‘सरकार के पैरों में गिरने के लिए भी तैयार हूं', कांग्रेस MLA की इस अपील पर भावुक हो गए एमपी के मंत्री

Congress MLA Abhay Mishra: मध्य प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को कांग्रेस के एक विधायक ने पुलिस उत्पीड़न का मुद्दा उठाया और न्याय की मांग करते हुए कहा कि वह ‘‘सरकार के पैरों में गिरने के लिए भी तैयार हैं.’’ विधायक ने उनके और उनके बेटे के खिलाफ ‘‘फर्जी’’ आपराधिक मामला दर्ज करने का भी आरोप लगाया. विधायक की बातें सुनने के बाद चिकित्सा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल भावुक हो गए और उन्होंने एक पुलिस अधिकारी को निलंबित करने तथा फर्जी मामला दर्ज करने के आरोपों की जांच की घोषणा की. विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठा. रीवा जिले के सेमरिया से कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने सदन में कहा कि उनके और उनके बेटे के खिलाफ 16 दिसंबर, 2022 को चोराहटा थाने में एक ‘फर्जी’’ प्राथमिकी दर्ज की गई. मिश्रा ने सरकार से दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. कांग्रेस विधायक ने कहा कि वह ‘‘न्याय के लिए मंत्री के पैरों में गिरने’’ के लिए तैयार हैं. उन्होंने आग्रह अनसुना करने पर कुछ अवांछित कदम उठाने की चेतावनी दी. चिकित्सा राज्य मंत्री पटेल ने कहा कि मामला एक विधायक के परिजनों से संबंधित है और निर्वाचित प्रतिनिधियों की प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए इसे हल करने के अन्य तरीके (इसे सार्वजनिक मामला बनाने के बजाय) हैं, इसके बाद भी मिश्रा पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे. इसके बाद पटेल ने उन्हें आश्वासन दिया कि चोराहटा थाने के ‘टाउन इंस्पेक्टर’ को निलंबित कर दिया जाएगा और आरोपों की गहन जांच शुरू की जाएगी. इससे पहले सदन में वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय सिंह ने कहा कि यह पुलिस उत्पीड़न का मामला है. उन्होंने कहा कि अगर समय रहते कार्रवाई की गई होती तो हाल ही में मऊगंज में हिंसा नहीं होती. मऊगंज में भीड़ के हमले में एक पुलिस अधिकारी और एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने कहा कि आदिवासी विधायक नारायण सिंह पट्टा भी इसी तरह के मामले का सामना कर रहे हैं. बाद में  फोन पर बात करते हुए मिश्रा ने कहा कि पटेल सदन में भावुक हो गए क्योंकि हर व्यक्ति में करुणा के साथ-साथ क्षमा और दया की भावना भी होती है. ये भी पढ़ें- 'हालत इतनी खराब तो टोल टैक्स क्यों दें लोग?'जयपुर-दिल्ली हाईवे का जिक्र कर बोले हनुमान बेनीवाल  

Mar 21, 2025 - 23:37
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‘सरकार के पैरों में गिरने के लिए भी तैयार हूं', कांग्रेस MLA की इस अपील पर भावुक हो गए एमपी के मंत्री
‘सरकार के पैरों में गिरने के लिए भी तैयार हूं', कांग्रेस MLA की इस अपील पर भावुक हो गए एमपी के मंत्री

‘सरकार के पैरों में गिरने के लिए भी तैयार हूं', कांग्रेस MLA की इस अपील पर भावुक हो गए एमपी के मंत्री

हाल ही में मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायक की एक भावुक अपील ने प्रदेश की राजनीति में हड़कंप मचा दिया। विधायक ने कहा, “सरकार के पैरों में गिरने के लिए भी तैयार हूं”, जिसे सुनकर प्रदेश के मंत्री भी भावुक हो गए। यह घटना न केवल पार्टी के अंदर के संबंधों को दर्शाती है, बल्कि सरकारी नीतियों और उनके कार्यान्वयन पर सवाल उठाने का भी एक महत्वपूर्ण समय है।

कांग्रेस MLA की अपील

कांग्रेस विधायक के इस बयान का संदर्भ उस समय आया जब विधायक ने स्थानीय मुद्दों को लेकर सरकार की ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके क्षेत्र की समस्याएँ गंभीर हैं और उन्हें शीघ्र निवारण की आवश्यकता है। विधायक ने भावुकता के साथ कहा कि यदि इसके लिए उन्हें सरकार के पैरों में गिरना पड़े, तो वे ऐसा करने को तैयार हैं। उनके इस बयान ने न केवल वहां उपस्थित लोगों को बल्कि समस्त मध्य प्रदेश की राजनीति को झकझोर कर रख दिया है।

राज्य मंत्री की प्रतिक्रिया

मध्य प्रदेश के मंत्री ने विधायक की भावनाओं को ध्यानपूर्वक सुना और अपने आंसुओं को नहीं रोक पाए। उन्होंने कांग्रेस विधायक की उस विशेष अपील पर सहानुभूतिपूर्ण प्रतिक्रिया दी, जहाँ उन्होंने कहा, "यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम जनता की समस्याओं का समाधान करें और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।" यह प्रतिक्रिया इस बात का संकेत है कि भले ही राजनीतिक दल भिन्न हो, लेकिन अंततः लक्ष्य एक ही है - जनता की भलाई।

स्थानीय मुद्दों पर ध्यान देना आवश्यक

सरकार की नीतियों में सुधार लाने का यह एक महत्वपूर्ण क्षण है, जहाँ नेताओं को अपने जनता से जुड़ने और उनकी समस्याओं का समाधान रिपोर्ट करने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। विधायक की भावुक अपील ने यह दर्शाया कि केवल राजनीतिक आलोचना नहीं, बल्कि सबको मिलकर कार्य करने की जरूरत है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि अगर नेता अपनी जनता के साथ खड़े रहेंगे, तो उनकी समस्याएँ हल हो सकती हैं।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, कांग्रेस विधायक की यह भावुक अपील न केवल उनकी पार्टी के लिए बल्कि पूरी राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। सरकार को चाहिए कि वह जनता की आवाज सुने और जमीनी स्तर पर काम करे। हमें उम्मीद है कि यह घटना अन्य नेताओं को भी प्रेरित करेगी कि वे भी सही दिशा में कदम बढ़ाएँ।

अन्त में, मध्य प्रदेश की राजनीति में इस घटना को देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या इससे सरकारी नीतियों में सुधार आएगा या नहीं।

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