झारखंड पीएमश्री विद्यालय के शिक्षक ने DC से की DEO की शिकायत, मारपीट और गाली देने समेत लगाए कई आरोप
Jharkhand Latest News: झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में मार्च लूट को लेकर बड़ा मामला सामने आया है. यह मामला पश्चिमी सिंहभूम के पीएमश्री विद्यालयों से जुड़ा है. दरअसल, चक्रधरपुर अनुमंडल के पीएमश्री प्लस टू उच्च विद्यालय रोलाडीह के सहायक शिक्षक अजय कुमार महतो ने जिला शिक्षा पदाधिकारी टोनी प्रेमराज टोप्पो पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने जिले के उपायुक्त कुलदीप चौधरी से इस बाबत लिखित शिकायत की है. साथ ही न्याय की गुहार लगाई है. पीएमश्री प्लस टू उच्च विद्यालय रोलाडीह के सहायक शिक्षक और शिकायतकर्ता अजय कुमार महतो ने जिला शिक्षा पदाधिकारी पर मारपीट व अभद्र व्यवहार करने और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. क्या है पूरा मामला? 27 मार्च 2025 को चाईबासा में पीएमश्री प्लस 2 जिला 'उच्च विद्यालय में जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से जिलास्तरीय सभी पीएमश्री विद्यालयों का सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में पीएमश्री प्लस टू उच्च विद्यालय रोलाडीह के बच्चों ने भी भाग लिया था. पीड़ित सहायक शिक्षक अजय कुमार महतो के मुताबिक कार्यक्रम समाप्ति के पश्चात मैं और हमारे प्रधानाध्यापक जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में कक्षा-9 एवं कक्षा 10 का प्रैक्टिकल मार्क्स जमा करने के लिए गए थे. सहायक शिक्षक के मुताबिक प्रधानाध्यापक डीईओ कार्यालय से पीएमश्री स्कूल के लिए बिल वाउचर लिए और कक्षा-9 एवं कक्षा-10 का प्रैक्टिकल मार्क्स की फाइल जमा करने के लिए लिपिक के पास चले गए. लिपिक ने जैक 3 कार्यालय का आदेश प्राप्त नहीं होने के कारण प्रैक्टिकल मार्क्स की फाइल जमा करने से इनकार कर दिया. सहायक शिक्षक के अनुसार इसके तुरंत बाद लिपिक जितेन बांकुड़ा ने फोन कर डीईओ सर का बुलावा कहकर शाम 5:18 बजे मुझे कार्यालय बुलाया. थोड़ी देर बाद डीईओ अपने कार्यालय कक्ष पहुंचे तो लिपिक ने डीईओ कक्ष में जाने को कहा. कार्यालय में घुसते ही डीईओ ने मुझे अपशब्द कहना शुरू कर दिया और अपनी कुर्सी से उठकर दरवाजा के पास आकर मेरे को गाल में जोर से एक तमाचा मारा, जिससे मेरा चश्मा नीचे गिर गया और टूट गया. उसके बाद से मेरी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. अब सहायक शिक्षक अजय कुमार महतो ने उपायुक्त से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि इस घटना का प्रत्यक्षदर्शी कार्यालय के लिपिक जितेन बांकुड़ा एवं लेखपाल अनुषा कुमारी और इसका साक्ष्य कार्यालय में लगे सीसीटीवी से मिल सकता है. शिक्षक ने यह भी कहा कि मेरे अलावे पूर्व में एडीपीओ के साथ भी मारपीट हुई थी, जिसकी लिखित उपायुक्त से की गई थी, लेकिन अब तक न्याय नहीं मिला. बता दें कि डीईओ की ओर से पीएम श्री विद्यालयों में गतिविधियां संचालित करने को लेकर मार्च के अंतिम सप्ताह में आनन-फानन में दो करोड़ रुपये की राशि खर्च करने के लिए शिक्षकों पर दिए जा रहे हैं. उसके बाद ये मामला सामने आया है.

झारखंड पीएमश्री विद्यालय के शिक्षक ने DC से की DEO की शिकायत, मारपीट और गाली देने समेत लगाए कई आरोप
Netaa Nagari की टीम से, लेखिका: स्नेहा शर्मा
झारखंड के एक पीएमश्री विद्यालय में शिक्षक ने जिला उपायुक्त (DC) के पास अपने विभागीय शिक्षा अधिकारी (DEO) के खिलाफ गंभीर शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में शिक्षक ने मारपीट, गाली-गलौज, और मानसिक उत्पीड़न जैसे कई गंभीर आरोप लगाए हैं। यह घटना शिक्षा क्षेत्र में गंभीर बर्खास्तगी का मामला बन सकती है।
मामले का संक्षिप्त विवरण
झारखंड के एक पीएमश्री विद्यालय में शिक्षकों के साथ हो रही दुर्व्यवहार की घटनाएँ लगातार बढ़ती जा रही हैं। एक शिक्षक ने DEO पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उसे फिजिकल और वर्बल एब्यूज का शिकार बनाया। शिक्षक के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब उन्होंने कुछ जरूरी दस्तावेजों के बारे में DEO से बात करने की कोशिश की।
शिक्षक का आरोप
शिक्षक का कहना है कि DEO ने न केवल उसे गालियाँ दीं, बल्कि उन्हें मारने की भी कोशिश की। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहली बार नहीं है जब DEO ने उनके साथ ऐसा व्यवहार किया है। शिक्षक ने कहा, “मैंने हमेशा बच्चों के भविष्य के लिए काम किया है, लेकिन अब मुझे खुद को सुरक्षित रखने के लिए इस कदम को उठाना पड़ा।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
शिक्षक की इस शिकायत के बाद प्रशासन ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। DC ने शिक्षक की शिकायत को जल्दी सुनवाई का आश्वासन दिया है, और DEO से इस संबंध में जवाब माँगा है। छात्र-शिक्षक कल्याण के लिए यह आवश्यक है कि प्रशासन त्वरित कार्रवाई करे।
शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा
यह घटना शिक्षकों के अधिकारों को लेकर भी एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा करती है। क्या शिक्षकों को अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने पर इस तरह के उत्पीड़न का सामना करना पड़ेगा? यह सवाल सभी शिक्षकों, छात्रों और समाज के लिए विचारणीय है। क्योंकि एक सुरक्षित और समर्थ शिक्षण वातावरण बच्चों के बेहतर भविष्य की नींव रखता है।
निष्कर्ष
शिक्षक की शिकायत से यह साफ है कि स्कूली शिक्षा में वैचारिक समर्पण और शिक्षा अधिकारियों द्वारा हो रहे दुर्व्यवहार को नकारा नहीं जा सकता। यदि इस मामले का सही समाधान नहीं किया गया, तो यह आने वाले दिनों में अन्य शिक्षकों के लिए एक उदाहरण बन सकता है। उम्मीद है कि प्रशासन इस मामले में उचित कार्रवाई करेगा।
इस प्रकार के मामले से社会 में जागरूकता बढ़ने की आवश्यकता है ताकि सभी शिक्षकों को अपने अधिकारों की रक्षा का आत्मविश्वास मिले।
अधिक जानकारी के लिए, netaanagari.com पर जाएं।
Keywords
Jharkhand, PM Shri Vidyalaya, teacher complaint, DEO, DC, physical abuse, verbal abuse, education rights, teacher safety, government actionWhat's Your Reaction?






