बारिश में भीगती रहीं महिलाएं, घंटों लाइन में खड़े होने के बाद मिली यूरिया खाद : धानेपुर की तस्वीर वायरल
धानेपुर, अमृत विचार : जिले में यूरिया खाद की किल्लत अब किसानों की मजबूरी बन चुकी है। हालत यह है कि साधन सहकारी समितियों पर खाद के लिए लंबी कतारें लग रही हैं। मंगलवार को धानेपुर साधन सहकारी समिति पर खाद लेने पहुंची सैकड़ों महिलाएं तेज बारिश में भी घंटों लाइन में खड़ी रहीं। पुरुष किसान तोगए लेकिन महिलाएं डटी रहीं। तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन की संवेदनहीनता पर सवाल खड़े हो गए हैं। किसान परेशान, खाद के लिए जद्दोजहद जारी : मुजेहना क्षेत्र में यूरिया की किल्लत लगातार बनी हुई है। समितियों पर खाद तो...
बारिश में भीगती रहीं महिलाएं, घंटों लाइन में खड़े होने के बाद मिली यूरिया खाद : धानेपुर की तस्वीर वायरल
धानेपुर, अमृत विचार: जिले में यूरिया खाद की किल्लत अब किसानों की मजबूरी बन चुकी है। साधन सहकारी समितियों पर खाद के लिए लंबी कतारें लग रही हैं। मंगलवार को, धानेपुर साधन सहकारी समिति पर खाद लेने पहुंची सैकड़ों महिलाएं तेज बारिश में भी घंटों लाइन में खड़ी रहीं। यह स्थिति न केवल महिला किसानों की मेहनत को दर्शाती है, बल्कि प्रशासन की संवेदनहीनता पर भी सवाल उठाती है। तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मुद्दा और भी गरमा गया है।
किसान परेशान, खाद के लिए जद्दोजहद जारी
मुजेहना क्षेत्र में यूरिया की किल्लत लगातार बनी हुई है। समितियों पर खाद तो आ रही है लेकिन बिचौलियों के कारण असली किसान वंचित हो जा रहे हैं। हालात यह हैं कि महिलाएं खुद घर से निकलकर घंटों तक लाइन में खड़ी हो रही हैं। उनकी मेहनत और जुझारूपन की भावना को देखते हुए यह स्पष्ट होता है कि जब अपने परिवार की आजीविका की बात आती है तो महिलाएं किसी भी परिस्थिति में डटी रहती हैं।
बारिश में भी भीगीं, फिर भी नहीं मिली खाद
खाद वितरण की सूचना मिलते ही मंगलवार को सैकड़ों महिलाएं धानेपुर समिति पहुँच गईं। दोपहर तक लाइन लगाई रही, लेकिन भीड़ के कारण वितरण रुका रहा। इसी बीच तेज बारिश शुरू हो गई। पुरुष किसान तो लाइन छोड़कर हट गए, लेकिन महिलाएं बारिश में भीगते हुए भी लाइन में डटी रहीं। यह दृश्यों ने एक नई सामाजिक बहस का आगाज़ कर दिया है।
पुलिस की मौजूदगी में शुरू हुआ वितरण
दोपहर बाद पुलिस फोर्स पहुंची, तब जाकर खाद का वितरण शुरू हो सका। समिति सचिव दिवाकर तिवारी ने बताया कि “अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस बल मंगाया गया और उसके बाद वितरण कराया गया।” बारिश में भीगती महिलाओं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं और लोग जिला प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं, अफसरों को संवेदनहीन बता रहे हैं। क्या प्रशासन को नहीं चाहिए कि वे पहले से तैयार रहे?
समाज में बदलाव की आवश्यकता
इस स्थिति ने यह भी दर्शाया है कि बहुत से समस्याएँ समाज के मौलिक ढांचे में हैं। महिलाओं की स्थिति को सुधारने और उनकी आवाज़ को सुनने की आवश्यकता है। यह एक संकेत है कि समय आ गया है कि हम सभी को मिलकर अपनी आवाज़ उठानी पड़ेगी। जब तक महिलाएं इस प्रकार की कठिनाइयों का सामना करती रहेंगी, तब तक समाज में असमानता बनी रहेगी।
निष्कर्ष
धानेपुर की यह घटना न केवल खाद की कमी का एक उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि हमारे समाज में महिलाएं कितनी मजबूत और साहसी हैं। जबकि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ रही हैं, हमें भी उनकी मदद करनी होगी। दोष केवल प्रशासन पर नहीं, बल्कि हम सभी पर है कि हम इन समस्याओं की ओर ध्यान दें। आगे की स्थिति क्या होगी, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन यह उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सकारात्मक बदलाव आएगा।
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धन्यवाद,
टीम नेटानगरी
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