ग्लोबल डीलमेकिंग में तेजी, भारत बना आकर्षण का केंद्र
मैक्रोइकोनॉमिक अनिश्चितताओं, ऊँची ब्याज दरों और भू-राजनीतिक जोखिमों के बावजूद दुनिया भर में डीलमेकिंग में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है। भारत इस वैश्विक हलचल में एक चमकता हुआ सितारा बनकर उभरा है। गोल्डमैन सैक्स की ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंकिंग को-हेड किम-थु पॉसनेट ने मनीकंट्रोल से बातचीत में कई अहम इनसाइट्स साझा किए। वैश्विक M&A में … The post ग्लोबल डीलमेकिंग में तेजी, भारत बना आकर्षण का केंद्र appeared first on Bharat Samachar | Hindi News Channel.

ग्लोबल डीलमेकिंग में तेजी, भारत बना आकर्षण का केंद्र
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इस समय दुनिया भर में चल रही आर्थिक उठापटक के बीच, भारत ने खुद को वैश्विक डीलमेकिंग का मुख्य केंद्र बना लिया है। मैक्रोइकोनॉमिक अनिश्चितताओं, ऊँची ब्याज दरों और भू-राजनीतिक जोखिमों के बावजूद, भारत की स्थिति बेहद मजबूत दिख रही है। गोल्डमैन सैक्स की ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंकिंग को-हेड किम-थु पॉसनेट ने हाल ही में मनीकंट्रोल के साथ बातचीत में भारत की बढ़ती आकर्षण के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं।
वैश्विक M&A में बड़ी तेजी, एशिया-प्रशांत क्षेत्र सबसे आगे
ग्लोबल M&A (Merger & Acquisition) में तेजी आई है, जहां $500 मिलियन से अधिक की डील्स में विश्व स्तर पर 17% की वृद्धि देखी गई है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में यह वृद्धि 33% है, जो अमेरिका (19%) और यूरोप-मिडल ईस्ट-अफ्रीका (4%) से कहीं अधिक है। इस प्रकार M&A वॉल्यूम में एशिया में 190% उछाल आया है, जो दर्शाता है कि इस क्षेत्र में कॉर्पोरेट डील्स की भूख तेज़ी से बढ़ रही है।
इक्विटी कैपिटल मार्केट्स में दिखने लगी रिकवरी
इक्विटी कैपिटल मार्केट्स (ECM) में भी भारी उछाल देखा गया है। पिछले दो महीनों में भारत में ECM वॉल्यूम का $14 बिलियन पूरा हुआ है, जबकि 2025 में अब तक का आंकड़ा $22 बिलियन के पड़ाव तक पहुंच चुका है। यह दर्शाता है कि भारत के पूंजी बाजार में जोरदार गति लौट रही है।
भारत की डिजिटल और इक्विटी क्रांति
भारत में 2024 में रिकॉर्ड-ब्रेकिंग ECM के बाद, 2025 में भी यह तेज़ी आती दिख रही है। प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
- IPO के लिए तैयार स्टार्टअप्स,
- घरेलू निवेशकों की भागीदारी में बढ़ोतरी,
- विदेशी संस्थागत निवेशकों की रुचि।
साथ ही, भारतीय कंपनियों का पुनः-डोमिसाइल होकर भारत में लिस्टिंग की योजना बनाना भी एक नया ट्रेंड है।
गोल्डमैन सैक्स की भारत पर फोकस्ड रणनीति
गोल्डमैन सैक्स ने भारत को अपनी एशियाई ग्रोथ रणनीति का महत्वपूर्ण केंद्र माना है। कंपनी भारतीय इकाइयों की लिस्टिंग, विदेशी निवेशकों के साथ बातचीत और M&A डील्स में सक्रिय भूमिका निभा रही है।
AI और डीलमेकिंग का भविष्य
किम-थु पॉसनेट ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब कैपिटल फॉर्मेशन को री-डिफाइन कर रहा है। AI न केवल निवेश विश्लेषण में मदद कर रहा है, बल्कि तेजी से बदलते बाजार में निवेशकों को बेहतर निर्णय लेने का भी अवसर प्रदान कर रहा है।
निष्कर्ष
2025 की दूसरी छमाही में भारत वैश्विक डीलमेकिंग का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। चाहे वो IPO हो, M&A हो या विदेशी लिस्टिंग—भारत की स्थिति न केवल मजबूत है, बल्कि अगले दशक तक वैश्विक निवेश बूम को नेतृत्व देने का मार्ग प्रशस्त कर रही है। इस संदर्भ में अधिक अपडेट के लिए, कृपया विजिट करें netaanagari.com.
लेखक: दीप्ति रॉय, साक्षी शर्मा, टीम नेटआनगरी
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