Bihar Land News: भूमि अधिग्रहण में लापरवाह अधिकारियों पर बिहार में गिरेगी गाज? विभाग ने जारी किया फरमान
Bihar Land News: बिहार में कई जगहों पर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन अक्सर जमीन अधिग्रहण को लेकर विवाद भी देखने को मिलता है. जमीन मालिक इस तरह के मामलों को लेकर कोर्ट भी पहुंच रहे हैं. ऐसे में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन अधिग्रहण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के मूड में है. इसको लेकर सभी प्रमंडल आयुक्त को पत्र लिखा गया है. गुरुवार (30 जनवरी) को विभाग की ओर से इसकी जानकारी दी गई है. विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने पत्र में लिखा है कि भूमि अधिग्रहण को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित परियोजनाओं के निष्पादन में अधिकारियों द्वारा निर्णय लेने की जगह टालमटोल का रास्ता अपनाया जा रहा है. इससे परियोजनाओं के पूरा होने में बगैर कोई कारण विलंब हो रहा है. जमीन मालिक न्यायालय जाने को मजबूर हो रहे हैं. रैयतों एवं राज्य के व्यापक हित में इस प्रक्रिया पर रोक लगाने की आवश्यकता है. विवादित मामलों में मध्यस्थ के रूप में निर्णय लेने की अपेक्षा इस संबंध में सभी प्रमंडलीय आयुक्त को अवगत कराया गया है कि कई जगहों से शिकायत मिली है कि अर्जनाधीन भूमि की वर्तमान स्थिति एवं दर को लेकर सक्षम प्राधिकार, भू-अर्जन द्वारा निर्णय लेने की जगह टाला जा रहा है. पत्र के जरिए सभी प्रमंडलीय आयुक्त से अनुरोध किया गया है कि विवादित मामलों में उनसे मध्यस्थ के रूप में निर्णय लेने की अपेक्षा की जाती है. कहा गया कि अर्जनाधीन भूमि की प्रकृति एवं दर को लेकर जमीन मालिकों में अक्सर असंतोष रहता है. खासकर भूमि की प्रकृति को लेकर क्योंकि प्रकृति से भूमि की दर का निर्धारण होता है और यह मुआवजा को निर्धारित करता है. इस संबंध में जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों की ओर से लिए गए निर्णयों के खिलाफ आयुक्त सह अध्यक्ष यानी आर्बिट्रेटर (कोई ऐसा व्यक्ति जिसे किसी विवाद को सुलझाने के लिए आधिकारिक तौर पर चुना गया हो) के समक्ष अपील किए जाने का प्रावधान है. यह भी पढ़ें- Bihar Land Survey: भूमि सर्वे की रैंकिंग में 5 DCLR सबसे पीछे, नीतीश सरकार ने दी कार्रवाई की चेतावनी

Bihar Land News: भूमि अधिग्रहण में लापरवाह अधिकारियों पर बिहार में गिरेगी गाज? विभाग ने जारी किया फरमान
Netaa Nagari - बिहार की भूमि अधिग्रहण नीति पर एक नया फरमान जारी हुआ है, जिसमें लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की बात की गई है। यह निर्णय उन समस्याओं को हल करने के लिए लिया गया है, जो भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में अक्सर उत्पन्न होती हैं।
भूमि अधिग्रहण में समस्या का इतिहास
बिहार में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रियाओं को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है। किसानों और सरकारी अधिकारियों के बीच संचार की कमी, धनराशि का सही उपयोग नहीं होना और लापरवाहियों के कारण कई मुद्दे पैदा हुए हैं। यह देखा गया है कि lapsed timelines और अधिग्रहण की गलत जानकारी के कारण कई परियोजनाएं बाधित हो गई हैं।
विभाग का नया फरमान
हाल ही में बिहार सरकार के भूमि सुधार विभाग ने एक आदेश जारी किया है जिसका उद्देश्य भूमि अधिग्रहण में सुधार लाना है। इस आदेश में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि यदि वे भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में लापरवाह पाए जाएंगे, तो उन पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध हो।
प्रभाव और प्रतिक्रियाएं
स्थानीय किसान संगठनों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह कदम उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेता है। उन्होंने कहा कि, "लंबे समय से हम सही मुआवजे और समय पर अधिग्रहण की मांग कर रहे हैं। यदि अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी, तो शायद स्थितियों में सुधार हो सकेगा।"
इस बीच, सरकारी अधिकारियों ने भी यह स्वीकार किया है कि लापरवाह नीतियों के कारण कई परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम इस दिशा में गंभीर हैं और यह विभागीय सुधार सुनिश्चित करने में हमारी प्राथमिकता है।"
निष्कर्ष
बिहार में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को सुधारने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है। इससे न केवल किसानों का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। यह देखना होगा कि इस आदेश का वास्तव में कितना प्रभाव पड़ता है और अधिकारी इसे कितनी गंभीरता से लेते हैं। भविष्य में और किस प्रकार के कदम उठाए जाएंगे, यह भी एक महत्वपूर्ण सवाल रहेगा।
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