पूजा पाल के आरोपों पर अखिलेश का पलटवार, कहा- ''यह पत्र कौन लिखवा रहा है, डिप्टी सीएम या कोई और...''
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित और कौशांबी जिले के चायल की विधायक पूजा पाल ने सोमवार को सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि उनकी जान को माफिया और सपा द्वारा कथित रूप से संरक्षण प्राप्त गुंडों से खतरा है। अखिलेश यादव को संबोधित एक पत्र सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें पूजा पाल ने सपा शासन के दौरान 2005 में अपने पति राजू पाल की हत्या का जिक्र किया और पार्टी पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। इस पर यादव ने कहा कि आखिर उनसे यह...
पूजा पाल के आरोपों पर अखिलेश का पलटवार, कहा- ''यह पत्र कौन लिखवा रहा है, डिप्टी सीएम या कोई और...''
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित कौशांबी के चायल की विधायक पूजा पाल ने पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी जान को माफिया और सपा द्वारा संरक्षित गुंडों से खतरा है। यह विवाद तब बढ़ा जब पूजा पाल ने अखिलेश यादव को एक पत्र लिखा, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस पत्र में उन्होंने अपने पति राजू पाल की 2005 में हुई हत्या का जिक्र किया और सपा पर आरोप लगाया कि पार्टी ने अपराधियों को संरक्षण दिया।
पत्र में क्या लिखा है?
पूजा पाल ने पत्र में स्पष्ट किया कि सपा ने उन्हें राज्यसभा चुनाव में क्रॉस-वोटिंग का आरोप लगाते हुए निष्कासित किया, लेकिन असली वजह यह थी कि उन्होंने विधानसभा में माफिया अतीक अहमद का नाम लिया था। उन्होंने कहा, "जब सपा सत्ता में थी, तब मेरे पति की दिनदहाड़े हत्या की गई। मेरी जान की सुरक्षा को लेकर पार्टी ने कभी ध्यान नहीं दिया।"
अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया
इस पर अखिलेश यादव ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, "यह पत्र कौन लिखवा रहा है? डिप्टी सीएम या कोई और?" उन्होंने सवाल उठाया कि पूजा पाल को धमकी कौन दे रहा है। यादव ने कहा कि उनकी पार्टी ने पहले ही इस मामले की जांच की मांग की है।
सपा का अपना पक्ष
समाजवादी पार्टी ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय से पूजा पाल के आरोपों की जांच करने का आग्रह किया है। पार्टी के अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज किया। उन्होंने कहा कि पूजा पाल को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उन्हें धमकी किसने दी।
विधायक पूजा पाल का संघर्ष
पूजा पाल ने यह भी कहा कि उनके पास अपने पति के हत्यारों को न्याय दिलाने का एकमात्र उद्देश्य है। उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार की प्रशंसा की, जो उनके पति के हत्यारों को सज़ा दिलाने में सक्षम रही। उन्होंने कहा, "सपा ने अतीक अहमद के भाई अशरफ को तीन चुनावों में मेरे खिलाफ खड़ा किया, जबकि मुझे समर्थन की ज़रूरत थी।"
आगामी सवाल और चिंताएँ
इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीतिक सोच को फिर से जगाया है। क्या सच में सपा ने अतीक अहमद जैसे माफियाओं को संरक्षण दिया? क्या पूजा पाल की जान को खतरा है, और इस माहौल में कितनी सच्चाई है? यह सवाल अब राजनीतिक गलियारों में गूंज रहे हैं।
इस मामले में आगे की कार्रवाई क्या होगी, यह देखना दिलचस्प होगा। समाजवादी पार्टी और पूजा पाल के बीच का यह टकराव आने वाले समय में और भी बड़ी राजनीतिक बहस का कारण बन सकता है।
कल की घटनाओं ने हमें यह भी सिखाया है कि राजनीति में व्यक्तिगत द्वेष और प्रतिशोध का मानक कितना बढ़ गया है। एक तरफ पूजा पाल की जान को लेकर चिंता है, तो दूसरी ओर सपा का बचाव भी जारी है। इस मामले में केवल समय ही बताएगा कि सच्चाई क्या है।
सिर्फ चुनावी राजनीति नहीं, बल्कि सामाजिक सुरक्षा के मुद्दे पर भी सपा और अन्य दलों को गंभीरता से विचार करना होगा। सच्चाई तो यह है कि हर भारतीय नागरिक को अपने जीवन और सुरक्षा का अधिकार है।
इस संदर्भ में प्रधान मंत्री से लेकर सभी राजनीतिक नेताओं को ध्यान देने की जरूरत है, ताकि ऐसी हिंसक घटनाओं से बचा जा सके।
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