मद सादिक रजा मुज्जाजदी ने ने कहा कि भारत हमेशा से ही शांतिप्रिय देश रहा है. शांति भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.  (अशरफ ढुड्डी की रिपोर्ट)

Apr 26, 2025 - 09:37
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Jammu Kashmir: पहलगाम आतंकी घटना के खिलाफ में रोजा शरीफ में रोष मार्च, फूंके गए पुतले, खलीफा की केंद्र से बड़ी मांग 
Jammu Kashmir: पहलगाम आतंकी घटना के खिलाफ में रोजा शरीफ में रोष मार्च, फूंके गए पुतले, खलीफा की केंद्र से बड़ी मांग 

Jammu Kashmir: पहलगाम आतंकी घटना के खिलाफ में रोजा शरीफ में रोष मार्च, फूंके गए पुतले, खलीफा की केंद्र से बड़ी मांग

Netaa Nagari

लेखक: प्रिया वर्मा, टीम NetaaNagari

परिचय

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुई पहलगाम आतंकी घटना ने पूरे क्षेत्र में गहरा सदमा पैदा किया है। इस घटना के खिलाफ रोजा शरीफ में एक रोष मार्च निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए। मार्च में फूंके गए पुतले और खलीफा की मांगें केंद्रीय सरकार के प्रति गहरी आपत्ति दर्शाते हैं।

रोष मार्च का विवरण

रोजा शरीफ में आयोजित इस मार्च का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित करना था। प्रदर्शनकारियों ने आतंकवादी गतिविधियों की निंदा करते हुए तख्तियों पर अपने संदेश लिखे थे। "हमारे युवाओं को आतंकवाद की ओर नहीं खींचा जा सकता," ऐसे कई नारे लगाए गए। इस दौरान, प्रदर्शनकारियों ने पुतले फूंककर अपनी नाराजगी दर्ज की। एक प्रमुख नेता ने कहा, "हम अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए सड़कों पर हैं।"

खलीफा की मांगें

इस मार्च में खलीफा ने केंद्र सरकार से कुछ प्रमुख मांगें की हैं। उनकी मांगों में सुरक्षा को मजबूत करना, आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और शांति बनाए रखने के लिए अधिक सहायता प्रणाली विकसित करना शामिल है। खलीफा ने कहा, "हम चाहते हैं कि हमारी आवाज सुनी जाए, और केंद्र हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करे।"

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद, स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया भी काफी तीव्र रही है। कई परिवारों ने आतंकवाद से प्रभावित अपने प्रियजनों की दुखद कहानियाँ साझा की। उन सबका एक ही संदेश था- "हम शांति चाहते हैं और किसी प्रकार के आतंकवाद को सहन नहीं करेंगे।"

निष्कर्ष

जम्मू-कश्मीर में इस तरह की घटनाएं समाज में और अधिक असुरक्षा का माहौल पैदा करती हैं। रोजा शरीफ में निकाले गए इस रोष मार्च ने सरकार को एक स्पष्ट संदेश दिया है कि लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है। सरकार को चाहिए कि वह स्थानीय लोगों की चिंताओं को समझे और ठोस कदम उठाए। सिर्फ इस प्रकार के विरोध प्रदर्शनों से ही नहीं, बल्कि सकारात्मक बदलाव लाने वाली नीतियों से ही शांति स्थापित की जा सकती है।

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