वाराणसी में दालमंडी चौड़ीकरण पर मुस्लिम पक्ष ने दिखाई सख्ती, अंजुमन कमेटी ने दी चेतावनी
Varanasi News. वाराणसी में दालमंडी क्षेत्र के चौड़ीकरण को लेकर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने सरकार को कड़ी चेतावनी दी है। मस्जिदों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई को लेकर मुस्लिम पक्ष ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि यदि दबाव डाला गया तो इसका विरोध किया जाएगा। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी … The post वाराणसी में दालमंडी चौड़ीकरण पर मुस्लिम पक्ष ने दिखाई सख्ती, अंजुमन कमेटी ने दी चेतावनी appeared first on Bharat Samachar | Hindi News Channel.

वाराणसी में दालमंडी चौड़ीकरण पर मुस्लिम पक्ष ने दिखाई सख्ती, अंजुमन कमेटी ने दी चेतावनी
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वाराणसी में दालमंडी क्षेत्र के चौड़ीकरण को लेकर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने सरकार को कड़ी चेतावनी दी है। मस्जिदों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई को लेकर मुस्लिम पक्ष ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि यदि दबाव डाला गया तो इसका विरोध किया जाएगा। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटरी एस एम यासीन ने इस मुद्दे पर एक बड़ा बयान दिया है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
एस एम यासीन का बड़ा बयान
एस एम यासीन ने कहा, "हम मस्जिदों को थाली में सजाकर देने वालों में से नहीं हैं। हमारे सामने अब दो ही रास्ते हैं – या खड़े होंगे या मर जाएंगे।" यासीन ने यह स्पष्ट किया कि उनका संगठन किसी भी हाल में मस्जिदों को खोने या डिमोलिश होने नहीं देगा। उन्होंने कहा कि दालमंडी चौड़ीकरण केवल विकास का कार्य नहीं है, बल्कि इसके पीछे सरकार की कोई और मंशा हो सकती है। इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार प्रतियोगिताओं के लिए एक चुनावी रणनीति तैयार करना चाहती है, जिसमें धार्मिक उन्माद पैदा करना एक लक्ष्य हो सकता है।
ज्ञानवापी जैसा माहौल बनाने की कोशिश
यासीन ने यह भी कहा कि दालमंडी में चल रहे चौड़ीकरण कार्य को लेकर सरकार जानबूझकर एक ऐसा माहौल बना रही है, जैसा कि पहले ज्ञानवापी मस्जिद में देखा गया था। उनका मानना था कि इसका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को किसी भी तरह के दबाव में लाना है। यासीन ने कहा कि यह सरकारी कदम "राजनीतिक ड्रामा" है और यह मुसलमानों के खिलाफ एक और अनुचित कदम है।
मस्जिदों को डिमोलिश करना उतना आसान नहीं
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि मस्जिदों को डिमोलिश करना उतना आसान नहीं है, जैसा कि कुछ लोग सोचते हैं। यासीन ने कहा, "मस्जिदों के प्रति लोगों का प्रेम और उनके अधिकार का उल्लंघन नहीं होने दिया जाएगा।" उनका मानना है कि यदि इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश की गई, तो उनकी कमेटी इसके खिलाफ कठोर कदम उठाएगी।
सरकार के चुनावी उद्देश्य पर सवाल
अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने इस मामले पर सवाल उठाते हुए कहा कि चौड़ीकरण कार्य केवल विकास का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह जानबूझकर की गई राजनीतिक चाल है। यासीन ने कहा कि सरकार को अपने कदम के पीछे की मंशा स्पष्ट करनी चाहिए।
कश्मीर की तरह माहौल बनाने की आशंका
एस एम यासीन ने यह चिंता जताई कि सरकार कश्मीर जैसा माहौल बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने आगाह किया कि यदि इस तरह का धार्मिक तनाव बढ़ता है, तो यह समाज के भले के खिलाफ होगा। यह स्थिति स्वीकार नहीं की जाएगी और वे यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके अधिकारों का उल्लंघन न हो।
इस मुद्दे पर चल रही बहस ने वाराणसी की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। मुस्लिम समुदाय के खिलाफ उठ रहे इस प्रश्न ने सामाजिक समीकरणों को चुनौती दी है।
समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संवाद और साझेदारी आगे जरूरी है। इसे लेकर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी का इसायरें भी महत्वपूर्ण है। यदि समय पर समाधान खोजा नहीं गया, तो इससे विवाद और विवाद के स्वरूप बढ़ सकते हैं।
इन सभी घटनाक्रमों के बीच, क्या सरकार इस स्थिति का सफलतापूर्वक समाधान निकाल पाएगी? क्या दालमंडी चौड़ीकरण का यह मुद्दा आगे चलकर और गंभीर समस्या बन जाएगा? यह सवाल सभी के मन में हैं।
कुल मिलाकर, यह एक गंभीर मुद्दा है, जो वाराणसी की सामाजिक और धार्मिक ताने-बाने पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। स्थिति को सुनने, समझने और आपसी संवाद के माध्यम से सुलझाने की आवश्यकता है।
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