परिसीमन पर CM भगवंत मान ने BJP को घेरा, 'उन सीटों को कम कर रहे हैं, जहां वे...'
Bhagwant Mann News: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की ओर से चेन्नई में बुलाई गई परिसीमन (Delimitation) पर पहली ज्वाइंट कमेटी की बैठक में भाग लेने के बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे उन सीटों को कम कर रहे हैं, जहां वे जीत नहीं पाते. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या दक्षिण भारत को जनसंख्या नियंत्रण के लिए सजा दी जा रही है? मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, ''पंजाब में वो जीतते नहीं हैं. मुझे जहां तक जानकारी है कि वो पांच सीटें बढ़ा रहे हैं लेकिन 543 में अगर 13 सीटें हैं तो इसमें शेयर 2.39 फीसदी है. अगर 850 में 18 सीटें हैं तो शेयर में 2.11 की कमी आएगी जबकि हमारा शेयर बढ़ना चाहिए. #WATCH Chennai: After attending the First Joint Committee meeting on Delimitation called by TN CM MK Stalin, Punjab CM Bhagwant Mann says "They (BJP) are reducing seats where they don't win... Is South India getting punished for population control?..." On the next meeting on… pic.twitter.com/bPgsXDrthN — ANI (@ANI) March 22, 2025 परिसीमन का क्राइटेरिया सिर्फ पॉपुलेशन ना हो- भगवंत मान उन्होंने आगे कहा, ''क्या साउथ इंडिया को पॉपुलेशन कंट्रोल करने की सजा मिल रही है? एक तरफ तो हम कह रहे हैं कि पॉपुलेशन कंट्रोल करेंगे. और फिर कह रहे हैं कि सीटें कम करेंगे.'' जब उनसे पूछा गया कि क्या आपको लगता है कि ममता बनर्जी और टीएमसी सपोर्ट नहीं कर रही? इस पर उन्होंने कहा, ''उनके रिप्रेजेंटेटिव आए थे, आंध्र प्रदेश से भी थे, केरल के चीफ मिनिस्टर थे. परिसीमन कर दो लेकिन उसका क्राइटेरिया सिर्फ पॉपुलेशन नहीं होना चाहिए.'' जहां भी हमें बुलाया जाएगा, हम जाएंगे- भगवंत मान बीजेपी की ओर से करप्शन के आरोपों के सवाल पर भगवंत मान ने कहा, ''यूपी में करप्शन नहीं है क्या? राजस्थान, मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार नहीं है? सबसे बड़ा घोटाला मध्य प्रदेश में हुआ. हैदराबाद में होने वाली परिसीमन पर अगली बैठक के बारे में उन्होंने कहा, "जहां भी हमें बुलाया जाएगा, हम जाएंगे.'' परिसीमन को लेकर AAP नेता संजय सिंह ने क्या कहा? उधर, आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी परिसीमन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ''राज्यों का प्रतिनिधित्व, उनका प्रतिशत अगर देश की संसद में कम होगा तो उनके लिए ये चिंता स्वभाविक है. जैसे पंजाब की बात करते हैं तो अभी तक जो जानकारी मिल रही है कि सीटें तो पंजाब की भी बढ़ेंगी लेकिन जो प्रतिनिधित्व है उसका प्रतिशत कम हो जाएगा. तो एक राज्य के मुख्यमंत्री होने के नाते भगवंत मान और एमके स्टालिन को भी चिंता करने की जरूरत है, या जो भी राज्य हैं उनके सीएम को चिंता करने की जरूरत है.''

परिसीमन पर CM भगवंत मान ने BJP को घेरा, 'उन सीटों को कम कर रहे हैं, जहां वे...'
“Netaa Nagari”
सीएम भगवंत मान ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा उन निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या को कम कर रही है, जहां उनकी स्थिति कमजोर है। इस लेख में हम इस बयान के पीछे के तथ्यों और राजनीति में इसकी संभावित प्रभावों पर चर्चा करेंगे।
सीएम भगवंत मान का बयान
सीएम भगवंत मान ने कहा, “भाजपा केवल राजनीतिक स्वार्थों के लिए अपनी रणनीतियों को लागू कर रही है। वे उन सीटों को कम कर रहे हैं, जहां उनकी स्थिति कमजोर है। इससे साफ है कि वे लोगों की वास्तविक समस्याओं से मुंह चुरा रहे हैं।” मान ने इस बयान के माध्यम से यह संकेत दिया कि वर्तमान परिसीमन प्रक्रिया चुनावी स्वार्थों से प्रेरित है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा हो सकता है।
परिसीमन का महत्व
परिसीमन निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाओं को निर्धारित करने वाली एक प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया हर दस साल में जनगणना के आधार पर की जाती है। हालांकि, इसका उपयोग राजनीतिक लाभ के लिए किस तरह किया जाएगा, यह एक बड़ी चर्चा का विषय है। विशेषज्ञों का मानना है कि परिसीमन का दुरुपयोग किसी भी राजनीतिक दल द्वारा किया जा सकता है।
भाजपा की प्रतिक्रिया
जहां सीएम भगवंत मान ने भाजपा पर आरोप लगाया है, वहीं भाजपा ने इसे राजनीति का एक खेल करार दिया है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा, "सीएम मान अपनी असफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। उन्हें उन समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए, जिनसे लोग जूझ रहे हैं।" यह जवाब राजनीतिक माहौल को और गर्मा सकता है।
नागरिकों की प्रतिक्रिया
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि उन्हें भाजपा की नीतियों में कोई बदलाव नहीं दिखता। कई लोग मानते हैं कि सही ढंग से परिसीमन होना चाहिए, लेकिन इसे राजनीतिक स्वार्थ से बचना चाहिए। पंचायत चुनावों में अधिक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है।
निष्कर्ष
सीएम भगवंत मान का यह बयान केवल आंकड़ों पर आधारित आलोचना नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक स्वार्थ और लोकतंत्र की संजीवनी का संकेत भी है। आने वाले समय में इसे लेकर राजनीतिक चर्चाएं और भी बढ़ सकती हैं। इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रखना आवश्यक है।
नागरिकों की भागीदारी और जागरूकता इस प्रक्रिया में विशेष महत्व रखती है। अंत में, हमें अपने राजनीतिक नेताओं से यह अपेक्षा करनी चाहिए कि वे जनता के हितों को प्राथमिकता दें।
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