UP: ड्राप आउट बच्चों को मिलेगा 9 महीने का विशेष प्रशिक्षण, CM योगी के 1 अगस्त शुरू होगाकार्यक्रम
लखनऊ, अमृत विचार। शिक्षा विभाग उन लाखों बच्चों को दोबारा शिक्षा से जोड़ने जा रही है, जो किसी न किसी कारण शिक्षा से वंचित रह गए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा 1 अगस्त से विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है। आउट ऑफ़ स्कूल बच्चों को विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा 9 माह का विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यह कार्यक्रम उन बच्चों के लिए है जो नियमित रूप से स्कूल नहीं जा पा रहे थे या शिक्षा व्यवस्था से पूरी तरह बाहर हो गए थे। 6 से 14 आयु वर्ग के...
UP: ड्राप आउट बच्चों को मिलेगा 9 महीने का विशेष प्रशिक्षण, CM योगी के 1 अगस्त शुरू होगा कार्यक्रम
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लखनऊ, अमृत विचार। शिक्षा विभाग उन लाखों बच्चों को दोबारा शिक्षा से जोड़ने जा रही है, जो किसी न किसी कारण शिक्षा से वंचित रह गए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा 1 अगस्त से विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है। आउट ऑफ़ स्कूल बच्चों को विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा 9 माह का विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य
यह कार्यक्रम उन बच्चों के लिए है जो नियमित रूप से स्कूल नहीं जा पा रहे थे या शिक्षा व्यवस्था से पूरी तरह बाहर हो गए थे। 6 से 14 आयु वर्ग के इन बच्चों को प्राथमिक स्तर की शिक्षा से दोबारा जोड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा शिक्षा की मुख्यधारा में पुनः प्रवेश की रणनीति बनाई गई है। इसमें बच्चों को उनकी उम्र के अनुरूप आयु संगत कक्षा में नामांकित कर शिक्षा दी जाएगी। शारदा कार्यक्रम के अंतर्गत उन्हें नियमित स्कूल शिक्षा के लिए तैयार किया जाएगा।
टीचिंग लर्निंग मैटेरियल तैयार किया गया
इन बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को विशेष मॉड्यूल पर प्रशिक्षित किया जाएगा। समावेशी शिक्षा, मनोवैज्ञानिक सहयोग और उम्र के अनुकूल पाठ्यवस्तु को केंद्र में रखते हुए टीचिंग लर्निंग मैटेरियल (टीएलएम) भी तैयार किया गया है। एडी बेसिक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। जनपद स्तर से लेकर विकासखंड स्तर तक शिक्षा अधिकारियों को नोडल के रूप में दायित्व सौंपे गए हैं, ताकि योजना का प्रभावी संचालन सुनिश्चित किया जा सके।
एसएमसी के माध्यम से होगी नियुक्ति
योजना के अंतर्गत, ऐसे विद्यालय जहां 5 या उससे अधिक आउट ऑफ स्कूल बच्चे हैं, वहां विद्यालय प्रबंध समिति (एसएमसी) के माध्यम से विशेष प्रशिक्षकों का चयन किया जाएगा। इनमें सेवानिवृत्त अध्यापक या स्वैच्छिक सेवा देने वाले योग्य वॉलिंटियर्स को प्राथमिकता दी जाएगी। ये प्रशिक्षक बच्चों को आवश्यक विशेष प्रशिक्षण प्रदान करेंगे, जिससे वे कक्षा के अनुरूप मुख्यधारा की शिक्षा से जुड़ सकें।
शिक्षा मंत्री का बयान
सरकार, उन बच्चों को फिर से पढ़ने का अवसर दे रही है, जिनकी शिक्षा रुक गई थी। अब वे फिर से स्कूल से जोड़े जाएंगे। यह प्रयास केवल उन्हें स्कूल ले आने भर का उपक्रम नहीं है, यह उनके सपनों को नई उड़ान देने वाला भी है। अपनी पढ़ाई पूरी कर वे आत्मनिर्भरता की ओर आसानी से बढ़ेंगे... संदीप सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश।
निष्कर्ष
यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल शिक्षा की धारा में बच्चों का पुनः समावेश करेगा, बल्कि उनके भविष्य को संवारने का एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगा। इसके माध्यम से सरकार ने यह साबित कर दिया है कि शिक्षा का अधिकार हर बच्चे का है, और कोई भी बच्चा इससे वंचित नहीं रहना चाहिए। कार्यक्रम का सफल कार्यान्वयन बच्चों को एक नई दिशा देगा।
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