हरियाणा में ईद की छुट्टी हटाने पर खुद CM नायब सैनी का आया बयान, 'कोई अगर लीव लेना चाहे...'
CM Nayab Singh Saini on Haryana Eid Restricted Holiday: ईद का पाक पर्व और वित्त वर्ष 2024-25 की क्लोजिंग का समय एक साथ ही पड़ रहा है. इस बार ईद 31 मार्च को मनाई जा सकती है. इस बीच हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने फैसला लिया कि ईद की छुट्टी को गैजेटेड हॉलीडे की लिस्ट से हटाया जाए और इसे रेस्ट्रिक्टेड हॉलीडे माना जाए. यानी जिनके लिए यह छुट्टी जरूरी है, केवल वे लें और बाकी लोग काम करेंगे. इसपर हरियाणा के विपक्षी दल कांग्रेस ने सवाल उठाया. कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने कहा कि मुसलमानों का एक ही त्योहार होता है, जो कि पूरे देश में मनाया जाता है. ईद की छुट्टी को गजटेड छुट्टी को वैकल्पिक अवकाश में क्यों बदल दिया गया? इस सवाल का जवाब खुद सीएम नायब सिंह सैनी ने दिया है. उन्होंने कहा, "मैंने सदन में भी यह बात कही है कि आप इसे मुद्दा न बनाएं. यह पहली बार हुआ है कि वित्त वर्ष का समापन हो रहा है और इससे पहले लगातार तीन छुट्टियां आ गई हैं. कई लेन-देन सरकार के भी होते हैं और प्राइवेट भी होते हैं, जिनका पूरा होना जरूरी है." छुट्टी पर जाना चाहें तो कोई पाबंदी नहींसीएम नायब सैनी ने कहा, "शनिवार और रविवार के बाद ईद-उल-फितर का पर्व आ गया है. ईद की सभी को बधाई देता हूं. हालांकि, क्योंकि वित्त वर्ष के समापन के दौरान कई लेन-देन होते हैं, इसलिए ईद की छुट्टी को रेस्ट्रिक्टेड हॉलीडे किया गया है. कोई अगर छुट्टी पर जाना चाहे तो उसके लिए कोई पाबंदी नहीं है." 'इसपर राजनीति नहीं होनी चाहिए'- नायब सिंह सैनीहरियाणा के मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "लगातार पड़ रही छुट्टियों की वजह से यह फैसला लिया गया है. यह त्योहार हमारे पवित्र पर्व होते हैं और हम सब मिलकर मनाते हैं. इसपर किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए. ये तो सभी बुद्धिजीवी व्यक्ति समझते हैं. हमने यह नहीं कहा है कि छुट्टी नहीं है. हमने बस उसे रेस्ट्रिक्टेड कर दिया है."

हरियाणा में ईद की छुट्टी हटाने पर खुद CM नायब सैनी का आया बयान, 'कोई अगर लीव लेना चाहे...'
परिचय
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने हाल ही में ईद की छुट्टी को खत्म करने के बारे में एक बयान दिया है, जो राज्य के नागरिकों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। उनका कहना है कि अगर कोई व्यक्ति छुट्टी लेना चाहता है, तो उसके पास विकल्प मौजूद है। इस खबर ने न सिर्फ राजनीतिक हलकों में हलचल मचाई है, बल्कि आम जनता में भी इसे लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने मीडिया को बताया, “हम चाहते हैं कि सभी सरकारी कर्मचारियों को हमारी योजनाओं में सक्रियता से भाग लेना चाहिए। अगर कोई ईद पर छुट्टी लेना चाहता है, तो उसका स्वागत है, लेकिन इसे सरकार की मूल योजनाओं से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।” उनका यह बयान यह दर्शाता है कि सरकार विकास और काम के प्रति ज़िम्मेदारी को प्राथमिकता देती है।
राजनीतिक बहस का शुरू होना
इस बयान के बाद प्रदेश के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी अपनी राय व्यक्त करने लगे हैं। विपक्ष ने इस कदम को धार्मिक भावनाओं का सम्मान न करने की बात कही है जबकि सत्ताधारी दल ने इसे विकास की दिशा में एक ठोस कदम बताया है। हरियाणा में राजनीतिक सक्रियता और जनता की प्रतिक्रियाओं ने इस विषय को और भी गर्मा दिया है।
आम जनता की राय
नागरिकों का कहना है कि ईद जैसे धार्मिक त्योहार पर छुट्टी का न होना एक संवेदनशील मुद्दा है। कई व्यक्ति जो धार्मिक आयोजनों में भाग लेते हैं, उन्होंने बताया कि इस परंपरा का समर्थन होना चाहिए। वहीं कुछ का मानना है कि कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए यह फैसला सही हो सकता है।
निष्कर्ष
हरियाणा में ईद की छुट्टी हटाने का निर्णय कहीं न कहीं धार्मिकता और पेशेवारी के बीच बैलेंस बनाने का प्रयास है। मुख्यमंत्री नायब सैनी का बयान भले ही कार्यकुशलता को स्थापित करने की ओर इशारा करता हो, लेकिन इस मुद्दे से जुड़ी धार्मिक भावनाएँ और लोकल धारणाएँ इसे एक जटिल बहस के रूप में प्रस्तुत करती हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस विषय में आगे क्या कदम उठाती है।
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