‘हर किसी को अपने लिए भी वक्त चाहिए’…सोनाक्षी सिन्हा ने दीपिका पादुकोण की 8 घंटे की शिफ्ट की मांग का किया समर्थन

KNEWS DESK –  फिल्म इंडस्ट्री में शूटिंग शेड्यूल को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। हाल ही में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण द्वारा निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म ‘स्पिरिट’…

Jun 24, 2025 - 00:37
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‘हर किसी को अपने लिए भी वक्त चाहिए’…सोनाक्षी सिन्हा ने दीपिका पादुकोण की 8 घंटे की शिफ्ट की मांग का किया समर्थन
‘हर किसी को अपने लिए भी वक्त चाहिए’…सोनाक्षी सिन्हा ने दीपिका पादुकोण की 8 घंटे की शिफ्ट की मांग का किया समर्थन

‘हर किसी को अपने लिए भी वक्त चाहिए’…सोनाक्षी सिन्हा ने दीपिका पादुकोण की 8 घंटे की शिफ्ट की मांग का किया समर्थन

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KNEWS DESK – फिल्म इंडस्ट्री में शूटिंग शेड्यूल को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। हाल ही में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण द्वारा निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म ‘स्पिरिट’ के लिए 8 घंटे की शिफ्ट की मांग ने पूरे Bollywood में एक नई चर्चा को जन्म दिया। इस मांग का समर्थन करते हुए, सोनाक्षी सिन्हा ने कहा है कि “हर किसी को अपने लिए वक्त चाहिए”।

शूटिंग शेड्यूल की चुनौतियाँ

फिल्म इंडस्ट्री में शूटिंग शेड्यूल कभी-कभी बेहद कठिन हो जाते हैं। खासतौर पर, जब कलाकारों को लंबे समय तक काम करना पड़ता है, तो इसका असर उनकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर पड़ता है। दीपिका पादुकोण ने अपने पिछले अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि लंबे समय तक काम करना हमेशा उनकी प्राथमिकता नहीं रही। अभिनेत्री ने यह भी कहा कि इस बात पर बहस होनी चाहिए कि कैसे इन कामकाजी घंटों को बेहतर बनाया जा सकता है।

सोनाक्षी सिन्हा का समर्थन

सोनाक्षी सिन्हा ने दीपिका की आवाज़ को और भी मजबूत करते हुए कहा कि यह एक बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है। उन्होंने कहा, "सभी को मानसिक शांति और स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार है। हमें एक ऐसा माहौल बनाने की ज़रूरत है जहां हम अपने काम को महत्व दें लेकिन साथ ही खुद के लिए भी वक्त निकालें।" सोनाक्षी का यह कथन इस चर्चा को और भी प्रासंगिक बना देता है।

फिल्म इंडस्ट्री में बदलाव की ज़रूरत

इस बहस के पीछे एक बड़ा कारण यह है कि Bollywood में लंबे घंटे काम करना सिर्फ अभिनेत्रियों के लिए ही चुनौतीपूर्ण नहीं है, बल्कि सभी श्रेणियों के लोगों के लिए समस्या है। इंडस्ट्री के कई अनुभवी लोग लंबे काम के घंटे को एक सामान्य प्रथा मानते हैं। इस पर बदलाव की आवश्यकता है ताकि सभी कर्मचारियों की भलाई को ध्यान में रखा जा सके। दीपिका और सोनाक्षी जैसे सितारों के इस बयान से स्पष्ट होता है कि फिल्म उद्योग में यह बदलाव आवश्यक है।

समाज पर प्रभाव

जब मशहूर हस्तियाँ इस तरह के मुद्दों पर अपने विचार साझा करती हैं, तो यह समाज में भी एक बड़ा बदलाव ला सकता है। लोग इनके विचारों को सुनते हैं और इसकी दिशा में कदम उठाते हैं। इसलिए, यह केवल एक व्यक्तिगत मांग नहीं है, बल्कि पूरी इंडस्ट्री और समाज में काम की जगह की शर्तों में सुधार की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

दीपिका पादुकोण की 8 घंटे की शिफ्ट की मांग और सोनाक्षी सिन्हा का समर्थन इस बात की पुष्टि करते हैं कि समय का प्रबंधन और व्यक्तिगत स्पेस जितना आवश्यक है, उतना ही काम का दबाव भी। इससे यह स्पष्ट होता है कि अभिनेता-कर्मचारी, फिल्म इंडस्ट्री में एक स्वस्थ कार्यशैली के लिए एकजुट हैं। वे यह समझते हैं कि केवल सफल होने के लिए नहीं, बल्कि संतुलित जीवन जीने के लिए भी यह जरूरी है। हमें उम्मीद है कि इस चर्चा से वास्तविक बदलाव आएंगे और एक बेहतर कार्यस्थल का निर्माण होगा।

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