इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को निभानी होगी जिम्मेदार मीडिया की भूमिका

सच ही कहा है कि अति उत्साह में कभी भी संयम नहीं खोना चाहिए। ऑपरेशन सिन्दूर और उसके बाद की हालातों को जिस तरह से टीवी चैनलों द्वारा सनसनीखेज बनाकर प्रस्तुत किया जा रहा है भले ही इससे इन चैनलों की टीआरपी में बढ़ोतरी हो जाए पर यह किसी भी हालत में एक जिम्मेदार मीडिया की भूमिका नहीं हो सकती। आज देशवासी सही तस्वीर देखने को तरस गए हैं। कोई चैनल पाकिस्तान के किसी स्थान पर कब्जे की बात करता है तो कोई चैनल पाकिस्तान की सीमाओं में भारतीय सेना के प्रवेश की बात करता है। कोई चैनल कुछ और सनसनीखेज तस्वीर बताता है। यह सब ऑपरेशन सिन्दूर के अगले दिन रात के प्रसारणों से खासतौर से देखने को मिला। ठीक है देशभक्ति का जज्बा है और ऑपरेशन सिन्दूर से प्रत्येक देशवासी अपने आप को गर्वान्वित महसूस कर रहा है। हमारी सेना, हमारे सैनिकों और राजनीतिक नेतृृत्व को लेकर प्रत्येक देशवासी में अति उत्साह और लबालब विश्वास है। इसमें कोई दो राय नहीं कि इस दौर में देश के प्रिन्ट मीडिया ने अपनी भूमिका सही तरीके से निभाई है। सवाल यही है कि क्या चैनलों या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का एकमात्र उद्देश्य गंभीर से गंभीर मुद्दे को सनसनीखेज ही बनाना है। गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि केन्द्र सरकार को बार बार एडवाइजरी जारी करनी पड़ रही है तो आमजन समझ ही नहीं पा रहे कि वास्तविकता क्या है?एक समय था जब आकाशवाणी की अपनी विश्वसनीयता रही। सरकारी प्रसारण होने के बावजूद घड़ी का समय मिलाने से लेकर नियतकालीन न्यूज प्रसारण समय पर लोग सब कुछ काम छोड़कर या फिर चौराहे की पान-चाय की दुकान पर जम जाते थे। प्रातः 8 बजे, रात पौने नो बजे व स्थानीय समाचारों के लिए निर्धारित समय पर लोग समाचार सुनने का बेसब्री से इंतजार करते थे। विश्वसनीयता यह कि सरकार विरोधी आंदोलनकारी भी सरकारी आकाशवाणी केन्द्रों से प्रसारित समाचारों पर पूरा पूरा विश्वास करते थे। यही कारण था कि समाचारों की विश्वसनीयता होती थी। दूरदर्शन का आंरभिक दौर भी इसी तरह का रहा है। आकाशवाणी और दूरदर्शन समाचारों की वह गौरवशाली परंपरा इतिहास की बात हो गई है। 1956, 1962 या 1971 का युद्ध हो सभी की निगाहें समाचार बुलेटिनों पर रहती थी तो समय की मांग को देखते हुए देशभक्ति पूर्ण गीतों, कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता था। समय का बदलाव देखिये कि टीवी चैनलों की टीआरपी दौड़ सत्य दिखाने के स्थान पर भ्रम का जाल बुनने लगती है। सोशियल मीडिया पर यह आरोप आम है पर समाचार टीवी चैनल तो दो कदम आगे हो गए हैं। इसे भी पढ़ें: ननकाना साहिब गुरुद्वारे को लेकर क्या है सच? सरकार ने पाकिस्तान के झूठ का किया पर्दाफाशसमूचे देश के लिए गर्व की बात है कि आज सरहद के मोर्चे पर हो या कूटनीतिक मोर्चे पर हमारी रणनीति पूरी तरह से सफल है। हमारी सेना और सैनिक पाकिस्तान के हर कूटरचित कदमों को विफल करने में सफल हो रही है। पाकिस्तान द्वारा सीमावर्ती इलाकों और नागरिक क्षेत्रों में की जा रही सैन्य गतिविधियों को अंजाम देने के कुत्सित प्रयासों को पूरी तरह से विफल किया जा रहा है वही लगभग सभी द्रोण हमलों को विफल किया जा रहा है। पाकिस्तान अब पूरी तरह कुंठित देश हो गया है और आज तुर्की और चीन को छोड़कर कोई देश पाकिस्तान के पक्ष में आने को तैयार नहीं है। पहलगाम की घटना के बाद से पाकिस्तान एक के बाद एक गलतियां कर रहा है और आतंकवादी के जनाजे में सैनिकों द्वारा शामिल होना उसके आतंकवादियों से जुड़ाव को स्पष्ट कर देता है। अब पाकिस्तान ने अपनी तरफ से इकतरफा भारत के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी गई है अपितु परमाणु बम विस्फोट की धमकी दी जा रही है। पर जिस संयमित तरीके से भारत द्वारा पाकिस्तान के हर आक्रमण और कदम को विफल किया जा रहा है वह देश के लिए गर्व की बात है। आज पाकिस्तान का हर कदम उसके लिए आत्मघाती होता जा रहा है। बलूचियों को अलग अवसर मिल गया है तो पीओके में पाकिस्तान के विरोध को भी मुखर होने का अवसर मिल गया है।जब युद्ध जैसे हालात हो तो ऐसे में सबसे पहली आवश्यकता जिम्मेदार रिपोर्टिंग की हो जाती है। मीडिया को ऐसे सभी कदमों से बचना जरुरी हो जाता है। सबसे महत्वपूर्ण यह हो जाता है कि हमारी अतिउत्साह की रिपोर्टिंग दुश्मन देश के लिए सहायक ना बन जाए यह जरुरी हो जाता है। यही कारण है कि सरकार एडवाइजरी जारी करते हुए सेना के मूवमेंट व अन्य सामरिक सूचनाओं से दूरी बनाये रखने की सलाह दी जा रही है। दरअसल जिस तरह से ऑपरेशन सिन्दूर के बाद पाकिस्तान द्वारा द्रोण हमलों का दौर चलाया और उनके द्रोण हमलें को नाकाम किया गया वहां तक तो सब ठीक रहा पर ब्रेकिंग के नाम पर जो कुछ दिखाया जा रहा था वह जिम्मेदार मीडिया की भूमिका नहीं कहा जा सकता। ऐसे में टीवी चैनलों को संयम और जिम्मेदारी से काम करना होगा। हमें पाकिस्तानी प्रोपेगेण्डा प्रचार से दूर रहते हुए रचनात्मक भूमिका निभानी होगी। - डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा

May 10, 2025 - 18:37
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इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को निभानी होगी जिम्मेदार मीडिया की भूमिका
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को निभानी होगी जिम्मेदार मीडिया की भूमिका

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को निभानी होगी जिम्मेदार मीडिया की भूमिका

Netaa Nagari - भारतीय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की भूमिका आज के डिजिटल युग में बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। जैसे-जैसे समाज में सूचना का प्रवाह तेजी से बढ़ा है, इसी के साथ मीडिया की जिम्मेदारियों में भी वृद्धि हुई है। इस लेख में, हम चर्चा करेंगे कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को अपने दायित्वों को कैसे समझना और निभाना चाहिए।

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का सर्वोत्तम उपयोग

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया केवल समाचार और मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि यह समाज को शिक्षित करने का एक सशक्त उपकरण भी है। जब मीडिया किसी विषय पर रिपोर्टिंग करता है, तो उसे पारदर्शिता और सच्चाई के साथ आगे बढ़ना चाहिए। पत्रकारों को चाहिए कि वे सत्यता की खोज में कठिनाईयों का सामना करें और सटीक जानकारी लोगों तक पहुँचाएं।

सोशल मीडिया का प्रभाव

सोशल मीडिया पर फैली अफवाहें और गलत जानकारी बेहद चिंतनीय है। इसलिए, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की जिम्मेदारी बनती है कि वह इन गलत सूचनाओं पर नजर रखे और सटीक जानकारी प्रदान करे। इसके अलावा, वह समाज में अच्छे मूल्यों को बढ़ावा देने का कार्य भी कर सकता है।

मीडिया की नैतिकता

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को ethical journalism का अनुसरण करना चाहिए। यह उसकी जिम्मेदारी है कि वह अपने दर्शकों को ऐसी सामग्री न दिखाए जो समाज में भ्रम या डर फैलाए। समाचारों को निष्पक्ष और संतुलित तरीके से प्रस्तुत करना चाहिए। मीडिया को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करे जो समाज के लिए महत्वपूर्ण हैं।

निष्कर्ष

संक्षेप में, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को एक जिम्मेदार भूमिका निभानी होगी। यह न केवल समाचार का स्रोत है बल्कि समाज का मार्गदर्शक भी है। मीडिया को चाहिए कि वह सटीक, नैतिक और सामयिक समाचार प्रदान करे ताकि वह समाज को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सके। दर्शकों को भी यह चाहिए कि वह सूचनाओं को सोच-समझकर ग्रहण करें और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर जागरूक रहें।

कुल मिलाकर, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का यह कर्तव्य बनता है कि वह अपने दायित्वों को समझे और उस पर सच्चाई और नैतिकता से खरा उतरे। भविष्य के लिए यह आवश्यक है कि हम एक सच्चे और जिम्मेदार मीडिया का निर्माण करें।

इस पर और अधिक जानकारी के लिए, कृपया netaanagari.com पर जाएँ।

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