रेवाड़ी पुलिस ने दिल्ली से साइबर ठग को पकड़ा:टेलीग्राम पर झांसा देकर 11.59 लाख हड़पे, दो साथ पहले पकड़े

रेवाड़ी साइबर थाना पुलिस ने ऑनलाइन टास्क के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के एक और सदस्य आज को गिरफ्तार किया है। दिल्ली के हरी नगर बी ब्लॉक से पकड़े गए आरोपी की पहचान लवनीत सिंह उर्फ लव के रूप में हुई है। इस मामले में पुलिस पहले ही दो आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जांचकर्ता ने रामगढ़ निवासी भगत सिंह ने बताया कि 25 सितंबर को टेलीग्राम पर एक मैसेज आया। मैसेज में यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करने और स्क्रीनशॉट भेजने जैसे 25 टास्क के बदले पैसे कमाने का लालच दिया गया। पहले रुपए लगाने पर मुनाफा मिला शुरुआत में भगत सिंह से 1000 रुपए जमा कराए गए। इसके बदले उसे 1350 रुपए मिले। इसके बाद वह धीरे-धीरे इस जाल में फंसता गया। कई ट्रांजैक्शन के जरिए उसने 11 लाख 59 हजार 550 रुपए ट्रांसफर कर दिए। जब इस राशि को वापस पाने के लिए उससे और पैसे मांगे गए, तब उसे ठगी का एहसास हुआ। पुलिस ने इस मामले में पहले दिल्ली के बुध विहार निवासी सन्नी खन्ना और गुरुग्राम के सेक्टर-65 निवासी पारस बजाज को गिरफ्तार किया था। पारस से 5 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, 9 डेबिट कार्ड और एक नोट गिनने की मशीन बरामद की गई थी। अब तीसरे आरोपी लवनीत को भी गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

May 6, 2025 - 18:37
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रेवाड़ी पुलिस ने दिल्ली से साइबर ठग को पकड़ा:टेलीग्राम पर झांसा देकर 11.59 लाख हड़पे, दो साथ पहले पकड़े
रेवाड़ी पुलिस ने दिल्ली से साइबर ठग को पकड़ा:टेलीग्राम पर झांसा देकर 11.59 लाख हड़पे, दो साथ पहले पकड़े

रेवाड़ी पुलिस ने दिल्ली से साइबर ठग को पकड़ा: टेलीग्राम पर झांसा देकर 11.59 लाख हड़पे, दो साल पहले पकड़े

Netaa Nagari द्वारा, लेखिका: प्रिया शर्मा, दिशा वाधवा, टीम नेतानगरी

साइबर ठगी की नई परतें खोलती रेवाड़ी पुलिस की कार्रवाई

रेवाड़ी पुलिस ने हाल ही में एक साइबर ठग को गिरफ्तार किया है जिसने टेलीग्राम पर झांसा देकर 11.59 लाख रुपये हड़पने का मामला सामने लाया है। यह मामला न केवल ठग की चतुराई को उजागर करता है, बल्कि साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों पर भी प्रकाश डालता है। रेवाड़ी के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह ठग दिल्ली का निवासी है और कुछ समय पहले ही दो अन्य संगठनों के सदस्यों को भी पकड़ा गया था।

कैसे हुआ ठगी का मामला: यथार्थ के पीछे का सच

साइबर ठग ने Victims के साथ टेलीग्राम पर एक ग्रुप बनाया था, जिसमें उसने लोगों को आकर्षक ऑफर्स देने का दावा किया। उसने निवेश के नाम पर लोगों को पैसे भेजने के लिए तैयार किया। पीड़ितों को जब इस माध्यम से पैसे भेजे गए, तब ठग ने चुपके से सबूत मिटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, शिकायत के बाद जांच शुरू की गई और तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से ठग को ट्रैक किया गया। पुलिस की टीम ने ठग के ठिकाने पर छापेमारी की और उसे गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई में दोनों साथियों को भी पकड़ा गया, जो पहले से ही पुलिस की रडार पर थे।

पुलिस का कहना: लोगों को करो सर्तक

रेवाड़ी पुलिस ने जनता को सावधानी बरतने की अपील की है, विशेषकर ऑनलाइन लेन-देन के समय। पुलिस अधिकारी ने कहा, "साइबर ठगों की गतिविधियां दिन-प्रतिदिन बढ़ रही हैं। इसलिए, जो भी ऑनलाइन प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें सतर्क रहना चाहिए।" इस मामले ने यह भी साबित कर दिया है कि तकनीकी ज्ञान और सतर्कता से ही लोगों को इस प्रकार के घोटालों से बचाया जा सकता है।

निष्कर्ष: हर नागरिक की जिम्मेदारी है सतर्कता

इस मामले ने समाज को यह सिखाया है कि साइबर क्राइम के मामलों में सदैव सावधान रहना चाहिए। रेवाड़ी पुलिस का यह कदम न केवल एक ठग को पकड़ने का है, बल्कि यह एक चेतावनी भी है सभी के लिए। अपने धन और व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। अगर आपको किसी भी प्रकार के ऑनलाइन ठगी का संदेह हो, तो तुरंत स्थानीय पुलिस से संपर्क करें।

कुल मिलाकर, यह घटना एक गंभीर चेतावनी के रूप में उभरी है कि साइबर ठग सावधानी से अपनी चालें चल रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए रेवाड़ी पुलिस ने प्रभावी कदम उठाए हैं।

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