देहरादून में मदरसा बोर्ड अध्यक्ष मुफ्ती कासमी का भव्य स्वागत, UCC और वक्फ को लेकर कही बड़ी बात
Uttarakhand News: उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी का रविवार को देहरादून के कावली स्थित मदरसा फैजुल उलूम में भव्य स्वागत किया गया. इस मौके पर मदरसे के शिक्षकों, छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और समुदाय के प्रबुद्धजनों ने उनका गर्मजोशी से अभिनंदन किया. कार्यक्रम को लेकर क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल रहा और उपस्थित लोगों ने इसे प्रेरणादायक और ऐतिहासिक क्षण बताया. कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में मुफ्ती शमून कासमी ने मदरसे के प्रबंधन और स्थानीय जनता को इस आत्मीय स्वागत के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में मदरसा शिक्षा को संगठित, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में सरकार के साथ मिलकर अहम प्रयास किए जा रहे हैं. मुफ्ती कासमी ने अपने संबोधन में पीएम मोदी का आभार व्यक्त कियामुफ्ती कासमी ने केंद्र सरकार की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया. उन्होंने वक्फ संशोधन अधिनियम को मुस्लिम समाज के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा कि यह अधिनियम वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और उनके पारदर्शी प्रबंधन के लिए बेहद जरूरी था. उन्होंने कांग्रेस शासन की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि बीते 60 वर्षों में वक्फ संपत्तियों की भारी लूट हुई, जिससे समाज को अपूरणीय नुकसान उठाना पड़ा. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने इस दिशा में ऐतिहासिक पहल करते हुए मुस्लिम समुदाय के विश्वास को पुनर्स्थापित किया है यूसीसी राज्य के दूरदर्शी कदम- मुफ्ती कासमीमुफ्ती कासमी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की भी दिल खोलकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी का दृष्टिकोण न्यायसंगत और विकासोन्मुखी है. उन्होंने राज्य में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने को एक प्रगतिशील और दूरदर्शी कदम बताया. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कानून इस्लाम के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह सभी समुदायों के लिए समान अधिकार और कर्तव्यों की भावना को बढ़ावा देगा. उन्होंने मुख्यमंत्री धामी के उस रुख की भी सराहना की, जिसके तहत अवैध और बिना पंजीकरण के चल रहे मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कदम मदरसा शिक्षा को सुधारने और छात्रों के शोषण को रोकने की दिशा में उठाया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के साथ विधिवत पंजीकृत मदरसों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो रही है, बल्कि उन्हें और अधिक सशक्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं. मुफ्ती कासमी ने सभी सौहार्द बनाकर रहने को कहाइस कार्यक्रम के माध्यम से मुफ्ती कासमी ने समुदाय से आह्वान किया कि वे शिक्षा, सामाजिक एकता और वक्फ संपत्तियों के संरक्षण के लिए संगठित होकर कार्य करें. उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि हम शिक्षा और विकास के माध्यम से समाज को नई दिशा दें. कार्यक्रम के अंत में उपस्थित जनसमूह ने वक्फ संपत्तियों की रक्षा, शिक्षा के प्रचार-प्रसार और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए एकजुट होकर काम करने का संकल्प लिया. इस आयोजन ने न केवल उत्तराखंड में मदरसा शिक्षा की दिशा को नई ऊर्जा दी है, बल्कि यह स्पष्ट संकेत भी दिया कि राज्य सरकार और मदरसा बोर्ड मिलकर मुस्लिम समाज के उत्थान और समावेशी विकास की ओर गंभीरता से अग्रसर रहें. यह भी पढ़ें- इतनी भीड़ कभी नहीं देखी... कानपुर में बोले यह बात क्यों बोल गए RSS चीफ मोहन भागवत?

देहरादून में मदरसा बोर्ड अध्यक्ष मुफ्ती कासमी का भव्य स्वागत, UCC और वक्फ को लेकर कही बड़ी बात
Netaa Nagari
देहरादून: मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती कासमी का हाल ही में देहरादून में भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार साझा किए, जिनमें यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड (UCC) और वक्फ संपत्तियों का विशेष उल्लेख किया। उनके विचार समाज और धार्मिक समुदाय के बीच सामंजस्य और एकता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
भव्य स्वागत का आयोजन
मुफ्ती कासमी के स्वागत के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों के नेता शामिल हुए। कार्यक्रम में बताया गया कि मुफ्ती कासमी का योगदान समरसता और शांति को बढ़ावा देने में रहा है। उनके स्वागत में आए सभी अतिथियों ने उनके विचारों को सराहा और समाज में उनके योगदान को स्वीकार किया।
UCC पर मुफ्ती कासमी का दृष्टिकोण
मुफ्ती कासमी ने UCC के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि यह कानून सभी समुदायों के लिए समानता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, "UCC का उद्देश्य समाज में एकता को बढ़ावा देना है और हमें इसे एक मौके के रूप में देखना चाहिए, जहाँ सभी धार्मिक समुदाय मिलकर आगे बढ़ सकते हैं।" उनकी यह राय इस विषय पर बहस को और अधिक जानकारीपूर्ण बनाती है और समाज में सहिष्णुता को बढ़ावा देती है।
वक्फ संपत्तियों का उपयोग
मुफ्ती कासमी ने वक्फ संपत्तियों के उपयोग पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों का सही और न्यायपूर्ण उपयोग होना चाहिए, ताकि इसका लाभ समाज के सभी वर्गों को मिले। "हमें इन संपत्तियों का सदुपयोग करना चाहिए, जिससे शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद मिल सके," उन्होंने कहा।
निर्णायक कदम और समाज पर प्रभाव
उन्होंने बताया कि उनके विचार न केवल मदरसा बोर्ड के लिए बल्कि समस्त समाज के लिए आवश्यक हैं। "समाज में यदि हम एकता और सहिष्णुता को बढ़ावा देंगे तो निश्चित तौर पर एक सकारात्मक परिवर्तन आएगा," मुफ्ती कासमी ने कहा।
निष्कर्ष
इस प्रकार, मुफ्ती कासमी का यह दौरा और उनके विचार निश्चित रूप से देहरादून में एक सकारात्मक संदेश देने में सहायक साबित हुआ। यह देखकर अच्छा लगता है कि धार्मिक नेता न केवल अपने समुदाय को बल्कि समाज के सभी वर्गों के साथ जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे आयोजनों से हम एक गहरी समझ और एकता की ओर बढ़ सकते हैं।
अंत में, ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता है जो हमारे समाज में सामंजस्य और शांति को बढ़ावा दें। यह जरूरी है कि हम इन बिंदुओं पर चर्चा करें और आगे बढ़ें।
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