'अगर हर कोई सत्ता पक्ष में शामिल होता रहा तो...', NCP से मंत्री बनने का मिला ऑफर तो क्या बोले कांग्रेस नेता?

Maharashtra Politics: कांग्रेस विधायक अमित देशमुख ने दल-बदल की राजनीति को आईना दिखाया है. अमित देशमुख को पार्टी छोड़कर सत्ता पक्ष के साथ जुड़कर मंत्री बनने की पेशकश दी गई थी. जवाब में कांग्रेस विधायक ने कहा, "अगर हर कोई सत्ता पक्ष में शामिल होता रहा, तो लोकतांत्रिक व्यवस्था अपना संतुलन खो देगी. इसे हममें से कोई भी बर्दाश्त नहीं कर सकता. इसलिए जहां हम हैं, वहीं रहेंगे और विपक्ष की भूमिका निभाते रहेंगे." बता दें कि देशमुख चार दिवसीय लातूर फिल्म मोहत्सव के शुभारंभ पर शुक्रवार (14 मार्च) को बोल रहे थे. कार्यक्रम का आयोजन विलासराव देशमुख फाउंडेशन, पुणे फिल्म फाउंडेशन और महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से किया गया है. अजित पवार की एनसीपी के विधान परिषद सदस्य विक्रम काले ने मजाक में आग्रह किया था कि देशमुख को पाला बदलकर सत्ता पक्ष की तरफ आ जाना चाहिए और मंत्री के रूप में पहल जारी रखनी चाहिए. कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर बोले अमित देशमुख कांग्रेस विधायक ने कहा, "लोकतांत्रिक व्यवस्था में संतुलन जरूरी है. अगर लोग मानते हैं कि सत्ता पक्ष को मजबूती मिल रही है, इसलिए पाला बदला जा सकता है. लेकिन हम अपने रुख पर कायम हैं और सिद्धातों पर अडिग हैं." सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख और अन्य दिग्गज नेताओं की विरासत ने लातूर को विकास के पथ पर बनाए रखा है." अजित पवार की एनसीपी के नेता को क्या कहा? उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री और विधायक अमित देशमुख पिता की विरासत को कुशलता के साथ आगे बढ़ा रहे हैं. मंत्री बाबासाहेब पाटिल ने आगे कहा कि राजनीतिक मतभेद को किनारे रखते हुए समर्थन और सहयोग का ऐलान किया.  ये भी पढ़ें- Maharashtra: वीर सावरकर को लेकर असदुद्दीन ओवैसी के दावों पर बोले अबू आजमी, 'सरकार को कुछ न कुछ...'

Mar 15, 2025 - 16:37
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'अगर हर कोई सत्ता पक्ष में शामिल होता रहा तो...', NCP से मंत्री बनने का मिला ऑफर तो क्या बोले कांग्रेस नेता?
'अगर हर कोई सत्ता पक्ष में शामिल होता रहा तो...', NCP से मंत्री बनने का मिला ऑफर तो क्या बोले कांग्रेस नेता?

अगर हर कोई सत्ता पक्ष में शामिल होता रहा तो...', NCP से मंत्री बनने का मिला ऑफर तो क्या बोले कांग्रेस नेता?

नागरिक समाज में उठते सवाल और राजनीतिक बैलेट बॉक्स के बीच नेताओं के बयानों का महत्व समझना आवश्यक है। हाल ही में, महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने एक बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने NCP से मंत्रिमंडल में शामिल होने का ऑफर स्वीकार करने पर अपने विचार रखे। इस पर उन्होंने कहा कि ‘अगर हर कोई सत्ता पक्ष में शामिल होता रहा, तो लोकतंत्र का क्या होगा?’

कांग्रेस नेता का बयान

कांग्रेस नेता ने मीडिया से बात करते हुए स्पष्ट किया कि हाल के दिनों में सत्ता की राजनीति ने एक नई दिशा ले ली है। वरिष्ठ नेता ने यह भी बताया कि सत्ता में रहने का लालच राजनैतिक स्थिरता के लिए खतरा बन सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जब सत्ता पक्ष में हर कोई शामिल होंगे, तब लोकतंत्र का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। उनका मानना है कि राजनीतिक दलों को अपने सिद्धांतों पर अडिग रहना चाहिए।

NCP का ऑफर

NCP ने कांग्रेस नेता को मंत्री पद के लिए आमंत्रित किया था। इस पर कांग्रेस नेता ने खुलकर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा, "मैं इस ऑफर पर विचार करूंगा, लेकिन मेरे पास कुछ सिद्धांत और विचार हैं जिन्हें मैं नजरअंदाज नहीं कर सकता।" इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

भविष्य की राजनीति और नागरिकों की जिम्मेदारी

जब सवाल सत्ता के अनुशासन का उठता है, तो नागरिकों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। कांग्रेस नेता ने कहा कि नागरिकों को चाहिए कि वे सतर्क रहें और नेताओं के दावों और कार्यों पर नजर रखें। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि केवल सत्ता में रहने की होड़ में भाग लेना सही नहीं है, बल्कि इसके पीछे की मंशा और लोकतंत्र की स्थिरता सबसे महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

कांग्रेस नेता का यह बयान हमें याद दिलाता है कि राजनीति में सच्चाई और नैतिकता का क्या महत्व है। जब हर किसी में सत्ता का मोह हो, तब लोकतंत्र को बचाना कठिन हो जाता है। इसलिए ज़रूरी है कि हम सभी इस दिशा में कदम उठाएँ और अपने नेताओं की जिम्मेदारियों को समझें।

डेमोक्रेसी को मजबूती देने के लिए, नागरिकों को चुनावों में अपनी राय सही और समझदारी से व्यक्त करनी चाहिए। इसके लिए, आने वाले चुनावों में अपने मत का सही प्रयोग करें और एक मजबूत लोकतंत्र की दिशा में काम करें।

कम शब्दों में कहें तो, सत्ता में रहने का लालच लोकतंत्र को कमजोर कर सकता है।

— टीम नेतागरी

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