राजस्थान में गर्मी पर सियासी संग्राम, कांग्रेस ने सरकार को घेरा, BJP बोली - बेहतर होंगे इंतजाम
Pratap Singh Khachariyawas: राजस्थान में इन दिनों जबरदस्त गर्मी पड़ रही है. आसमान से आग बरस रही है. भीषण गर्मी को लेकर सियासी पारा भी उफान पर है. गर्मी में सरकारी इंतजाम पर नाखुशी जताते हुए राजस्थान हाई कोर्ट के दखल देने के बाद कांग्रेस पार्टी जहां सरकार पर हमलावर हो गई है, वहीं बैकफुट पर आई बीजेपी ने विपक्ष पर बेवजह की सियासत करने का आरोप लगाया है. सियासी आरोप प्रत्यारोप के बीच गर्मी में लोगों की जिंदगी को सुरक्षित रखना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गई है. गौरतलब है कि राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच ने शुक्रवार को राज्य में जबरदस्त गर्मी को देखते हुए सुओ मोटो लेकर जनहित याचिका कायम की और सरकारी इंतजामों को नाकाफी मानते हुए सिस्टम पर सवाल खड़े किए. कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए तल्ख टिप्पणी की और कहा कि वह इस गर्मी में लोगों को करने के लिए नहीं छोड़ सकता. हाई कोर्ट ने राजस्थान सरकार से कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाने और राहत व बचाव के पुख्ता इंतजाम किए जाने के आदेश जारी किए तो साथ ही तमाम अफसरों से जवाब तलब भी कर लिया. कांग्रेस ने भजनलाल शर्मा सरकार पर साधा निशाना गर्मी पर सरकारी इंतजामों को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट के दखल के बाद कांग्रेस पार्टी सूबे की भजन लाल शर्मा सरकार पर हमलावर हो गई है. राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि सरकार ने भीषण गर्मी से लोगों को बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए, इसी वजह से हाई कोर्ट को दखल देना पड़ा. सरकार के लिए यह बेहद शर्मनाक स्थिति है. उसे अब नींद से जाग जाना चाहिए और तुरंत सर्व दलीय बैठक बुलाना चाहिए. प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि सरकार अगर अकेले कोई फैसला लेने और उस पर अमल करा सकने में खुद को नाकाम पाती है तो उसे कांग्रेस पार्टी से मदद लेनी चाहिए. कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता सरकार के साथ खड़ा होकर लोगों की मदद करने और उनकी जिंदगी बचाने में पूरा सहयोग देगा. दूसरी तरफ बीजेपी ने हाई कोर्ट के आदेश को सामान्य बताया है. पार्टी का कहना है कि अदालत ने सामान्य दिशा निर्देश जारी किए हैं ताकि राहत और बचाव का काम और बेहतर तरीके से हो सके. राजस्थान बीजेपी के कार्यालय प्रभारी और वरिष्ठ नेता मुकेश पारीक ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पर बेवजह की सियासत करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि राजस्थान की सरकार जनता से जुड़े सभी मुद्दों पर बेहद संवेदनशील है. कांग्रेस सरकारों के मुकाबले ज्यादा बेहतर कदम उठाए जा रहे हैं. कांग्रेस के राज में गर्मी की वजह से तमाम लोगों की मौत हुई थी, लेकिन बीजेपी की सरकार लोगों की हर संभव मदद मुहैया कराने को तत्पर है. अदालत के दिशा निर्देशों का भी पालन कराया जाएगा. इसे भी पढ़ें: भोपाल में एक मंच पर इकट्ठा हुए पत्नियों से सताए पति, 'वैवाहिक आतंकवाद' का दिया नाम

राजस्थान में गर्मी पर सियासी संग्राम, कांग्रेस ने सरकार को घेरा, BJP बोली - बेहतर होंगे इंतजाम
लेखिका: सोनू शर्मा, टीम नेता नगरी
राजस्थान में गर्मी की बढ़ती लहरें केवल मौसम के बदलाव को नहीं बल्कि सियासी संग्राम को भी जन्म दे रही हैं। तापमान में बढ़ोतरी होते ही, कांग्रेस पार्टी ने राज्य सरकार को घेरते हुए कई मुद्दों को उठाया है, वहीं भाजपा ने ऐसे मुद्दों पर बेहतर प्रबंधन का वादा किया है।
कांग्रेस का सरकार पर प्रहार
राजस्थान में गर्मी ने लोगों की ज़िंदगी कठिन बना दी है, और ऐसा लगता है कि कांग्रेस ने इसे एक महत्वपूर्ण मुद्दे के रूप में देखा है। कांग्रेस के नेता ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गर्मी के दौरान पीने के पानी की व्यवस्था, बिजली की स्थिति और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। उनके अनुसार, सरकार की असमर्थता ने आम जनता को काफी समस्याओं में डाल दिया है।
BJP का जवाब
भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को नकारते हुए कहा कि वे पूरी तरह तैयार हैं। भाजपा के प्रवक्ता ने दावा किया कि व्यवस्था पहले से बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने गर्मी के दौरान बिजली कटौती को कम करने के लिए व्यापक योजनाएँ बनाई हैं और पीने के पानी की आपूर्ति में सुधार के लिए नए प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है।
आम जनता की स्थिति
गर्मी के कारण आम जनता की स्थिति दिन-ब-दिन भयावह हो रही है। लोग बिना ठंडे पानी और बिजली के जीने को मजबूर हैं। गर्मी से राहत पाने के लिए जनता इंतजार कर रही है कि कौन सी पार्टी उनके लिए बेहतर व्यवस्था लाएगी। लोग सोशल मीडिया पर भी अपनी परेशानियों को उजागर कर रहे हैं, जिससे स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
राजस्थान में ऐसा लगता है कि सियासी गलियारे गर्मी की बातों से भरे पड़े हैं। कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। कांग्रेस ने भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाए हैं, जबकि भाजपा ने उनके आरोपों का खंडन किया है। दोनों ही पार्टियों का दावा है कि वे राज्यों की भलाई के लिए काम कर रही हैं।
निष्कर्ष
राजस्थान में गर्मी के इस दौर में सियासी संग्राम और भी जटिल होता जा रहा है। नागरिकों की समस्याएँ प्राथमिकता होनी चाहिए, चाहे वह किसी भी राजनीतिक पार्टी द्वारा हो। अब देखना यह होगा कि कौन सी पार्टी वास्तव में अपने वादों को पूरा करती है और इससे जनता को राहत दिलाने में सफल होती है।
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