'अब वीरता बयानों में ही रह गई', शंकराचार्य ने इशारों में CM Yogi और PM Modi को लेकर कही दी बड़ी बात

Swami Avimukteshwarananda: ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती यूपी के मेरठ जिले पहुंचे, जहां से उन्होंने गो रक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि मेरठ क्रांति की धरा रही है. इसलिए उन्होंने यहां से गो रक्षा के लिए बिगुल फूंक दिया. इस दौरान शंकराचार्य ने संभल के सीओ से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना इशारों में बहुत कुछ कह दिया है.  शंकराचार्य से जब होली को लेकर संभल के सीओ अनुज चौधरी के बयान पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि "अब तो वीरता केवल वाणी में रह गई है बयानबाजी करके ही अपना दम दिखाते हैं. किसी के पास अब कुछ करने के लिए नहीं है. इसलिए बस बोल-बोल कर एक दूसरे पर हमले करते रहते हैं.  मोदी और योगी पर इशारों-इशारों में कही ये बातस्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने गाय, गंगा, संस्कृति, संस्कार की बातें करने को लेकर भी बिना नाम लिए सत्ताधारी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इन बातों पर भी नेता लोग बातें तो बड़ी बड़ी करते हैं लेकिन कुछ करते नहीं है. धरातल पर काम करने का समय नहीं है. गाय को पशु कहना बंद करना चाहिए. भारत की संस्कृति में गाय को माता को कहा जाता है. गाय को पशु सूची से हटाकर उसे मां की सूची में दर्ज किया जाएं.  [yt]https://www.youtube.com/watch?v=seUQS6RMNO4[/yt] वहीं संभल सीओ अनुज चौधरी के बयान पर उन्होंने कहा कि "सीओ जो है वो अपना अंदाज नहीं बोलता. उसे कहां अधिकार है वो अपने मन की नहीं बोल सकता है. उसके ऊपर वाला जो बोलेगे उसे वहीं करना पड़ेगा. पुलिस में तो वो अपने मन का कर ही नहीं सकता है. वहां अपने मन की बात कहने की कहां स्वतंत्रता है. उन्हें जो आदेश होता है वो वहीं बोलते हैं. पुलिसवालों को जो आदेश हो वही बजाना पड़ता है. उन्होंने अपने मन से कुछ नहीं कहा.  औरंगजेब को लेकर छिड़े विवाद पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि जब हम किसी का नाम लेते हैं चाहे वो प्रशंसा के लिए ले या किसी और बात के लिए वो जीवित हो जाता हैं. अगर उसे बल देने है तो उसका नाम बार बार लेना चाहिए अगर उसे बल नहीं देना है तो उस पर चर्चा ही बंद कर देनी चाहिए. ऐसों का नाम ही मत लो. उन्होंने 66 करोड़ लोगों के महाकुंभ में स्नान पर भी सवाल उठाए और कहा कि अभी तक जिसने बड़े-बड़े लोग है वो यही कह रहे हैं कि इनकी गिनती कैसे हुई. एआई ने गिना तो कौन से गणित से गिना इसका पता ही नहीं चल पा रहा है.  इनपुट- सनुज चौधरी 'हिजाब पहनें मुस्लिम मर्द, रंग से बची रहेगी टोपी' योगी सरकार के मंत्री रघुराज सिंह का विवादित बयान

Mar 11, 2025 - 12:37
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'अब वीरता बयानों में ही रह गई', शंकराचार्य ने इशारों में CM Yogi और PM Modi को लेकर कही दी बड़ी बात
'अब वीरता बयानों में ही रह गई', शंकराचार्य ने इशारों में CM Yogi और PM Modi को लेकर कही दी बड़ी बात

अब वीरता बयानों में ही रह गई, शंकराचार्य ने इशारों में CM Yogi और PM Modi को लेकर कही दी बड़ी बात

परिचय

हाल ही में, शंकराचार्य ने अपने बयान में भारतीय राजनीति के दो प्रमुख नेताओं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, के प्रति जो टिप्पणियाँ की हैं, वह चर्चा का विषय बनी हुई हैं। उनका यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि वर्तमान में वीरता केवल बयानों तक ही सीमित रह गई है।

महत्वपूर्ण बातें

शंकराचार्य के अनुसार, वीरता केवल शब्दों में देखने को मिलती है, जबकि वास्तविकता में सरकारों को अपने कार्यों से इसे साबित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षा और विकास की उम्मीदें अब केवल वादों में निहित रह गई हैं। ऐसे समय में जबकि देश को वास्तविक निर्णयों की आवश्यकता है, नेताओं को ठोस कार्यों की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

शंकराचार्य का दृष्टिकोण

जब शंकराचार्य ने यह बात कही, तो उन्होंने इसे एक गंभीर मुद्दा के रूप में लिया। उनका कहना था कि मंथन करने की आवश्यकता है कि क्यों हमारी वीरता केवल शब्दों तक सीमित रह गई है। यह समाज के लिए चिंतन का विषय है, क्योंकि पद पर बैठे लोग अपनी जिम्मेदारियों को समझने में विफल हो रहे हैं।

सीएम योगी और पीएम मोदी पर आरोप

शंकराचार्य ने जहां सीएम योगी पर भी कुछ इशारों में टिप्पणी की, वहीं प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल में भी बढ़ती समस्याओं का उल्लेख किया। उन्होंने पूछा कि क्या सिर्फ बड़े-बड़े भाषण देने से ही मुद्दे हल हो सकते हैं, या लोगों की असली समस्याओं का समाधान भी किया जाना चाहिए।

नागरिकों की प्रतिक्रिया

इस बयान के बाद, कई नागरिकों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सोशल मीडिया पर लोग शंकराचार्य के विचारों का समर्थन कर रहे हैं और उनके प्रति सहमति जता रहे हैं। लोगों का मानना है कि नेताओं को सिर्फ बोलने के बजाय, असली काम करके दिखाना चाहिए।

समापन

शंकराचार्य का यह बयान भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ दिखाता है। यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम केवल भाषणों पर विश्वास करें या फिर उन कार्यों का मूल्यांकन करें जो नेतृत्व द्वारा किए जा रहे हैं। असली वीरता उन कार्यों में निहित है जो लोगों के कल्याण के लिए किए जाते हैं, न कि भाषणों में।

कुल मिलाकर, शंकराचार्य के विचार हमें एक नई दिशा में ले जा सकते हैं, जहाँ हमें अपनी राजनीतिक सोच में बदलाव लाने की आवश्यकता है। आगे बढ़कर, हमें चर्चा करनी चाहिए कि कैसे हम अपनी उम्मीदों को वास्तविकता में परिवर्तित कर सकते हैं।

Keywords

Indian politics, Shankaracharya statements, CM Yogi, PM Modi, bravery, governance issues, public response, Indian society, leadership accountability.

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