'रोहिंग्या छात्रों को स्कूल में दाखिला, देश को अस्थिर करने की साजिश', AAP MLA अनिल झा ने केंद्र पर तंज

Delhi AAP: आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अनिल झा ने केंद्र सरकार पर दिल्ली और देश को अस्थिर करने का गंभीर आरोप लगाया है. इस दौरान उन्होंने दिल्ली के करावल नगर इलाके के स्कूलों में कथित तौर पर 10 रोहिंग्या छात्रों को दाखिला दिए जाने का मुद्दा उठाया और इसे लेकर केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए. अनिल झा ने कहा, "केंद्र सरकार ने अपनी दोहरी नीतियों और कर्मों से देश और दिल्ली में अस्थिरता फैलाने का प्रयास किया है. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और इसका विरोध करते हैं. हमें जानकारी मिली है कि करावल नगर के स्कूलों में 10 रोहिंग्या छात्रों को दाखिला दिया गया है. ये अवैध विदेशी हैं, जिन्हें रोहिंग्या या बांग्लादेशी घुसपैठिए के तौर पर जाना जाता है. मैं चुनौती देता हूं कि अगर मेरी बात गलत है, तो दिल्ली सरकार के मंत्री और विधायक इसे साबित करें." भारतीय बच्चों का हक छीन रहे हैं उन्होंने सवाल उठाया कि यह दाखिला किस नियम-कायदे के तहत हुआ और इसका मकसद क्या है. झा ने कहा, "भारत के बच्चों का हक मारकर रोहिंग्या छात्रों को दाखिला दिया गया. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी अपने ट्वीट में साफ कहते हैं कि हम रोहिंग्या का स्वागत करते हैं. उन्हें टेंट से निकालकर ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स में शिफ्ट किया जाएगा. बक्कर वाला के आसपास हजारों फ्लैट उन्हें दिए जाएंगे. यह भारत के गरीब, दलित और अल्पसंख्यक बच्चों की चिंता छोड़कर रोहिंग्या को बसाने की नीति है, जिसका हम विरोध करते हैं." केंद्र की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल AAP विधायक ने केंद्र सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, "बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्सेज, केंद्रीय रिजर्व फोर्सेज और खुफिया एजेंसियां केंद्र के अधीन हैं. इसके बावजूद हजारों रोहिंग्या दिल्ली, हरियाणा, गुड़गांव और नोएडा में पहुंच गए. आखिर केंद्र सरकार इन्हें यहां क्यों बसाना चाहती है? इनके बच्चों को स्कूलों में क्यों जगह दी जा रही है? यह मैं नहीं, हरदीप पुरी का ट्वीट कह रहा है." दिल्ली के बेघरों की अनदेखी झा ने केंद्र पर दिल्ली के बेघर लोगों की अनदेखी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "दिल्ली में हिंदू, मुस्लिम या किसी भी धर्म के बेघर लोगों के लिए आवास और शिक्षा की पूरी व्यवस्था नहीं है, लेकिन रोहिंग्या की चिंता की जा रही है. यह बेहद खेदजनक है. हमारी जानकारी पुख्ता है कि करावल नगर के स्कूलों में 10 रोहिंग्या छात्रों को दाखिला दिया गया है." BJP दोहरे चरित्र की राजनीति कर रही उन्होंने बीजेपी पर दोहरे चरित्र का आरोप लगाते हुए कहा, "संसद और सड़क पर बीजेपी कुछ और कहती है, उनके मंत्री कुछ और बोलते हैं और दिल्ली में उसका क्रियान्वयन कुछ और तरीके से होता है. हम मांग करते हैं कि रोहिंग्या छात्रों को दाखिले की जांच हो और दिल्ली व देश की जनता को इसकी सच्चाई बताई जाए. अनिल झा ने बीजेपी नेताओं और दिल्ली सरकार को चुनौती दी कि वे इस मामले में स्थिति स्पष्ट करें. यह प्रेस कॉन्फ्रेंस केंद्र और AAP के बीच बढ़ते तनाव को और उजागर करती है.  इसे भी पढ़ें: दिल्ली के लाल किले पर होगा 3 दिवसीय विक्रमादित्य महानाट्य का मंचन: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

Apr 6, 2025 - 15:37
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'रोहिंग्या छात्रों को स्कूल में दाखिला, देश को अस्थिर करने की साजिश', AAP MLA अनिल झा ने केंद्र पर तंज
'रोहिंग्या छात्रों को स्कूल में दाखिला, देश को अस्थिर करने की साजिश', AAP MLA अनिल झा ने केंद्र पर तंज

रोहिंग्या छात्रों को स्कूल में दाखिला, देश को अस्थिर करने की साजिश: AAP MLA अनिल झा ने केंद्र पर तंज

नेता नगरी

भारत में रोहिंग्या छात्रों के स्कूल में दाखिले को लेकर बड़ा विवाद उठ रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अनिल झा ने इस विषय पर केंद्र सरकार पर कड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह कदम देश की सुरक्षा को खतरे में डालने जैसी एक सुनियोजित साजिश है।

रोहिंग्या छात्रों की पृष्ठभूमि

रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय म्यांमार का एक अल्पसंख्यक समूह है, जो अपने मानवाधिकारों के उल्लंघन और प्रताड़ना के कारण अपने देश से भागकर भारत आ गया है। इन छात्रों का स्कूलों में दाखिला लेने की प्रक्रिया को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों में बहस छिड़ गई है।

अनिल झा का बयान

अनिल झा ने एक प्रेस वार्ता में कहा, "केंद्र सरकार को समझना चाहिए कि यह कदम देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। यह अस्थिरता की एक साजिश है। हम ऐसे किसी भी कदम का विरोध करेंगे जो देश के हित में न हो।"

सरकार की प्रतिक्रिया

इस मुद्दे पर केंद्र सरकार ने अभी तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालाँकि, विभिन्न राज्यों के सीएम के स्तर पर इस विषय पर अलग-अलग रायें सामने आ रही हैं। कुछ नेता इसे अनिवार्य शिक्षा के अधिकार के तहत उचित ठहराते हैं, जबकि अन्य इसे देश की सुरक्षा के लिए खतरा मानते हैं।

समाज में बढ़ी बहस

जैसे-जैसे यह मुद्दा आगे बढ़ रहा है, समाज में इस पर बहस तेज़ होती जा रही है। कई NGO और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस मामले में अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। वे कहते हैं कि बच्चों को शिक्षा देना मानवता का काम है, और इसे धर्म या जाति के आधार पर नहीं देखना चाहिए।

समापन

रोहिंग्या छात्रों के स्कूल में दाखिले का मामला न केवल शिक्षा से जुड़ा है, बल्कि यह भारत की सुरक्षा, राजनीति और समाज में भी बड़ा सवाल उठाता है। राजनीतिक दलों और नागरिक समाज को इस मुद्दे पर एक ठोस और संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।

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